सिद्धार्थनगर के खेसरहा क्षेत्र स्थित सकारपार गांव में आदर्श रामलीला समिति द्वारा आयोजित रामलीला के आठवें दिन बाली वध से लेकर लंका दहन तक की लीला का मंचन किया गया। इस दौरान कार्यक्रम स्थल पर भारी भीड़ उमड़ी और जय-जयकारों से पूरा मैदान गूंज उठा। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि वरिष्ठ अधिवक्ता देवेंद्रनाथ त्रिपाठी ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। उन्होंने कहा कि रामलीला जैसे आयोजन समाज में संस्कृति और आदर्श मूल्यों को बढ़ावा देते हैं। मुख्य आयोजक शैलेश मिश्रा ने मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि समिति वर्षों से सांस्कृतिक परंपराओं का संरक्षण कर रही है और ग्रामीणों का निरंतर सहयोग इस कार्य को मजबूत बनाता है। कार्यक्रम की व्यवस्थाओं में समिति के अध्यक्ष रुद्रनाथ त्रिपाठी, उपाध्यक्ष रजनीश मिश्रा और प्रमुख सदस्यों मारकंडे मिश्रा, राजेश पांडे, अखिलेश मिश्रा, अनिल मिश्रा, प्रेम मिश्रा, राहुल मिश्रा, रिंटू मिश्रा तथा सत्यम वर्मा सहित कई कार्यकर्ताओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मंचन के दौरान बाली वध, हनुमानजी का समुद्र लांघना, अशोक वाटिका में सीता से भेंट और लंका दहन जैसे दृश्य दर्शकों के आकर्षण का केंद्र रहे। कलाकारों की संवाद अदायगी और प्रकाश व्यवस्था ने लोगों की सराहना बटोरी। समिति ने बताया कि दिन में 12 बजे से विशेष मेला कार्यक्रम भी आयोजित होगा। इसमें लक्ष्मण शक्ति कुंभकरण वध मेघनाद वध और रावण वध से संबंधित प्रस्तुति की जाएगी, जिसे लेकर ग्रामीणों में उत्साह देखा जा रहा है। इसके अलावा, रात्रि के समय ‘राम का राज्याभिषेक’ प्रसंग का मंचन प्रस्तुत किया जाएगा, जिसकी तैयारियाँ अंतिम चरण में हैं। यह प्रसंग पूरे कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण माना जा रहा है और बड़ी संख्या में दर्शकों के जुटने की संभावना है। समिति के अनुसार, आगामी दिनों में भी कई महत्वपूर्ण लीला प्रसंगों का मंचन जारी रहेगा।
सकारपार में रामलीला का आठवां दिन:बाली वध से लंका दहन तक की लीला का मंचन
सिद्धार्थनगर के खेसरहा क्षेत्र स्थित सकारपार गांव में आदर्श रामलीला समिति द्वारा आयोजित रामलीला के आठवें दिन बाली वध से लेकर लंका दहन तक की लीला का मंचन किया गया। इस दौरान कार्यक्रम स्थल पर भारी भीड़ उमड़ी और जय-जयकारों से पूरा मैदान गूंज उठा। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि वरिष्ठ अधिवक्ता देवेंद्रनाथ त्रिपाठी ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। उन्होंने कहा कि रामलीला जैसे आयोजन समाज में संस्कृति और आदर्श मूल्यों को बढ़ावा देते हैं। मुख्य आयोजक शैलेश मिश्रा ने मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि समिति वर्षों से सांस्कृतिक परंपराओं का संरक्षण कर रही है और ग्रामीणों का निरंतर सहयोग इस कार्य को मजबूत बनाता है। कार्यक्रम की व्यवस्थाओं में समिति के अध्यक्ष रुद्रनाथ त्रिपाठी, उपाध्यक्ष रजनीश मिश्रा और प्रमुख सदस्यों मारकंडे मिश्रा, राजेश पांडे, अखिलेश मिश्रा, अनिल मिश्रा, प्रेम मिश्रा, राहुल मिश्रा, रिंटू मिश्रा तथा सत्यम वर्मा सहित कई कार्यकर्ताओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मंचन के दौरान बाली वध, हनुमानजी का समुद्र लांघना, अशोक वाटिका में सीता से भेंट और लंका दहन जैसे दृश्य दर्शकों के आकर्षण का केंद्र रहे। कलाकारों की संवाद अदायगी और प्रकाश व्यवस्था ने लोगों की सराहना बटोरी। समिति ने बताया कि दिन में 12 बजे से विशेष मेला कार्यक्रम भी आयोजित होगा। इसमें लक्ष्मण शक्ति कुंभकरण वध मेघनाद वध और रावण वध से संबंधित प्रस्तुति की जाएगी, जिसे लेकर ग्रामीणों में उत्साह देखा जा रहा है। इसके अलावा, रात्रि के समय ‘राम का राज्याभिषेक’ प्रसंग का मंचन प्रस्तुत किया जाएगा, जिसकी तैयारियाँ अंतिम चरण में हैं। यह प्रसंग पूरे कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण माना जा रहा है और बड़ी संख्या में दर्शकों के जुटने की संभावना है। समिति के अनुसार, आगामी दिनों में भी कई महत्वपूर्ण लीला प्रसंगों का मंचन जारी रहेगा।









































