विशेश्वरगंज विकासखंड की ग्राम पंचायत कटोरवा पांडेय पुरवा में गांव का मुख्य रास्ता पिछले करीब चार वर्षों से बदहाल है। वर्ष 2021 में इस मार्ग पर केवल मिट्टी डलवाकर काम अधूरा छोड़ दिया गया था। उस समय ग्रामीणों को बताया गया था कि पहले मिट्टी का कार्य पूरा होगा, उसके बाद ईंट का खड़ंजा लगाया जाएगा। हालांकि, प्रधान का कार्यकाल समाप्त होने वाला है, लेकिन सड़क निर्माण का कार्य अभी तक शुरू नहीं हुआ है। लगभग 800 मीटर लंबा यह रास्ता गांव का मुख्य संपर्क मार्ग है। बरसात के मौसम में यहां कीचड़ और जलभराव की स्थिति बन जाती है, जिससे ग्रामीणों, बुजुर्गों और स्कूली बच्चों को आवागमन में भारी कठिनाई होती है। आए दिन बच्चे फिसलकर चोटिल हो रहे हैं। इसी मार्ग पर भगवान शंकर का एक प्राचीन मंदिर भी स्थित है। रास्ते की खराब स्थिति के कारण श्रद्धालु मंदिर तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। बारिश में इतना कीचड़ हो जाता है कि पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। ग्रामीणों का आरोप है कि इस समस्या को लेकर ग्राम प्रधान को कई बार अवगत कराया गया, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकला। जब ग्राम पंचायत सचिव महेश प्रताप से फोन पर बात की गई, तो उन्होंने कहा कि “मेरे पास बजट नहीं है, मेरे पास बहुत काम है, बार-बार फोन मत करो।” ग्रामीणों का यह भी कहना है कि सचिव से मिलने के लिए जब वे कार्यालय पहुंचे, तो कार्यालय बंद मिला। उनका आरोप है कि सचिव अक्सर अनुपस्थित रहते हैं और फोन करने पर मीटिंग का बहाना बना देते हैं। इस गंभीर समस्या को लेकर ग्रामीण बच्चा राम शुक्ला, पंडित शुक्ला, ओम प्रकाश शुक्ला, राहुल शुक्ला, पेशकर शुक्ला, बबलू और दीपक शुक्ला सहित अन्य ग्रामीणों ने जिलाधिकारी और उच्च अधिकारियों से तत्काल जांच व कार्रवाई की मांग की है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र रास्ता निर्माण नहीं कराया गया, तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे। उन्होंने मांग की है कि पूरे मामले की जांच कर जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए और तत्काल खड़ंजा या पक्की सड़क का निर्माण कराकर गांववासियों को राहत दिलाई जाए।
कटोरवा पांडेय पुरवा में 4 साल से अधूरा रास्ता: बरसात में ग्रामीणों और स्कूली बच्चों को भारी परेशानी – Visheshwarganj(Bahraich) News
विशेश्वरगंज विकासखंड की ग्राम पंचायत कटोरवा पांडेय पुरवा में गांव का मुख्य रास्ता पिछले करीब चार वर्षों से बदहाल है। वर्ष 2021 में इस मार्ग पर केवल मिट्टी डलवाकर काम अधूरा छोड़ दिया गया था। उस समय ग्रामीणों को बताया गया था कि पहले मिट्टी का कार्य पूरा होगा, उसके बाद ईंट का खड़ंजा लगाया जाएगा। हालांकि, प्रधान का कार्यकाल समाप्त होने वाला है, लेकिन सड़क निर्माण का कार्य अभी तक शुरू नहीं हुआ है। लगभग 800 मीटर लंबा यह रास्ता गांव का मुख्य संपर्क मार्ग है। बरसात के मौसम में यहां कीचड़ और जलभराव की स्थिति बन जाती है, जिससे ग्रामीणों, बुजुर्गों और स्कूली बच्चों को आवागमन में भारी कठिनाई होती है। आए दिन बच्चे फिसलकर चोटिल हो रहे हैं। इसी मार्ग पर भगवान शंकर का एक प्राचीन मंदिर भी स्थित है। रास्ते की खराब स्थिति के कारण श्रद्धालु मंदिर तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। बारिश में इतना कीचड़ हो जाता है कि पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। ग्रामीणों का आरोप है कि इस समस्या को लेकर ग्राम प्रधान को कई बार अवगत कराया गया, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकला। जब ग्राम पंचायत सचिव महेश प्रताप से फोन पर बात की गई, तो उन्होंने कहा कि “मेरे पास बजट नहीं है, मेरे पास बहुत काम है, बार-बार फोन मत करो।” ग्रामीणों का यह भी कहना है कि सचिव से मिलने के लिए जब वे कार्यालय पहुंचे, तो कार्यालय बंद मिला। उनका आरोप है कि सचिव अक्सर अनुपस्थित रहते हैं और फोन करने पर मीटिंग का बहाना बना देते हैं। इस गंभीर समस्या को लेकर ग्रामीण बच्चा राम शुक्ला, पंडित शुक्ला, ओम प्रकाश शुक्ला, राहुल शुक्ला, पेशकर शुक्ला, बबलू और दीपक शुक्ला सहित अन्य ग्रामीणों ने जिलाधिकारी और उच्च अधिकारियों से तत्काल जांच व कार्रवाई की मांग की है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र रास्ता निर्माण नहीं कराया गया, तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे। उन्होंने मांग की है कि पूरे मामले की जांच कर जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए और तत्काल खड़ंजा या पक्की सड़क का निर्माण कराकर गांववासियों को राहत दिलाई जाए।









































