सिद्धार्थनगर जनपद में जिलाधिकारी के कड़े निर्देशों के बाद स्वास्थ्य विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। रविवार देर शाम डुमरियागंज तहसील क्षेत्र में चार फर्जी अस्पताल और पैथोलॉजी को सील कर दिया गया। इस कार्रवाई से अवैध रूप से संचालित स्वास्थ्य केंद्रों में हड़कंप मच गया है। एक अन्य अस्पताल को नोटिस भी जारी किया गया है। यह कार्रवाई 24 दिसंबर को जिलाधिकारी द्वारा नैदानिक स्थापना (क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट) के नोडल अधिकारी का प्रभार बदले जाने के बाद हुई है। नए नोडल अधिकारी डॉ. एम.एम. त्रिपाठी ने प्रभार संभालते ही एक्शन मोड में काम शुरू कर दिया। माना जा रहा है कि जिलाधिकारी का स्पष्ट निर्देश है कि मरीजों की जान से खिलवाड़ किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसी दबाव के चलते वर्षों से चल रहे फर्जी अस्पतालों पर अब शिकंजा कसा जा रहा है। रविवार को डॉ. एम.एम. त्रिपाठी अपनी टीम के साथ डुमरियागंज के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बेवा क्षेत्र में छापेमारी के लिए पहुंचे। टीम ने सबसे पहले नूर हॉस्पिटल का निरीक्षण किया, जो मल्टी स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल का दावा करता था। जांच में अस्पताल के पास न तो वैध पंजीकरण मिला। न आवश्यक दस्तावेज और न ही कोई योग्य चिकित्सक। इसे पूरी तरह से फर्जी तरीके से संचालित पाया गया और तत्काल सील कर दिया गया। इसके बाद टीम ने आरएस हॉस्पिटल का दौरा किया। यहां भी स्थिति समान थी; अस्पताल बिना किसी वैध दस्तावेज या पंजीकरण के संचालित हो रहा था। मरीजों का इलाज भी निर्धारित मानकों और नियमों के विपरीत किया जा रहा था। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इस अस्पताल को भी सील कर दिया।
सिद्धार्थनगर में 4 फर्जी अस्पताल-पैथलॉजी सील:बिना लाइसेंस के चल रहा था मल्टी स्पेशिलिटी हॉस्पिटल, नहीं मिले डॉक्टर
सिद्धार्थनगर जनपद में जिलाधिकारी के कड़े निर्देशों के बाद स्वास्थ्य विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। रविवार देर शाम डुमरियागंज तहसील क्षेत्र में चार फर्जी अस्पताल और पैथोलॉजी को सील कर दिया गया। इस कार्रवाई से अवैध रूप से संचालित स्वास्थ्य केंद्रों में हड़कंप मच गया है। एक अन्य अस्पताल को नोटिस भी जारी किया गया है। यह कार्रवाई 24 दिसंबर को जिलाधिकारी द्वारा नैदानिक स्थापना (क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट) के नोडल अधिकारी का प्रभार बदले जाने के बाद हुई है। नए नोडल अधिकारी डॉ. एम.एम. त्रिपाठी ने प्रभार संभालते ही एक्शन मोड में काम शुरू कर दिया। माना जा रहा है कि जिलाधिकारी का स्पष्ट निर्देश है कि मरीजों की जान से खिलवाड़ किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसी दबाव के चलते वर्षों से चल रहे फर्जी अस्पतालों पर अब शिकंजा कसा जा रहा है। रविवार को डॉ. एम.एम. त्रिपाठी अपनी टीम के साथ डुमरियागंज के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बेवा क्षेत्र में छापेमारी के लिए पहुंचे। टीम ने सबसे पहले नूर हॉस्पिटल का निरीक्षण किया, जो मल्टी स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल का दावा करता था। जांच में अस्पताल के पास न तो वैध पंजीकरण मिला। न आवश्यक दस्तावेज और न ही कोई योग्य चिकित्सक। इसे पूरी तरह से फर्जी तरीके से संचालित पाया गया और तत्काल सील कर दिया गया। इसके बाद टीम ने आरएस हॉस्पिटल का दौरा किया। यहां भी स्थिति समान थी; अस्पताल बिना किसी वैध दस्तावेज या पंजीकरण के संचालित हो रहा था। मरीजों का इलाज भी निर्धारित मानकों और नियमों के विपरीत किया जा रहा था। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इस अस्पताल को भी सील कर दिया।









































