बहराइच में सरबंसदानी श्री गुरु गोविंद सिंह जी महाराज के चार साहिबजादों और माता गुजरी की शहादत को स्मरण करते हुए रविवार को बहराइच में ‘शहीदी संदेश यात्रा’ निकाली गई। यात्रा गुरुद्वारा गुरबाणी केंद्र, गुरुनानक चौक से प्रारंभ होकर चित्रगुप्त चौक, छावनी और घंटाघर होते हुए पीपल चौराहे स्थित गुरुद्वारे में संपन्न हुई। यात्रा में सिख संगत के साथ-साथ अन्य धर्मों के लोगों ने भी सहभागिता कर शहादत को नमन किया। त्याग और बलिदान की स्मृति में निकली यात्रा गुरुद्वारा अध्यक्ष मंदीप सिंह वालिया ने बताया कि यह यात्रा दशमेश पिता गुरु गोविंद सिंह जी के देश और कौम के प्रति प्रेम, त्याग और उनके अद्वितीय सरबंसदान को याद करने के उद्देश्य से निकाली गई। उन्होंने कहा कि साहिबजादों ने “पहला मरण कबूल, जीवन की छड आस” के सिद्धांत पर चलते हुए अपनी शहादत दी, जो आज भी देश और समाज के लिए प्रेरणास्रोत है। वालिया ने सिख इतिहास का उल्लेख करते हुए बताया कि जब मुगल सल्तनत के जुल्म और अन्याय अपने चरम पर थे, तब गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज ने खालसा पंथ की स्थापना कर अन्याय के विरुद्ध संघर्ष का मार्ग प्रशस्त किया। उन्होंने अपने पिता, सिखों के नौवें गुरु श्री गुरु तेग बहादुर जी को कश्मीरी पंडितों पर हो रहे अत्याचार और जबरन धर्म परिवर्तन के विरोध में शहादत देने के लिए प्रेरित किया था। साहिबजादों और माता गुजरी की अमर शहादत गुरु गोबिंद सिंह जी के दो साहिबजादे अजीत सिंह और जुझार सिंह चमकौर के युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए। वहीं, दो अन्य साहिबजादे जोरावर सिंह और फतेह सिंह को माता गुजरी के साथ गिरफ्तार कर लिया गया। दोनों बाल साहिबजादों को जिंदा दीवार में चुनवा दिया गया और माता गुजरी ने भी वहीं अपने प्राण त्याग दिए। इस प्रकार गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज ने देश और धर्म की रक्षा के लिए अपना संपूर्ण परिवार न्योछावर कर दिया। शहीदी संदेश यात्रा के गुरुद्वारे पहुंचने पर गुरदासपुर से आए रागी जत्था कंवलजीत सिंह जी और हुजूरी रागी फतेह सिंह ने कीर्तन के माध्यम से संगत को निहाल किया। हेड ग्रंथि ज्ञानी विक्रम सिंह जी ने सरबत के भले की अरदास कराई। गणमान्य लोगों की रही सहभागिता इस अवसर पर संरक्षक मंजीत सिंह शम्पी, महामंत्री भूपेंद्र सिंह वालिया, उपाध्यक्ष परमजीत सिंह, जगजीत सिंह, जगनंदन सिंह, देवेंद्र सिंह बेदी, मीडिया प्रभारी परविंदर सिंह सम्मी, दशमिन्दर पाल सिंह, अर्शदीप, राजेंद्र कौर, बलजीत कौर, गुरबख्श कौर, संतोष सिंह, कुलदीप सिंह, जिक्की सिंह, गुरजीत कौर और हरजीत कौर सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।
सिख समुदाय ने निकाली शहीदी संदेश यात्रा: गुरु गोविंद सिंह के साहिबजादों की शहादत को याद किया – Bahraich News
बहराइच में सरबंसदानी श्री गुरु गोविंद सिंह जी महाराज के चार साहिबजादों और माता गुजरी की शहादत को स्मरण करते हुए रविवार को बहराइच में ‘शहीदी संदेश यात्रा’ निकाली गई। यात्रा गुरुद्वारा गुरबाणी केंद्र, गुरुनानक चौक से प्रारंभ होकर चित्रगुप्त चौक, छावनी और घंटाघर होते हुए पीपल चौराहे स्थित गुरुद्वारे में संपन्न हुई। यात्रा में सिख संगत के साथ-साथ अन्य धर्मों के लोगों ने भी सहभागिता कर शहादत को नमन किया। त्याग और बलिदान की स्मृति में निकली यात्रा गुरुद्वारा अध्यक्ष मंदीप सिंह वालिया ने बताया कि यह यात्रा दशमेश पिता गुरु गोविंद सिंह जी के देश और कौम के प्रति प्रेम, त्याग और उनके अद्वितीय सरबंसदान को याद करने के उद्देश्य से निकाली गई। उन्होंने कहा कि साहिबजादों ने “पहला मरण कबूल, जीवन की छड आस” के सिद्धांत पर चलते हुए अपनी शहादत दी, जो आज भी देश और समाज के लिए प्रेरणास्रोत है। वालिया ने सिख इतिहास का उल्लेख करते हुए बताया कि जब मुगल सल्तनत के जुल्म और अन्याय अपने चरम पर थे, तब गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज ने खालसा पंथ की स्थापना कर अन्याय के विरुद्ध संघर्ष का मार्ग प्रशस्त किया। उन्होंने अपने पिता, सिखों के नौवें गुरु श्री गुरु तेग बहादुर जी को कश्मीरी पंडितों पर हो रहे अत्याचार और जबरन धर्म परिवर्तन के विरोध में शहादत देने के लिए प्रेरित किया था। साहिबजादों और माता गुजरी की अमर शहादत गुरु गोबिंद सिंह जी के दो साहिबजादे अजीत सिंह और जुझार सिंह चमकौर के युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए। वहीं, दो अन्य साहिबजादे जोरावर सिंह और फतेह सिंह को माता गुजरी के साथ गिरफ्तार कर लिया गया। दोनों बाल साहिबजादों को जिंदा दीवार में चुनवा दिया गया और माता गुजरी ने भी वहीं अपने प्राण त्याग दिए। इस प्रकार गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज ने देश और धर्म की रक्षा के लिए अपना संपूर्ण परिवार न्योछावर कर दिया। शहीदी संदेश यात्रा के गुरुद्वारे पहुंचने पर गुरदासपुर से आए रागी जत्था कंवलजीत सिंह जी और हुजूरी रागी फतेह सिंह ने कीर्तन के माध्यम से संगत को निहाल किया। हेड ग्रंथि ज्ञानी विक्रम सिंह जी ने सरबत के भले की अरदास कराई। गणमान्य लोगों की रही सहभागिता इस अवसर पर संरक्षक मंजीत सिंह शम्पी, महामंत्री भूपेंद्र सिंह वालिया, उपाध्यक्ष परमजीत सिंह, जगजीत सिंह, जगनंदन सिंह, देवेंद्र सिंह बेदी, मीडिया प्रभारी परविंदर सिंह सम्मी, दशमिन्दर पाल सिंह, अर्शदीप, राजेंद्र कौर, बलजीत कौर, गुरबख्श कौर, संतोष सिंह, कुलदीप सिंह, जिक्की सिंह, गुरजीत कौर और हरजीत कौर सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।









































