उतरौला में ब्लेसिंग वेलफेयर फाउंडेशन ने सोमवार को ‘उतरौला रसोई’ सेवा का शुभारंभ किया है। डॉ. भीमराव अंबेडकर चौराहे के निकट स्थित पेट्रोल पंप के पास मात्र दस रुपए में जरूरतमंदों और गरीबों को भरपेट भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। फाउंडेशन के संस्थापक घनश्याम वर्मा ने बताया कि यह सेवा समाज के वंचित और जरूरतमंद वर्ग के लिए एक बड़ी राहत है। उन्होंने जोर दिया कि ब्लेसिंग वेलफेयर फाउंडेशन की यह पहल मानवता और सेवा का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करती है, जिससे उन लोगों को सहायता मिल रही है जिन्हें अक्सर उपेक्षित कर दिया जाता है। ‘उतरौला रसोई’ में सप्ताह के सातों दिन विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजन परोसे जाते हैं। इनमें पूड़ी-सब्जी, दाल-चावल, रोटी-सब्जी और मटर पनीर जैसे भोजन शामिल हैं। यहां भोजन करने वाले लोगों ने बताया कि खाना स्वादिष्ट होने के साथ-साथ कम तेल-मसाले में तैयार किया जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। घनश्याम वर्मा का मानना है कि भोजन केवल शारीरिक आवश्यकता की पूर्ति नहीं करता, बल्कि यह गरीब और जरूरतमंद लोगों को सम्मान के साथ जीवन जीने का अवसर प्रदान करता है। उनका कहना है कि यह पहल उनके आत्मविश्वास को भी बढ़ाने में सहायक है।
उतरौला में 10 रुपए में भरपेट भोजन:ब्लेसिंग वेलफेयर फाउंडेशन ने 'उतरौला रसोई' सेवा शुरू की
उतरौला में ब्लेसिंग वेलफेयर फाउंडेशन ने सोमवार को ‘उतरौला रसोई’ सेवा का शुभारंभ किया है। डॉ. भीमराव अंबेडकर चौराहे के निकट स्थित पेट्रोल पंप के पास मात्र दस रुपए में जरूरतमंदों और गरीबों को भरपेट भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। फाउंडेशन के संस्थापक घनश्याम वर्मा ने बताया कि यह सेवा समाज के वंचित और जरूरतमंद वर्ग के लिए एक बड़ी राहत है। उन्होंने जोर दिया कि ब्लेसिंग वेलफेयर फाउंडेशन की यह पहल मानवता और सेवा का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करती है, जिससे उन लोगों को सहायता मिल रही है जिन्हें अक्सर उपेक्षित कर दिया जाता है। ‘उतरौला रसोई’ में सप्ताह के सातों दिन विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजन परोसे जाते हैं। इनमें पूड़ी-सब्जी, दाल-चावल, रोटी-सब्जी और मटर पनीर जैसे भोजन शामिल हैं। यहां भोजन करने वाले लोगों ने बताया कि खाना स्वादिष्ट होने के साथ-साथ कम तेल-मसाले में तैयार किया जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। घनश्याम वर्मा का मानना है कि भोजन केवल शारीरिक आवश्यकता की पूर्ति नहीं करता, बल्कि यह गरीब और जरूरतमंद लोगों को सम्मान के साथ जीवन जीने का अवसर प्रदान करता है। उनका कहना है कि यह पहल उनके आत्मविश्वास को भी बढ़ाने में सहायक है।









































