बलरामपुर में दुष्कर्म के दोषी को 14 साल की सजा:कोर्ट ने 30 हजार रुपए का जुर्माना लगाया, 3 साल बाद आया फैसला

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बलरामपुर में दुष्कर्म के एक मामले में न्यायालय ने दोषी को 14 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। अभियुक्त पर 30,000 रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है। यह फैसला महिलाओं की सुरक्षा के लिए चलाए जा रहे मिशन शक्ति अभियान (फेज-5.0) और ऑपरेशन कनविक्शन के तहत प्रभावी पैरवी का परिणाम है। पुलिस अधीक्षक विकास कुमार के नेतृत्व में पुलिस टीम ने इस मामले में लगातार सशक्त पैरवी की। मॉनिटरिंग सेल के नोडल प्रभारी अपर पुलिस अधीक्षक विशाल पाण्डेय, विशेष लोक अभियोजक कुलदीप सिंह, मॉनिटरिंग सेल प्रभारी बृजानंद सिंह और थाना ललिया पुलिस ने न्यायालय में निर्णायक भूमिका निभाई। यह मामला 12 मई 2022 को शुरू हुआ था, जब पीड़िता ने थाना ललिया में लिखित शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि ग्राम हड़हा मश0 गोड़वा, थाना ललिया निवासी प्रिंस पुत्र रामजी ने उसके साथ दुष्कर्म किया। तहरीर के आधार पर थाना ललिया में मामला दर्ज किया गया। मामले की विवेचना निरीक्षक संतोष कुमार तिवारी ने की और साक्ष्यों के आधार पर आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। अपर सत्र न्यायाधीश, कोर्ट संख्या-6, बलरामपुर ने अभियुक्त प्रिंस पुत्र रामजी को दोषी ठहराया। न्यायालय ने उसे 14 वर्ष के कठोर कारावास और 30,000 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया।
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