निचलौल तहसील के पिपरिया गांव में चार दिनों से गन्ने के खेत में डेरा डाले एक मादा तेंदुआ रविवार सुबह अपने दो शावकों के साथ अज्ञात स्थान पर चली गई। तेंदुए के चले जाने से किसानों ने राहत महसूस की है, हालांकि ग्रामीणों में अभी भी दहशत का माहौल बना हुआ है। यह घटना सोहगीबरवां वन्यजीव प्रभाग के मधवलिया वन रेंज के अंतर्गत पिपरिया गांव के पश्चिमी सिवान क्षेत्र की है। गुरुवार को नहर के पास ग्यासुद्दीन के गन्ने के खेत में मादा तेंदुआ को उसके दो शावकों के साथ पहली बार देखा गया था। ग्रामीणों ने बताया कि दिन के समय मादा तेंदुआ भोजन की तलाश में निकल जाती थी, जबकि शावक खेत में ही छिपे रहते थे। शुक्रवार को दिनभर मादा तेंदुआ दिखाई नहीं दी, लेकिन रात में वह अपने शावकों के पास लौट आई थी। ग्रामीणों की बढ़ती आवाजाही के कारण मादा तेंदुआ अपने दोनों शावकों को ग्यासुद्दीन के खेत से लगभग 100 मीटर दक्षिण-पश्चिम दिशा में स्थित श्यामा के गन्ने के खेत में ले गई थी। रविवार सुबह जब किसान अपने खेतों की ओर गए, तो उन्हें वहां शावक नहीं मिले, जिससे उनके चले जाने की पुष्टि हुई। इस संबंध में वन क्षेत्राधिकारी अजीत कुमार भास्कर ने जानकारी दी कि शावकों की निगरानी के लिए नाइट विजन कैमरा लगाया गया था। सीसीटीवी फुटेज में मादा तेंदुआ अपने दोनों शावकों को लेकर जाते हुए स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है। वन विभाग की टीम ने रविवार को क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन चलाया, लेकिन तेंदुआ परिवार का कोई सुराग नहीं मिल सका। वन विभाग ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे खेतों में अकेले न जाएं, सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तत्काल वन विभाग को दें।
पिपरिया में चौथे दिन मादा तेंदुआ शावकों संग अन्यत्र रवाना: गन्ने के खेत से हटी मादा तेंदुआ, ग्रामीणों में अभी भी दहशत – Bakuldiha(Nichlaul) News
निचलौल तहसील के पिपरिया गांव में चार दिनों से गन्ने के खेत में डेरा डाले एक मादा तेंदुआ रविवार सुबह अपने दो शावकों के साथ अज्ञात स्थान पर चली गई। तेंदुए के चले जाने से किसानों ने राहत महसूस की है, हालांकि ग्रामीणों में अभी भी दहशत का माहौल बना हुआ है। यह घटना सोहगीबरवां वन्यजीव प्रभाग के मधवलिया वन रेंज के अंतर्गत पिपरिया गांव के पश्चिमी सिवान क्षेत्र की है। गुरुवार को नहर के पास ग्यासुद्दीन के गन्ने के खेत में मादा तेंदुआ को उसके दो शावकों के साथ पहली बार देखा गया था। ग्रामीणों ने बताया कि दिन के समय मादा तेंदुआ भोजन की तलाश में निकल जाती थी, जबकि शावक खेत में ही छिपे रहते थे। शुक्रवार को दिनभर मादा तेंदुआ दिखाई नहीं दी, लेकिन रात में वह अपने शावकों के पास लौट आई थी। ग्रामीणों की बढ़ती आवाजाही के कारण मादा तेंदुआ अपने दोनों शावकों को ग्यासुद्दीन के खेत से लगभग 100 मीटर दक्षिण-पश्चिम दिशा में स्थित श्यामा के गन्ने के खेत में ले गई थी। रविवार सुबह जब किसान अपने खेतों की ओर गए, तो उन्हें वहां शावक नहीं मिले, जिससे उनके चले जाने की पुष्टि हुई। इस संबंध में वन क्षेत्राधिकारी अजीत कुमार भास्कर ने जानकारी दी कि शावकों की निगरानी के लिए नाइट विजन कैमरा लगाया गया था। सीसीटीवी फुटेज में मादा तेंदुआ अपने दोनों शावकों को लेकर जाते हुए स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है। वन विभाग की टीम ने रविवार को क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन चलाया, लेकिन तेंदुआ परिवार का कोई सुराग नहीं मिल सका। वन विभाग ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे खेतों में अकेले न जाएं, सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तत्काल वन विभाग को दें।





































