बलरामपुर के सादुल्लानगर स्थित ग्राम विशुनपुर खरहना में बुधवार को श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ हो गया है। कथा के पहले दिन अयोध्या धाम के आचार्य स्वामी इंद्रेश जी महाराज ने श्रद्धालुओं को श्रीमद्भागवत भगवान की महिमा और उसके महत्व के बारे में विस्तार से बताया। इंद्रेश महाराज बोले- कथा सुनने से मन को शांति मिलती है आचार्य स्वामी इंद्रेश जी महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा मानव जीवन को सही दिशा प्रदान करती है। उनके अनुसार, इसके श्रवण से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं और मन को शांति मिलती है। उन्होंने भागवत कथा को भक्ति, ज्ञान और वैराग्य का अनुपम संगम बताया, जो सांसारिक बंधनों से मुक्ति का मार्ग दिखाती है। कथा का शुभारंभ यजमान शेषराम विफई गुप्ता की ओर से विधिवत पूजन-अर्चन के साथ किया गया। पहले दिन कथा स्थल पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। इस दौरान पूरा वातावरण भक्ति और श्रद्धा से ओत-प्रोत रहा। आयोजन समिति ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए समुचित व्यवस्थाएं की हैं। कथा का क्रम आगामी दिनों तक जारी रहेगा, जिसमें श्रीकृष्ण जन्म, लीला प्रसंग और अन्य महत्वपूर्ण कथाओं का वर्णन किया जाएगा। कथा के दौरान भजन-कीर्तन से वातावरण भक्तिमय बना रहा।
श्रीमद्भागवत कथा मानव जीवन को सही दिशा देती है:विशुनपुर खरहना में कथावाचक बोले- कथा सुनने से जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं
बलरामपुर के सादुल्लानगर स्थित ग्राम विशुनपुर खरहना में बुधवार को श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ हो गया है। कथा के पहले दिन अयोध्या धाम के आचार्य स्वामी इंद्रेश जी महाराज ने श्रद्धालुओं को श्रीमद्भागवत भगवान की महिमा और उसके महत्व के बारे में विस्तार से बताया। इंद्रेश महाराज बोले- कथा सुनने से मन को शांति मिलती है आचार्य स्वामी इंद्रेश जी महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा मानव जीवन को सही दिशा प्रदान करती है। उनके अनुसार, इसके श्रवण से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं और मन को शांति मिलती है। उन्होंने भागवत कथा को भक्ति, ज्ञान और वैराग्य का अनुपम संगम बताया, जो सांसारिक बंधनों से मुक्ति का मार्ग दिखाती है। कथा का शुभारंभ यजमान शेषराम विफई गुप्ता की ओर से विधिवत पूजन-अर्चन के साथ किया गया। पहले दिन कथा स्थल पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। इस दौरान पूरा वातावरण भक्ति और श्रद्धा से ओत-प्रोत रहा। आयोजन समिति ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए समुचित व्यवस्थाएं की हैं। कथा का क्रम आगामी दिनों तक जारी रहेगा, जिसमें श्रीकृष्ण जन्म, लीला प्रसंग और अन्य महत्वपूर्ण कथाओं का वर्णन किया जाएगा। कथा के दौरान भजन-कीर्तन से वातावरण भक्तिमय बना रहा।









































