सिसवा कस्बे के आरपीआईसी स्कूल में रविवार को तीन दिवसीय रॉकेटरी कार्यशाला का समापन हुआ। इस कार्यशाला के अंतिम दिन छात्रों द्वारा बनाए गए रॉकेटों का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया। कार्यशाला के पहले दिन, इसरो के वैज्ञानिक और वरिष्ठ शोधकर्ता डॉ. मनीष कुमार ने छात्रों को रॉकेटरी और अंतरिक्ष विज्ञान पर क्लासरूम प्रशिक्षण प्रदान किया। उन्होंने विद्यार्थियों के सवालों के जवाब भी दिए। इस कार्यशाला में अंतरिक्ष विज्ञान में रुचि रखने वाले कुल 150 छात्रों को प्रशिक्षित किया गया। दूसरे दिन, छात्रों ने स्वयं रॉकेट मॉडल तैयार किए। विद्यार्थियों के समूहों द्वारा कुल 22 रॉकेट बनाए गए। इन मॉडलों में छात्रों ने नॉन-फ्लेमेबल पाइप के अंदर फास्फोरस युक्त मोटर का उपयोग किया। रॉकेट को अंतिम रूप देने के लिए प्लास्टिक डिज़ाइन के मॉडल भी जोड़े गए। तीसरे और अंतिम दिन, छात्रों ने खुले मैदान में इन रॉकेट मॉडलों का प्रक्षेपण किया। इस दौरान विशेष प्रशिक्षक टीम और मुख्य ट्रेनर रघुवीर जी ने मार्गदर्शन प्रदान किया। सभी रॉकेट सफलतापूर्वक लॉन्च हुए। कार्यशाला के समापन पर विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र भी प्रदान किए गए। इस आयोजन में विद्यालय के छात्रों अंकिता ओझा, जान्हवी जयसवाल, अंश कुमार, रानी गुप्ता, ख्वाइश गुप्ता, प्रिंस कुमार, अनिक जयसवाल, कौशल यादव, श्वेता कुशवाहा, अनुपमा कुशवाहा, अंशुमान, आयुष पाण्डेय और सृष्टि मिश्र ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। विद्यालय के संचालक डॉ. पंकज तिवारी ने बताया कि ऐसे कार्यक्रम छात्रों को भविष्य के लिए उचित करियर चुनने में सहायता करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अब आने वाली विज्ञान प्रदर्शनियों में छात्र विज्ञान मॉडल के साथ-साथ रॉकेट मॉडल भी बना पाएंगे। इस सफल आयोजन में इसरो की टीम और ट्रेनर्स के अतिरिक्त विद्यालय के अध्यापक प्रतीक श्रीवास्तव, तौसीफ अली, आशीष कुमार और अन्य कई अध्यापकों ने सहयोग प्रदान किया।
सिसवा में इसरो की तीन दिवसीय रॉकेटरी कार्यशाला: आरपीआईसी के छात्रों ने बनाए 22 रॉकेट, सभी का किया सफल प्रक्षेपण – Siswa(Maharajganj) News
सिसवा कस्बे के आरपीआईसी स्कूल में रविवार को तीन दिवसीय रॉकेटरी कार्यशाला का समापन हुआ। इस कार्यशाला के अंतिम दिन छात्रों द्वारा बनाए गए रॉकेटों का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया। कार्यशाला के पहले दिन, इसरो के वैज्ञानिक और वरिष्ठ शोधकर्ता डॉ. मनीष कुमार ने छात्रों को रॉकेटरी और अंतरिक्ष विज्ञान पर क्लासरूम प्रशिक्षण प्रदान किया। उन्होंने विद्यार्थियों के सवालों के जवाब भी दिए। इस कार्यशाला में अंतरिक्ष विज्ञान में रुचि रखने वाले कुल 150 छात्रों को प्रशिक्षित किया गया। दूसरे दिन, छात्रों ने स्वयं रॉकेट मॉडल तैयार किए। विद्यार्थियों के समूहों द्वारा कुल 22 रॉकेट बनाए गए। इन मॉडलों में छात्रों ने नॉन-फ्लेमेबल पाइप के अंदर फास्फोरस युक्त मोटर का उपयोग किया। रॉकेट को अंतिम रूप देने के लिए प्लास्टिक डिज़ाइन के मॉडल भी जोड़े गए। तीसरे और अंतिम दिन, छात्रों ने खुले मैदान में इन रॉकेट मॉडलों का प्रक्षेपण किया। इस दौरान विशेष प्रशिक्षक टीम और मुख्य ट्रेनर रघुवीर जी ने मार्गदर्शन प्रदान किया। सभी रॉकेट सफलतापूर्वक लॉन्च हुए। कार्यशाला के समापन पर विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र भी प्रदान किए गए। इस आयोजन में विद्यालय के छात्रों अंकिता ओझा, जान्हवी जयसवाल, अंश कुमार, रानी गुप्ता, ख्वाइश गुप्ता, प्रिंस कुमार, अनिक जयसवाल, कौशल यादव, श्वेता कुशवाहा, अनुपमा कुशवाहा, अंशुमान, आयुष पाण्डेय और सृष्टि मिश्र ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। विद्यालय के संचालक डॉ. पंकज तिवारी ने बताया कि ऐसे कार्यक्रम छात्रों को भविष्य के लिए उचित करियर चुनने में सहायता करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अब आने वाली विज्ञान प्रदर्शनियों में छात्र विज्ञान मॉडल के साथ-साथ रॉकेट मॉडल भी बना पाएंगे। इस सफल आयोजन में इसरो की टीम और ट्रेनर्स के अतिरिक्त विद्यालय के अध्यापक प्रतीक श्रीवास्तव, तौसीफ अली, आशीष कुमार और अन्य कई अध्यापकों ने सहयोग प्रदान किया।









































