शहजाद आलम | भारत भारी(डुमरियागंज), सिद्धार्थनगर6 मिनट पहले
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नगर पंचायत भारतभारी के पूर्व अध्यक्ष प्रत्याशी और सपा नेता विजय यादव ने बुधवार को एक प्रेस वार्ता में पूर्व विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह के हालिया विवादित बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि धर्म और समुदाय के आधार पर समाज को बांटने की कोशिशें लोकतंत्र के लिए खतरा हैं।
यादव ने जोर देकर कहा कि एक नेता का असली धर्म समाज को एकजुट करना होता है, न कि लोगों के बीच नफरत फैलाना। उन्होंने पूर्व विधायक के बयान को न केवल समाज को तोड़ने वाला, बल्कि अत्यंत अमर्यादित भी बताया।
विजय यादव के अनुसार, ऐसे बयान महिलाओं के सम्मान को ठेस पहुँचाते हैं और “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” जैसे महत्वपूर्ण अभियानों की भावना का भी अपमान करते हैं।
उन्होंने स्पष्ट किया कि समाजवादी पार्टी हमेशा समानता, सम्मान और भाईचारे की पक्षधर रही है। किसी भी धर्म या समुदाय की लड़कियों के साथ छेड़छाड़, उत्पीड़न या किसी भी अपराध पर सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन इसका यह अर्थ नहीं कि पूरे समाज या धर्म को दोषी ठहराया जाए।
यादव ने कहा कि समाज को तोड़ने और सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने वाला व्यवहार किसी भी जनप्रतिनिधि को शोभा नहीं देता। उन्होंने डुमरियागंज के विकास के लिए एकता को आवश्यक बताया, न कि विभाजन को।
उन्होंने जनता, विशेषकर युवाओं से अपील की कि वे विचार करें कि क्या समाज को तोड़ने वाली राजनीति से क्षेत्र आगे बढ़ सकता है। यादव ने कहा कि डुमरियागंज के विकास के लिए नफरत नहीं, बल्कि इंसाफ़ और भाईचारे का रास्ता अपनाना होगा।
विजय यादव ने अंत में कहा कि देश और प्रदेश तभी प्रगति कर सकते हैं जब सभी धर्मों और समुदायों के लोग मिलकर एकता, सम्मान और संविधान के मार्ग पर चलें। उन्होंने जनता से ऐसे नेताओं को नकारने का आग्रह किया जो समाज में फूट डालने का प्रयास करते हैं, क्योंकि डुमरियागंज का भविष्य एकता और प्रेम से ही उज्जवल बन सकता है।











































