गांधीनगर स्थित गौरीदत्त धर्मशाले में गुरुवार को सांई कृपा संस्थान की ओर से तीन दिवसीय संगीतमयी सांई कथा का शुभारंभ हुआ। इस दौरान बाराबंकी से पधारे प्रख्यात कथावाचक उमाशंकर जी महाराज के श्रीमुख से श्रद्धालुओं ने कथा का रसपान किया। पहले दिन की कथा का विश्राम प्रसाद वितरण के साथ हुआ। कथा के शुभारंभ से पूर्व गौरीदत्त धर्मशाले से एक भव्य सांई पालकी यात्रा निकाली गई। यह पालकी शहर का भ्रमण करते हुए कथास्थल पहुंची। सदर विधायक महेन्द्रनाथ यादव, संतकुमार नंदन, डॉ. प्रकाश श्रीवास्तव, मनोज कुमार श्रीवास्तव, रमेशचन्द्र श्रीवास्तव, अशोक श्रीवास्तव, राजेश उर्फ दीपू सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने पालकी को कंधा दिया। उमाशंकर जी महाराज ने अपने प्रवचन में कहा कि सांईनाथ महाराज का मुख्य उद्देश्य लोक कल्याण था। उन्होंने सभी को जोड़कर और सभी के कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। उनके लिए धर्म, संप्रदाय, अमीर-गरीब या ऊंच-नीच की सीमाएं कोई मायने नहीं रखती थीं। सांईनाथ का जीवन समस्त मानवजाति के कल्याण को समर्पित था। महाराज ने कथा को आगे बढ़ाते हुए बताया कि सांईनाथ के उपदेश सभी कालखंडों में महत्वपूर्ण रहे हैं और वे लोक कल्याण का साधन बनते रहे हैं। यही कारण है कि उनके उपदेश हर देशकाल और परिस्थितियों में प्रासंगिक हैं। उन्होंने कहा कि बाबा के दरबार में जो खाली हाथ आता है, वह खाली हाथ नहीं जाता, बल्कि मुट्ठियां भरकर ले जाता है। कथा के बीच में उमाशंकर जी महाराज ने ‘एक नजर दया की कर दो, हे बाबा शिरडी वाले’ और ‘जन्नत से भी बढ़कर के तेरे दर का नजारा है, खुशियों की महफिल में बैठा मेरा प्यारा है’ जैसे कई भजनों से वातावरण को भक्तिमय बना दिया। देर रात तक श्रद्धालु सांई भजनों पर झूमते रहे। कथा के प्रथम दिवस सदर विधायक महेन्द्र नाथ यादव एवं श्रीमती रचना यादव तथा राजेश कुमार श्रीवास्तव एवं श्रीमती ललिता श्रीवास्तव मुख्य यजमान थे। इस अवसर पर अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने कथा को सार्थक और सफल बनाने के लिए पूरे मनोयोग से सेवा कार्य किया। सांई कृपा संस्थान के संतकुमार नंदन ने सांई भक्तों से कथा को सफल बनाने की अपील की है।









































