बस्ती जिले के कप्तानगंज ब्लॉक की ग्राम पंचायत पोखरा स्थित प्राचीन हनुमानगढ़ी मंदिर में मासिक भंडारे की परंपरा इस माह भी श्रद्धापूर्वक निभाई गई। यह भंडारा पिछले आठ वर्षों से हर माह के अंतिम शनिवार को नियमित रूप से आयोजित किया जा रहा है। इस अवसर पर हजारों भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया और गरीबों में कंबल भी वितरित किए गए। आयोजन की तैयारियां सुबह से ही मंदिर परिसर में शुरू हो गई थीं। भक्ति गीतों और जयकारों के बीच बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़ पड़े। प्रसाद वितरण के दौरान भक्तों ने सेवा भावना के साथ भोजन ग्रहण किया और कार्यक्रम में सहयोग भी दिया। मंदिर के महंत नागा गिरजेश दास जी दिगंबर अखाड़ा ने बताया कि हनुमान जी की कृपा से यह भंडारा पिछले आठ वर्षों से निरंतर जारी है और भविष्य में भी इसी तरह होता रहेगा। उन्होंने यह भी बताया कि मनोरमा नदी के तट पर स्थित होने और भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होने के कारण इसे ‘इच्छापूर्ण हनुमान मंदिर’ भी कहा जाता है। महंत ने भक्तों की सहभागिता और विश्वास को इस परंपरा की मजबूती का आधार बताया। महंत नागा गिरजेश दास जी ने मंदिर के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह मंदिर 322 वर्ष पुराना है। इसकी स्थापना संवत 1682 में प्रसिद्ध संत राम बालकदास महत्यागी द्वारा सामाजिक सहयोग से की गई थी। स्थानीय लोगों ने इस आयोजन को गांव में धार्मिक एकता और सामाजिक सद्भाव का प्रतीक बताया। भंडारे का समापन हनुमान चालीसा और आरती के साथ हुआ, जिसके बाद भक्तों ने मंगलकामनाओं के साथ विदाई ली।









































