बलरामपुर जिले में मध्यान्ह भोजन (एमडीएम) योजना में 11 करोड़ रुपये से अधिक के बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। जांच में पता चला कि जिला समन्वयक फिरोज़ अहमद खान ने वर्षों से फर्जीवाड़े के जरिए धन का हेरफेर किया। प्रिंटेड पेमेंट एडवाइस (PPA) में कम दिखाई गई राशि से 2200–2300 स्कूलों की एक्सेल फाइलों में प्रति स्कूल 1000–2000 रुपये तक की कटौती कर कुछ चुनिंदा स्कूलों में ट्रांसफर किया जाता था। अब तक पांच आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इनमें जिला समन्वयक फिरोज़ अहमद मास्टरमाइंड हैं, साथ ही प्रधानाध्यापक, ग्राम प्रधान, मदरसा प्रबंधक और सहायक अध्यापक भी शामिल हैं। आठ स्कूलों में 2021 से 11 करोड़ रुपये से अधिक की अनियमितताएं पकड़ी गई हैं। सिद्धार्थनगर में भी जांच की मांग बलरामपुर के खुलासे के बाद सिद्धार्थनगर जिले में भी एमडीएम योजना में बड़े पैमाने पर हेरफेर की आशंका जताई जा रही है। सूचना का अधिकार एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष राज चौहान ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर पिछले 10 वर्षों की पूरी एमडीएम बजट ऑडिट कराने की मांग की। उनका कहना है कि बच्चों के लिए भेजे गए धन का बड़ा हिस्सा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा है। बच्चों का हक़ खतरे में राज चौहान ने कहा, “बच्चों के पोषण के लिए भेजे गए बजट में हेरफेर सिर्फ वित्तीय घोटाला नहीं, बल्कि गरीब बच्चों के स्वास्थ्य और भविष्य से खिलवाड़ है। अगर व्यापक जांच हुई तो बच्चों के हिस्से का खाना खाने वालों का चेहरा बेनकाब हो जाएगा।” समाज और प्रशासन की प्रतिक्रिया बलरामपुर में घोटाले के बाद सिद्धार्थनगर का शिक्षा विभाग भी चर्चा में आ गया है। सामाजिक संगठनों ने कहा कि एमडीएम जैसी संवेदनशील योजना में किसी भी प्रकार का हेरफेर बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए। अब जिलेभर में यह बहस है कि क्या सिद्धार्थनगर में भी योजना के बजट में बड़े पैमाने पर धांधली हुई है, और लोग मुख्यमंत्री कार्यालय से जल्द जांच आदेश की उम्मीद कर रहे हैं।
बलरामपुर में 11 करोड़ का एमडीएम घोटाला उजागर:सिद्धार्थनगर में भी एमडीएम के बड़े राज खुलने की आशंका
बलरामपुर जिले में मध्यान्ह भोजन (एमडीएम) योजना में 11 करोड़ रुपये से अधिक के बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। जांच में पता चला कि जिला समन्वयक फिरोज़ अहमद खान ने वर्षों से फर्जीवाड़े के जरिए धन का हेरफेर किया। प्रिंटेड पेमेंट एडवाइस (PPA) में कम दिखाई गई राशि से 2200–2300 स्कूलों की एक्सेल फाइलों में प्रति स्कूल 1000–2000 रुपये तक की कटौती कर कुछ चुनिंदा स्कूलों में ट्रांसफर किया जाता था। अब तक पांच आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इनमें जिला समन्वयक फिरोज़ अहमद मास्टरमाइंड हैं, साथ ही प्रधानाध्यापक, ग्राम प्रधान, मदरसा प्रबंधक और सहायक अध्यापक भी शामिल हैं। आठ स्कूलों में 2021 से 11 करोड़ रुपये से अधिक की अनियमितताएं पकड़ी गई हैं। सिद्धार्थनगर में भी जांच की मांग बलरामपुर के खुलासे के बाद सिद्धार्थनगर जिले में भी एमडीएम योजना में बड़े पैमाने पर हेरफेर की आशंका जताई जा रही है। सूचना का अधिकार एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष राज चौहान ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर पिछले 10 वर्षों की पूरी एमडीएम बजट ऑडिट कराने की मांग की। उनका कहना है कि बच्चों के लिए भेजे गए धन का बड़ा हिस्सा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा है। बच्चों का हक़ खतरे में राज चौहान ने कहा, “बच्चों के पोषण के लिए भेजे गए बजट में हेरफेर सिर्फ वित्तीय घोटाला नहीं, बल्कि गरीब बच्चों के स्वास्थ्य और भविष्य से खिलवाड़ है। अगर व्यापक जांच हुई तो बच्चों के हिस्से का खाना खाने वालों का चेहरा बेनकाब हो जाएगा।” समाज और प्रशासन की प्रतिक्रिया बलरामपुर में घोटाले के बाद सिद्धार्थनगर का शिक्षा विभाग भी चर्चा में आ गया है। सामाजिक संगठनों ने कहा कि एमडीएम जैसी संवेदनशील योजना में किसी भी प्रकार का हेरफेर बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए। अब जिलेभर में यह बहस है कि क्या सिद्धार्थनगर में भी योजना के बजट में बड़े पैमाने पर धांधली हुई है, और लोग मुख्यमंत्री कार्यालय से जल्द जांच आदेश की उम्मीद कर रहे हैं।









































