श्रावस्ती में पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की 101वीं जयंती ‘सुशासन दिवस’ के रूप में मनाई गई। कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जन्म शताब्दी समारोह का शुभारंभ जिलाधिकारी अश्वनी कुमार पांडेय और जनप्रतिनिधियों ने वाजपेयी जी के चित्र पर माल्यार्पण कर किया। इस अवसर पर जनप्रतिनिधियों, जिलाधिकारी और अन्य अधिकारियों-कर्मचारियों ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के वर्चुअल संबोधन को देखा व सुना। कार्यक्रम के तहत जनपद के विद्यालयों में अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन पर आधारित भाषण, एकल काव्यपाठ और निबंध प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। इनमें प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले 10 छात्र-छात्राओं को जनप्रतिनिधियों और जिलाधिकारी ने प्रमाण पत्र व चेक देकर सम्मानित किया। जिला पंचायत अध्यक्ष ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन के प्रतीक थे। उनका ध्येय राजनीतिक अस्थिरता को स्थिरता में बदलना और सुशासन के लक्ष्यों के लिए प्रयास करना था। मुख्यमंत्री ने उनके जन्मदिन पर सुशासन सप्ताह का शुभारंभ किया था, और आज उनका जन्मदिन सुशासन दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। जिलाध्यक्ष ने बताया कि अटल जी की स्मृतियां भारतवासियों के लिए प्रेरणास्रोत हैं। उन्हें देश में सुशासन के मॉडल और राजनीति के प्रतीक के रूप में जाना जाता है। उनका छह दशकों का राजनीतिक जीवन शुचिता, पारदर्शिता और ईमानदारी का प्रतीक रहा। यह कार्यक्रम उनके जन्मदिन पर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है। जिलाधिकारी ने सुशासन और सामाजिक विकास में अटल जी के योगदान को याद किया। उन्होंने समाज में उनकी प्रेरणाओं को आगे बढ़ाने का संदेश दिया। उन्होंने अधिकारियों-कर्मचारियों से कहा कि उन्हें आमजन की सेवा करते समय निष्ठावान, ईमानदार, पारदर्शी, सहज और सरल होना चाहिए। यह प्रशासनिक पारदर्शिता और जनकल्याण के प्रति शासन की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
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