श्रावस्ती जनपद में गेहूं की सिंचाई के बाद किसानों को यूरिया खाद की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। समय पर खाद न मिलने से फसल की बढ़वार रुकने का खतरा पैदा हो गया है, जिससे किसान बेहद चिंतित हैं। खासकर विकास खंड सिरसिया क्षेत्र में यह स्थिति अधिक गंभीर बनी हुई है। सिरसिया के गढ़ी चौराहा स्थित सरकारी खाद समिति पर सोमवार को सुबह से ही किसानों की लंबी कतारें देखी गईं। महिलाएं, बुजुर्ग और पुरुष किसान घंटों तक लाइन में खड़े रहकर अपनी बारी का इंतजार करते रहे। कई किसान सुबह से शाम तक खाद मिलने की आस में समिति परिसर में डटे रहे, लेकिन सभी को खाद नहीं मिल सकी। किसानों का कहना है कि इस समय गेहूं की फसल को यूरिया खाद की सबसे अधिक आवश्यकता होती है। नककू यादव, संदीप, राघव राम पांडे, राजित राम और सहजाद सहित कई किसानों ने बताया कि यदि सिंचाई के तुरंत बाद यूरिया नहीं डाली गई तो फसल में नाइट्रोजन की कमी हो जाएगी। इससे कल्ले नहीं निकलेंगे और गेहूं के उत्पादन पर सीधा असर पड़ेगा। समिति सचिव दिनेश कुमार शुक्ला ने जानकारी दी कि समिति पर कुल 900 बोरी यूरिया खाद पहुंची थी। इसमें से सोमवार को सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक लगभग 350 बोरी खाद किसानों में वितरित की जा चुकी थी। खाद वितरण के दौरान भारी भीड़ को देखते हुए स्थानीय पुलिस बल भी मौके पर मौजूद रहा और व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग किया। हालांकि, इसके बावजूद कई किसानों को खाद नहीं मिल सकी, जिससे उन्हें निराश होकर लौटना पड़ा। उधर, यूरिया की किल्लत का फायदा निजी दुकानदार उठा रहे हैं, जहां खाद 400 से 500 रुपये प्रति बोरी तक बेची जा रही है। इससे किसानों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ रहा है। यूरिया खाद की कमी ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। यदि जल्द ही आपूर्ति नहीं बढ़ाई गई तो गेहूं उत्पादन पर गंभीर असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है, जिससे किसानों को बड़ा नुकसान हो सकता है।









































