जमुनहा तहसील प्रांगण में किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर एक पंचायत का आयोजन किया। इसके बाद, यूनियन के नेताओं ने उपजिलाधिकारी जमुनहा को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें राप्ती बैराज से संबंधित बांध निर्माण, खाद की कालाबाजारी रोकने और बंदरों के आतंक से निजात दिलाने सहित पांच प्रमुख मांगें शामिल थीं। किसानों की मुख्य मांगों में राप्ती बैराज से शिकारी चौड़ा गांव के सामने तक बांध का निर्माण कराना शामिल है। इसके अतिरिक्त, जमुनहा तहसील को बाढ़ से बचाने के लिए बैराज से मधवापुर घाट और शिकारी चौड़ा तक एक गाइड बांध बनवाने की भी मांग की गई। साधन सहकारी समिति शिकारी चौड़ा में धान और गेहूं की खरीद तो की जाती है, लेकिन खाद की बिक्री समिति परिसर से न करके पटना में रखकर की जाती है। इस संबंध में सचिव ने बताया कि समिति का भवन जर्जर है और वहां खाद रखने योग्य स्थिति नहीं है। भवन निर्माण के बाद समिति से ही खाद का वितरण किया जाएगा। किसानों ने निजी दुकानों पर खाद की कालाबाजारी रोकने के लिए भी मांग की। उन्होंने कहा कि इन दुकानों पर किसी अधिकारी या नोडल अधिकारी की तैनाती की जाए ताकि अधिक दामों पर खाद की बिक्री न हो और किसानों को सुचारु रूप से खाद मिल सके। साथ ही, दुकानों पर रेट बोर्ड लगाने और कृषि विभाग के नोडल अधिकारी की देखरेख में खाद वितरण कराने की भी मांग की गई। ग्राम पंचायत हरदत्त नगर गिरंट के अंतर्गत काशीपुरवा, गिरंट बाजार, बलिदानपुरवा और उत्तरी जैयपत्तर पुरवा जैसे कई मजरों में बंदरों के आतंक से ग्रामीण परेशान हैं। बंदर गेहूं और मक्के की फसल को नष्ट कर देते हैं, घरों में घुसकर खाना ले जाते हैं और बच्चों को काट लेते हैं। किसानों ने वन विभाग से बंदरों को पकड़कर जंगल में छोड़ने की मांग की ताकि उन्हें राहत मिल सके। ज्ञापन सौंपते समय जिलाध्यक्ष अजय चौधरी, किसान यूनियन श्रावस्ती के तहसील अध्यक्ष जमुना प्रसाद विश्वकर्मा, तिलक राम, श्रावस्ती जिला ग्राम संगठन मंत्री बांकेलाल चौधरी ‘क्रांतिकारी’ और अन्य किसान नेता मौजूद रहे।









































