उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के महसी विकासखंड की ग्राम पंचायत बकैना में स्वच्छ भारत मिशन के तहत निर्मित सामुदायिक शौचालय लगभग दो साल से बंद पड़ा है। इसके कारण ग्रामीण खुले में शौच करने को मजबूर हैं। यह शौचालय पूरी तरह से बदहाल स्थिति में है। इसके अंदर के दरवाजे टूटे हुए हैं और टाइल्स भी उखड़ी हुई हैं। शौचालय की स्थिति देखकर लगता है कि इसका उपयोग लंबे समय से नहीं हुआ है। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि यह शौचालय करीब दो साल से बंद है और इस पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें शौच के लिए बाहर जाना पड़ता है। शौचालय के लिए केयर टेकर सीमा देवी नियुक्त हैं। हालांकि, स्थानीय देखरेख कर रही महिला मीना कुमारी ने बताया कि शौचालय का टैंक भर गया था, जिसके बाद से उसकी सफाई नहीं हुई। उन्होंने यह भी बताया कि यह शौचालय डेढ़ साल से अधिक समय से बंद पड़ा है। स्थानीय निवासी सुरेश कुमार और सुनीता देवी ने भी पुष्टि की कि उन्हें खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है। इस संबंध में खण्ड विकास अधिकारी अरुण कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली है और संबंधित अधिकारी को सूचित कर दिया गया है। उन्होंने आवश्यक कार्यवाही का आश्वासन दिया। इस स्थिति से ग्राम प्रधान और संबंधित अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े होते हैं, जो सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही बरत रहे हैं।
बकैना में सामुदायिक शौचालय दो साल से बंद: ग्रामीण खुले में शौच को मजबूर, बीडीओ बोले- कार्रवाई होगी – Mahsi News
उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के महसी विकासखंड की ग्राम पंचायत बकैना में स्वच्छ भारत मिशन के तहत निर्मित सामुदायिक शौचालय लगभग दो साल से बंद पड़ा है। इसके कारण ग्रामीण खुले में शौच करने को मजबूर हैं। यह शौचालय पूरी तरह से बदहाल स्थिति में है। इसके अंदर के दरवाजे टूटे हुए हैं और टाइल्स भी उखड़ी हुई हैं। शौचालय की स्थिति देखकर लगता है कि इसका उपयोग लंबे समय से नहीं हुआ है। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि यह शौचालय करीब दो साल से बंद है और इस पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें शौच के लिए बाहर जाना पड़ता है। शौचालय के लिए केयर टेकर सीमा देवी नियुक्त हैं। हालांकि, स्थानीय देखरेख कर रही महिला मीना कुमारी ने बताया कि शौचालय का टैंक भर गया था, जिसके बाद से उसकी सफाई नहीं हुई। उन्होंने यह भी बताया कि यह शौचालय डेढ़ साल से अधिक समय से बंद पड़ा है। स्थानीय निवासी सुरेश कुमार और सुनीता देवी ने भी पुष्टि की कि उन्हें खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है। इस संबंध में खण्ड विकास अधिकारी अरुण कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली है और संबंधित अधिकारी को सूचित कर दिया गया है। उन्होंने आवश्यक कार्यवाही का आश्वासन दिया। इस स्थिति से ग्राम प्रधान और संबंधित अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े होते हैं, जो सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही बरत रहे हैं।









































