सिद्धार्थनगर के बर्डपुर स्थित श्री साईं फार्मा क्लिनिक में गर्भस्थ शिशु की मौत के मामले में एक गंभीर आरोप सामने आया है। पीड़िता के परिजनों ने आरोप लगाया है कि 19 दिसंबर को उन्हें क्लिनिक पर बुलाकर 15 हजार रुपए दिए गए और वीडियो बनवाने का दबाव डाला गया। बाद में ये पैसे जबरन छीन लिए गए। इस आरोप को अब जांच का अहम बिंदु बनाया गया है, जिसे मामले को दबाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। यह मामला 19 दिसंबर की सुबह दैनिक भास्कर में खबर प्रकाशित होने के बाद सामने आया था। खबर का संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी शिवशरणप्पा जी.एन. ने तत्काल स्वास्थ्य विभाग को जांच के निर्देश दिए। तब से यह प्रकरण लगातार प्रशासनिक कार्रवाई और जांच के दायरे में है। जिलाधिकारी के निर्देश पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रजत कुमार चौरसिया ने एक तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन किया है। इस टीम में एडिशनल सीएमओ डॉ. संजय गुप्ता, एडिशनल सीएमओ डॉ. आशीष अग्रहरी और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बर्डपुर के अधीक्षक डॉ. सुबोध चंद्र शामिल हैं। टीम को पूरे घटनाक्रम की गहनता से जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। शनिवार को जांच टीम ने श्री साईं फार्मा क्लिनिक का दौरा किया। टीम ने मौके का निरीक्षण किया और क्लीनिक संचालक का बयान दर्ज किया। हालांकि, इस दौरान पीड़िता का बयान दर्ज नहीं हो सका। अधिकारियों ने बताया कि पीड़िता से संपर्क स्थापित किया जा रहा है और जल्द ही उनका बयान भी दर्ज किया जाएगा, ताकि पैसे और दबाव से जुड़े आरोपों की पुष्टि हो सके। सीएचसी अधीक्षक डॉ. सुबोध चंद्र ने जानकारी दी कि जांच में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं को शामिल किया गया है। इनमें यह पता लगाना शामिल है कि डिलीवरी किसने कराई, पीड़िता को क्लीनिक तक कौन लेकर गया, कथित “छोटा ऑपरेशन” किसने किया और वीडियो बनवाने का दबाव क्यों डाला गया। इन सभी पहलुओं की अलग-अलग जांच की जा रही है।
वीडियो बनाने के बदले 15 हजार दिए, फिर जबरन छीने:शिशु मौत केस में बड़ा आरोप, DM के आदेश पर जांच के आदेश
सिद्धार्थनगर के बर्डपुर स्थित श्री साईं फार्मा क्लिनिक में गर्भस्थ शिशु की मौत के मामले में एक गंभीर आरोप सामने आया है। पीड़िता के परिजनों ने आरोप लगाया है कि 19 दिसंबर को उन्हें क्लिनिक पर बुलाकर 15 हजार रुपए दिए गए और वीडियो बनवाने का दबाव डाला गया। बाद में ये पैसे जबरन छीन लिए गए। इस आरोप को अब जांच का अहम बिंदु बनाया गया है, जिसे मामले को दबाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। यह मामला 19 दिसंबर की सुबह दैनिक भास्कर में खबर प्रकाशित होने के बाद सामने आया था। खबर का संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी शिवशरणप्पा जी.एन. ने तत्काल स्वास्थ्य विभाग को जांच के निर्देश दिए। तब से यह प्रकरण लगातार प्रशासनिक कार्रवाई और जांच के दायरे में है। जिलाधिकारी के निर्देश पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रजत कुमार चौरसिया ने एक तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन किया है। इस टीम में एडिशनल सीएमओ डॉ. संजय गुप्ता, एडिशनल सीएमओ डॉ. आशीष अग्रहरी और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बर्डपुर के अधीक्षक डॉ. सुबोध चंद्र शामिल हैं। टीम को पूरे घटनाक्रम की गहनता से जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। शनिवार को जांच टीम ने श्री साईं फार्मा क्लिनिक का दौरा किया। टीम ने मौके का निरीक्षण किया और क्लीनिक संचालक का बयान दर्ज किया। हालांकि, इस दौरान पीड़िता का बयान दर्ज नहीं हो सका। अधिकारियों ने बताया कि पीड़िता से संपर्क स्थापित किया जा रहा है और जल्द ही उनका बयान भी दर्ज किया जाएगा, ताकि पैसे और दबाव से जुड़े आरोपों की पुष्टि हो सके। सीएचसी अधीक्षक डॉ. सुबोध चंद्र ने जानकारी दी कि जांच में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं को शामिल किया गया है। इनमें यह पता लगाना शामिल है कि डिलीवरी किसने कराई, पीड़िता को क्लीनिक तक कौन लेकर गया, कथित “छोटा ऑपरेशन” किसने किया और वीडियो बनवाने का दबाव क्यों डाला गया। इन सभी पहलुओं की अलग-अलग जांच की जा रही है।








































