बलरामपुर में खुलेगा ईको-फ्रेंडली थारू कैफे:सोहेलवा वन्य जीव प्रभाग में मिलेगा पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद, पर्यटन बढ़ाने को पहल

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बलरामपुर के सोहेलवा वन्य जीव प्रभाग में स्थित जरवा ईको पर्यटन स्थल पर जल्द ही ‘थारू कैफे’ खुलेगा। दारा नाला के रमणीय तट पर खुलने वाला यह कैफे पर्यटकों को चाय के साथ थारू जनजाति के पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद प्रदान करेगा। इस कैफे में डिकरी (पीठा), घोंघी, मुरब्बा, गुलगुला, खजुरिया, पटोला, ढिस्सा, स्योंढ़ा और देशी घी के छौंके वाली दाल जैसे स्थानीय व्यंजन परोसे जाएंगे। कैफे को पूरी तरह ईको-फ्रेंडली स्वरूप में विकसित किया जाएगा, जिसके लिए आर्किटेक्ट की मदद ली जा रही है। इस कैफे का संचालन थारू जनजाति की महिलाएं करेंगी। यह पहल महिलाओं को रोजगार और आत्मनिर्भरता प्रदान करेगी, साथ ही पर्यटकों को स्थानीय संस्कृति और खानपान से परिचित होने का अवसर मिलेगा। अयोध्या में प्रभु श्रीराम मंदिर निर्माण के बाद प्रदेश में पर्यटकों की संख्या में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है। अयोध्या धाम आने वाले श्रद्धालु देवीपाटन मंदिर सहित आसपास के धार्मिक स्थलों का भी रुख कर रहे हैं। इसी क्रम में बलरामपुर जिले में पर्यटन संभावनाओं को बढ़ावा देने के लिए यह पहल की गई है। नेपाल सीमा से सटा सोहेलवा जंगल बाघ, तेंदुआ और हिरन सहित अनेक वन्य जीवों के लिए प्रसिद्ध है। देवीपाटन मंदिर से मात्र 20 किलोमीटर दूर तुलसीपुर में स्थित जरवा ईको पर्यटन स्थल पर्यटकों को प्रकृति के करीब समय बिताने का अवसर देता है। थारू कैफे के खुलने से यह स्थल अब स्वाद और संस्कृति का भी संगम बनेगा। जिलाधिकारी विपिन कुमार जैन ने बताया कि चित्तौड़गढ़ जलाशय पर रात्रि विश्राम की व्यवस्था पर भी काम शुरू हो चुका है। दारा नाला के पास का शांत और मनोरम वातावरण पर्यटकों को एक विशेष अनुभव देगा। थारू कैफे के माध्यम से न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय जनजातीय संस्कृति को भी नई पहचान मिलेगी।
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