गुरु गोविंद सिंह जयंती तुलसीपुर में मनाई गई:गुरुद्वारों में कीर्तन, लंगर; स्कूलों में बच्चों को दी जानकारी

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सिख धर्म के दशम गुरु गुरु गोविंद सिंह की जयंती तुलसीपुर नगर में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाई गई। इस अवसर पर नगर के गुरुद्वारों में विशेष धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जहां गुरुवाणी कीर्तन, अरदास और शब्द-कीर्तन से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। सुबह से ही श्रद्धालुओं का गुरुद्वारों में तांता लगा रहा। संगत ने गुरु गोविंद सिंह के जीवन, उनके त्याग, साहस और खालसा पंथ की स्थापना से जुड़े विचारों को आत्मसात किया। कीर्तन के पश्चात गुरु का अटूट लंगर आयोजित किया गया। लंगर में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पंक्तिबद्ध होकर प्रसाद ग्रहण किया। सिख परंपरा का पालन करते हुए, सभी वर्गों और समुदायों के लोगों ने एक साथ बैठकर भोजन किया, जो सेवा भाव और समानता का प्रतीक था। लंगर व्यवस्था में स्वयंसेवकों ने सक्रिय भूमिका निभाई और पूरे अनुशासन के साथ श्रद्धालुओं की सेवा की। कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने गुरु गोविंद सिंह के न्याय, समानता, साहस और मानवता के संदेशों पर प्रकाश डाला। उन्होंने युवाओं से इन आदर्शों को जीवन में उतारने की अपील की। इस अवसर पर सरदार मनजीत सिंह, सरदार बलवंत सिंह, गुरप्रीत सिंह, हरिप्रीत सिंह और गुरदीप सिंह सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। सभी ने कार्यक्रम की सफलता के लिए संगत और सेवादारों का आभार व्यक्त किया। जयंती के अवसर पर तुलसीपुर के मॉडर्न पब्लिक स्कूल में भी एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। विद्यालय के प्रबंधक राजकुमार ने बच्चों को गुरु गोविंद सिंह के बलिदान और उनके जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ दीं। बच्चों ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। गुरुद्वारों को विशेष रूप से सजाया गया था और पूरे नगर में शांतिपूर्ण तथा अनुशासित माहौल देखा गया। श्रद्धालुओं ने गुरु गोविंद सिंह को नमन करते हुए समाज में एकता, भाईचारा और सेवा की भावना को मजबूत करने का संकल्प लिया।
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