गुरु गोविंद सिंह का प्रकाश पर्व:उतरौला में "वाहे गुरु" के जयकारे लगे

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बलरामपुर के उतरौला स्थित गुरुद्वारा सिंह सभा में सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोविंद सिंह का प्रकाश पर्व (जयंती) अत्यंत श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया गया। इस अवसर पर गुरुद्वारा परिसर “वाहे गुरु” के जयकारों से गूंज उठा, जहां श्रद्धालुओं ने गुरु साहिब के आदर्शों को आत्मसात करने का संकल्प लिया। सिख परंपरा में जन्मदिवस को ‘प्रकाश पर्व’ कहा जाता है, जो गुरु के अवतरण की स्मृति का प्रतीक है। गुरु गोविंद सिंह जी का यह पर्व न केवल सिख समाज, बल्कि पूरे देश को साहस, त्याग, धर्म-रक्षा और आत्मसम्मान के मूल्यों के लिए प्रेरित करता है। गुरुद्वारा सिंह सभा के ज्ञानी सरदार बलवान सिंह ने गुरु गोविंद सिंह जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि गुरु साहिब का जन्म पटना साहिब (वर्तमान बिहार) में हुआ था। उनके पिता गुरु तेग बहादुर जी ने धार्मिक स्वतंत्रता के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया था, जबकि माता गुजरी जी त्याग और धैर्य की प्रतिमूर्ति थीं। गुरु साहिब का प्रेरक उद्घोष “सवा लाख से एक लड़ाऊं, तभी गोविंद सिंह नाम कहाऊं” आज भी अत्याचार के विरुद्ध संघर्ष का शाश्वत संदेश देता है। इस अवसर पर गुरुद्वारा के प्रधान सरदार दलबीर सिंह खुराना ने गुरु गोविंद सिंह जी के चार साहिबजादों के अद्वितीय बलिदान को स्मरण किया और इसे भारतीय इतिहास का स्वर्णिम अध्याय बताया। कार्यक्रम के दौरान अखंड पाठ, कीर्तन-कथा तथा विशाल लंगर सेवा का भी आयोजन किया गया। उतरौला विधायक राम प्रताप वर्मा की धर्मपत्नी सुनीता वर्मा ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह जी का प्रकाश पर्व हमें सिखाता है कि अन्याय के सामने कभी न झुकें, सत्य और धर्म की रक्षा करें तथा समाज में समानता, साहस और सेवा की भावना को जीवन में उतारें। इस पावन अवसर पर नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि अनूप गुप्ता, रघुवीर सिंह, प्रीतपाल सिंह, गुरविंदर सिंह, सुरेंद्रपाल पाहुजा, परमजीत सिंह, प्रताप सलूजा, भूपिंदर सिंह, हरचरन सिंह, त्रिलोचन सिंह, राजेश खुराना, संदीप खुराना, राकेश खुराना, महेंद्र प्रताप सिंह, मनोज कसेरा, दीपक पाहुजा, रघुवीर सिंह पाहुजा, अमित खुराना, विंकल खुराना, देवेंद्र सिंह सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे और लंगर प्रसाद ग्रहण किया।
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