बलरामपुर में मदरसा नूरुल उलूम अतीकिया के आठ छात्रों ने हिफ़्ज़-ए-क़ुरान मुकम्मल किया। इस अवसर पर एक विशेष समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मौलाना ज़ाकिर मिस्बाही ने की। मौलाना नूर मोहम्मद नईमुल कादरी और हाफिज़ रियाज अख़्तर मिस्बाही इस अवसर पर विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उलेमा ने छात्रों के हाफिज़ बनने को उम्मत का रहनुमा बनने के समान बताया। इस दौरान छात्रों को पुरस्कार और दुआएं दी गईं। समारोह में मदरसे के अध्यापकों के साथ-साथ इलाके के कई गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद रहे। सामूहिक दुआ में इल्मी तरक्क़ी (शैक्षणिक प्रगति) और अमन-ओ-चैन (शांति और सद्भाव) के लिए प्रार्थना की गई।
बलरामपुर मदरसे के आठ छात्रों ने हिफ्ज-ए-कुरान मुकम्मल किया:उलेमा ने छात्रों को इनामात व दुआएं दीं, गणमान्य लोग रहे मौजूद
बलरामपुर में मदरसा नूरुल उलूम अतीकिया के आठ छात्रों ने हिफ़्ज़-ए-क़ुरान मुकम्मल किया। इस अवसर पर एक विशेष समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मौलाना ज़ाकिर मिस्बाही ने की। मौलाना नूर मोहम्मद नईमुल कादरी और हाफिज़ रियाज अख़्तर मिस्बाही इस अवसर पर विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उलेमा ने छात्रों के हाफिज़ बनने को उम्मत का रहनुमा बनने के समान बताया। इस दौरान छात्रों को पुरस्कार और दुआएं दी गईं। समारोह में मदरसे के अध्यापकों के साथ-साथ इलाके के कई गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद रहे। सामूहिक दुआ में इल्मी तरक्क़ी (शैक्षणिक प्रगति) और अमन-ओ-चैन (शांति और सद्भाव) के लिए प्रार्थना की गई।









































