गायत्री महायज्ञ में नव-दंपतियों ने लिया संकल्प:गैंसड़ी में वैदिक परंपराओं के साथ दाम्पत्य जीवन की नई शुरुआत

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बलरामपुर के गैंसड़ी में अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा आयोजित राष्ट्र जागरण गायत्री महायज्ञ के अंतर्गत नव दाम्पत्य सम्मेलन संपन्न हुआ। इस अवसर पर आध्यात्मिक वातावरण और वैदिक परंपराओं का अद्भुत संगम देखने को मिला। सम्मेलन का शुभारंभ मंगलाचरण और भावपूर्ण विवाह गीत “रघुवर कोमल कमल नयन पहनाओ वरमाला” के साथ हुआ, जिसने पूरे पंडाल को भक्तिमय बना दिया। सम्मेलन में उपस्थित सभी नव दाम्पत्य युगलों ने यज्ञीय वातावरण में अपने वैवाहिक जीवन की एक नई, पवित्र और संस्कारित शुरुआत का संकल्प लिया। वक्ताओं ने इस दौरान कहा कि यज्ञीय जीवन शैली को अपनाकर दाम्पत्य जीवन को प्रेम, त्याग, समर्पण और सामाजिक उत्तरदायित्व से जोड़ा जा सकता है। सभी युगल दंपतियों को आध्यात्मिक वैवाहिक दिवस की शुभकामनाएं दी गईं। इस अवसर पर जनपद गोंडा की सुप्रसिद्ध कवयित्री सुश्री ज्योतिमा शुक्ला विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहीं, जो गायत्री परिवार पचपेड़वा-गैंसड़ी से जुड़ी हैं। मंजू जायसवाल ने तिलक-चंदन और माल्यार्पण कर उनका स्वागत किया। अपने संबोधन में शुक्ला ने कहा कि दाम्पत्य जीवन केवल दो व्यक्तियों का नहीं, बल्कि दो परिवारों और समाज के निर्माण की आधारशिला है, जिसे संस्कारों से सुदृढ़ करना अत्यंत आवश्यक है। इस नव दाम्पत्य सम्मेलन के माध्यम से गायत्री परिवार ने समाज को यह संदेश दिया कि वैवाहिक जीवन को अध्यात्म और संस्कारों से जोड़कर ही एक सशक्त, समरस और आदर्श समाज का निर्माण संभव है। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु, युगल दंपती और गायत्री परिवार के कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
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