सिद्धार्थनगर जिले में सोमवार को सर्दी ने और विकराल रूप धारण कर लिया। कड़ाके की ठंड के साथ सुबह से ही घना कोहरा छाया रहा। तापमान 11 से 12 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया, जबकि दृश्यता सिमटकर महज 5 मीटर तक पहुंच गई। चारों ओर धुंध की मोटी चादर छाई रही, जिससे आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ घने कोहरे के कारण सड़कों पर चलना मुश्किल हो गया। हालात ऐसे रहे कि वाहन चालकों को दिन में भी हेडलाइट जलाकर धीमी रफ्तार से वाहन चलाने पड़े। छोटी सी चूक हादसे का कारण बन सकती थी, इसलिए लोग अतिरिक्त सतर्कता बरतते नजर आए। शीतलहर और नमी ने बढ़ाई ठिठुरन बीते कई दिनों से जारी शीतलहर, ठंडी हवाओं और बढ़ती नमी के चलते ठंड का असर लगातार बढ़ता जा रहा है। तापमान में गिरावट से ठिठुरन तेज हो गई है। लोग अलाव, हीटर और गर्म कपड़ों का सहारा लेते दिखाई दे रहे हैं। ग्रामीण इलाकों में हालात ज्यादा खराब ग्रामीण क्षेत्रों में ठंड का असर ज्यादा गंभीर बना हुआ है। खुले में काम करने वाले मजदूर, किसान और छोटे दुकानदार सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। सुबह-शाम काम करना मुश्किल हो गया है और लोग जरूरी काम निपटाकर जल्दी घर लौटने को मजबूर हैं। कक्षा 1 से 12 तक स्कूलों में अवकाश मौसम की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने पहले ही कक्षा 1 से 12 तक के सभी विद्यालयों में अवकाश घोषित कर रखा है। 20 दिसंबर को जारी आदेश के बाद ठंड और कोहरे में कोई राहत न मिलने के कारण 22 दिसंबर को भी स्कूल बंद रखे गए। प्रशासन के अनुसार बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है। अभिभावकों ने फैसले का किया स्वागत स्कूल बंद होने से अभिभावकों में राहत देखी जा रही है। उनका कहना है कि घने कोहरे और कड़ाके की ठंड में बच्चों को स्कूल भेजना जोखिम भरा हो गया था। सड़क हादसों और बीमारियों की आशंका को देखते हुए प्रशासन का फैसला समय पर उठाया गया कदम बताया जा रहा है। यातायात व्यवस्था पर भी पड़ा असर कोहरे का असर यातायात व्यवस्था पर भी साफ दिखाई दिया। जिले की प्रमुख सड़कों और हाईवे पर वाहन रेंगते नजर आए। बसों और निजी वाहनों की गति बेहद धीमी रही। कई जगह जाम की स्थिति बनी, जिससे यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ी। रेलवे और बस सेवाएं भी कोहरे से प्रभावित रहीं। बीमारियों के मरीज बढ़े, सतर्क रहने की सलाह स्वास्थ्य विभाग के अनुसार ठंड और शीतलहर के चलते सर्दी, खांसी, बुखार और सांस संबंधी बीमारियों के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। बुजुर्गों और छोटे बच्चों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। चिकित्सकों का कहना है कि गर्म कपड़े पहनें, ठंडी हवा से बचें और गर्म भोजन करें। आगे भी राहत के आसार नहीं मौसम विशेषज्ञों के अनुसार फिलहाल ठंड से राहत मिलने की संभावना कम है। आने वाले दिनों में भी घना कोहरा और शीतलहर बने रहने की आशंका है। न्यूनतम तापमान में और गिरावट हो सकती है। ऐसे में प्रशासन सतर्क है और जरूरत पड़ने पर आगे भी अवकाश व अन्य एहतियाती कदम उठाए जा सकते हैं।
सिद्धार्थनगर में कड़ाके की ठंड, घना कोहरा छाया:तापमान 11 डिग्री, दृश्यता 5 मीटर; जनजीवन प्रभावित
सिद्धार्थनगर जिले में सोमवार को सर्दी ने और विकराल रूप धारण कर लिया। कड़ाके की ठंड के साथ सुबह से ही घना कोहरा छाया रहा। तापमान 11 से 12 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया, जबकि दृश्यता सिमटकर महज 5 मीटर तक पहुंच गई। चारों ओर धुंध की मोटी चादर छाई रही, जिससे आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ घने कोहरे के कारण सड़कों पर चलना मुश्किल हो गया। हालात ऐसे रहे कि वाहन चालकों को दिन में भी हेडलाइट जलाकर धीमी रफ्तार से वाहन चलाने पड़े। छोटी सी चूक हादसे का कारण बन सकती थी, इसलिए लोग अतिरिक्त सतर्कता बरतते नजर आए। शीतलहर और नमी ने बढ़ाई ठिठुरन बीते कई दिनों से जारी शीतलहर, ठंडी हवाओं और बढ़ती नमी के चलते ठंड का असर लगातार बढ़ता जा रहा है। तापमान में गिरावट से ठिठुरन तेज हो गई है। लोग अलाव, हीटर और गर्म कपड़ों का सहारा लेते दिखाई दे रहे हैं। ग्रामीण इलाकों में हालात ज्यादा खराब ग्रामीण क्षेत्रों में ठंड का असर ज्यादा गंभीर बना हुआ है। खुले में काम करने वाले मजदूर, किसान और छोटे दुकानदार सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। सुबह-शाम काम करना मुश्किल हो गया है और लोग जरूरी काम निपटाकर जल्दी घर लौटने को मजबूर हैं। कक्षा 1 से 12 तक स्कूलों में अवकाश मौसम की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने पहले ही कक्षा 1 से 12 तक के सभी विद्यालयों में अवकाश घोषित कर रखा है। 20 दिसंबर को जारी आदेश के बाद ठंड और कोहरे में कोई राहत न मिलने के कारण 22 दिसंबर को भी स्कूल बंद रखे गए। प्रशासन के अनुसार बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है। अभिभावकों ने फैसले का किया स्वागत स्कूल बंद होने से अभिभावकों में राहत देखी जा रही है। उनका कहना है कि घने कोहरे और कड़ाके की ठंड में बच्चों को स्कूल भेजना जोखिम भरा हो गया था। सड़क हादसों और बीमारियों की आशंका को देखते हुए प्रशासन का फैसला समय पर उठाया गया कदम बताया जा रहा है। यातायात व्यवस्था पर भी पड़ा असर कोहरे का असर यातायात व्यवस्था पर भी साफ दिखाई दिया। जिले की प्रमुख सड़कों और हाईवे पर वाहन रेंगते नजर आए। बसों और निजी वाहनों की गति बेहद धीमी रही। कई जगह जाम की स्थिति बनी, जिससे यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ी। रेलवे और बस सेवाएं भी कोहरे से प्रभावित रहीं। बीमारियों के मरीज बढ़े, सतर्क रहने की सलाह स्वास्थ्य विभाग के अनुसार ठंड और शीतलहर के चलते सर्दी, खांसी, बुखार और सांस संबंधी बीमारियों के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। बुजुर्गों और छोटे बच्चों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। चिकित्सकों का कहना है कि गर्म कपड़े पहनें, ठंडी हवा से बचें और गर्म भोजन करें। आगे भी राहत के आसार नहीं मौसम विशेषज्ञों के अनुसार फिलहाल ठंड से राहत मिलने की संभावना कम है। आने वाले दिनों में भी घना कोहरा और शीतलहर बने रहने की आशंका है। न्यूनतम तापमान में और गिरावट हो सकती है। ऐसे में प्रशासन सतर्क है और जरूरत पड़ने पर आगे भी अवकाश व अन्य एहतियाती कदम उठाए जा सकते हैं।









































