महराजगंज में फरेंदा, 28 दिसंबर 2025: बहराइच मेले की भगदड़ में बिछड़े 19 वर्षीय दिमागी रूप से कमजोर युवक अवधराज को श्रद्धा फाउंडेशन ने मुंबई की सड़कों से ढूंढकर न केवल इलाज कराया, बल्कि तीन साल बाद उसके घर तक पहुंचाने में भी मदद की। दो दिन पूर्व माता-पिता से मिलन के बाद भधवापुर गांव में खुशी का माहौल है। फरेंदा थानाक्षेत्र के ग्राम भधवापुर निवासी विध्याचल और उनकी पत्नी लीलावती का इकलौता बेटा अवधराज इंटरमीडिएट का छात्र था। मई 2022 में वह अपनी मां पिता के साथ बहराइच के मेले में घूमने गया था। वहां भीड़-भाड़ के दौरान भगदड़ मच गई और अवधराज अपनी मां से बिछड़ गया। दिमागी कमजोरी के कारण वह गलती से उल्टे रूट की ट्रेन पकड़कर मुंबई पहुंच गया और कई दिनों तक सड़कों पर लावारिस घूमता रहा। कुछ दिनों बाद मुंबई की सड़क किनारे श्रद्धा फाउंडेशन के सदस्यों ने अवधराज को लावारिस अवस्था में देखा। उन्होंने उसे अपने साथ ले जाकर प्राथमिक इलाज कराया और आश्रय प्रदान किया। धीरे-धीरे उसकी मानसिक स्थिति में सुधार हुआ। घर और परिजनों की याद आने पर अवधराज ने अपना गांव भधवापुर, फरेंदा थाना क्षेत्र, महराजगंज का पता बताया। फाउंडेशन ने तत्काल परिजनों से संपर्क साधा। सूचना मिलते ही ग्रामप्रधान सुनील कन्नौजिया ने विध्याचल और लीलावती को लखनऊ ले जाकर बेटे से मिलवाया। दो दिन पूर्व लखनऊ में मां-बेटे का भावुक मिलन हुआ। पिता विध्याचल ने बताया कि बेटा बिछड़े तीन साल पूरे हो चुके थे और वे हर रोज उसे मेलों-मंदिरों में तलाशते रहे थे। ग्रामप्रधान सुनील कन्नौजिया ने ऐसी संस्थाओं के योगदान को सराहनीय बताया। अवधराज अब स्वस्थ है और सामान्य जीवन जी रहा है। पूरे गांव ने इस मानवीय कार्य के लिए श्रद्धा फाउंडेशन की सराहना की।
दिमागी रूप से कमजोर युवक साल बाद परिवार से मिला: श्रद्धा फाउंडेशन ने मुंबई से ढूंढकरघर पहुंचाया, गांव में खुशी – Pharenda News
महराजगंज में फरेंदा, 28 दिसंबर 2025: बहराइच मेले की भगदड़ में बिछड़े 19 वर्षीय दिमागी रूप से कमजोर युवक अवधराज को श्रद्धा फाउंडेशन ने मुंबई की सड़कों से ढूंढकर न केवल इलाज कराया, बल्कि तीन साल बाद उसके घर तक पहुंचाने में भी मदद की। दो दिन पूर्व माता-पिता से मिलन के बाद भधवापुर गांव में खुशी का माहौल है। फरेंदा थानाक्षेत्र के ग्राम भधवापुर निवासी विध्याचल और उनकी पत्नी लीलावती का इकलौता बेटा अवधराज इंटरमीडिएट का छात्र था। मई 2022 में वह अपनी मां पिता के साथ बहराइच के मेले में घूमने गया था। वहां भीड़-भाड़ के दौरान भगदड़ मच गई और अवधराज अपनी मां से बिछड़ गया। दिमागी कमजोरी के कारण वह गलती से उल्टे रूट की ट्रेन पकड़कर मुंबई पहुंच गया और कई दिनों तक सड़कों पर लावारिस घूमता रहा। कुछ दिनों बाद मुंबई की सड़क किनारे श्रद्धा फाउंडेशन के सदस्यों ने अवधराज को लावारिस अवस्था में देखा। उन्होंने उसे अपने साथ ले जाकर प्राथमिक इलाज कराया और आश्रय प्रदान किया। धीरे-धीरे उसकी मानसिक स्थिति में सुधार हुआ। घर और परिजनों की याद आने पर अवधराज ने अपना गांव भधवापुर, फरेंदा थाना क्षेत्र, महराजगंज का पता बताया। फाउंडेशन ने तत्काल परिजनों से संपर्क साधा। सूचना मिलते ही ग्रामप्रधान सुनील कन्नौजिया ने विध्याचल और लीलावती को लखनऊ ले जाकर बेटे से मिलवाया। दो दिन पूर्व लखनऊ में मां-बेटे का भावुक मिलन हुआ। पिता विध्याचल ने बताया कि बेटा बिछड़े तीन साल पूरे हो चुके थे और वे हर रोज उसे मेलों-मंदिरों में तलाशते रहे थे। ग्रामप्रधान सुनील कन्नौजिया ने ऐसी संस्थाओं के योगदान को सराहनीय बताया। अवधराज अब स्वस्थ है और सामान्य जीवन जी रहा है। पूरे गांव ने इस मानवीय कार्य के लिए श्रद्धा फाउंडेशन की सराहना की।









































