जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा ने सोमवार को जिला महिला अस्पताल का आकस्मिक निरीक्षण किया। उन्होंने अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का गहनता से जायजा लिया, जिसमें ओपीडी, जनरल वार्ड, इमरजेंसी वार्ड और अन्य कक्ष शामिल थे। इस दौरान साफ-सफाई, दवाओं की उपलब्धता और मरीजों को दी जा रही सुविधाओं का अवलोकन किया गया। जिलाधिकारी ने अस्पताल में भर्ती मरीजों और उनके परिजनों से सीधा संवाद किया। उन्होंने उपचार की गुणवत्ता, चिकित्सकों व स्टाफ के व्यवहार तथा उपलब्ध सुविधाओं पर प्रतिक्रिया ली। जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि मरीजों को समयबद्ध, संवेदनशील और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है, इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही स्वीकार्य नहीं होगी। ठंड के मौसम को देखते हुए जिलाधिकारी ने गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं की देखभाल पर विशेष जोर दिया। उन्होंने वार्डों में पर्याप्त कंबल, हीटर और अन्य आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए, ताकि माताओं और नवजातों को कोई असुविधा न हो। अस्पताल परिसर में बेहतर सफाई व्यवस्था बनाए रखने पर भी बल दिया गया। ओपीडी के निरीक्षण में कुल 82 मरीजों का उपचार होते पाया गया। डॉ. रूपाली, डॉ. अरुण, डॉ. ज्योत्सना और डॉ. शालिनी मरीजों का इलाज कर रही थीं। जिलाधिकारी ने चिकित्सकों को मरीजों के साथ सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार करने और समुचित परामर्श देने का निर्देश दिया। उन्होंने सख्त चेतावनी दी कि किसी भी मरीज पर बाहर से दवा या जांच कराने का दबाव न बनाया जाए, अन्यथा कठोर कार्रवाई की जाएगी। इसके उपरांत, जिलाधिकारी ने अस्पताल के पांचवें तल पर निर्माणाधीन आईपीएचएल लैब का भी निरीक्षण किया। उन्होंने यूपीसीएलडीएफ को निर्देश दिए कि 99.99 लाख रुपये की लागत से बन रही इस लैब का निर्माण कार्य निर्धारित समय-सीमा और गुणवत्ता मानकों के अनुरूप पूरा किया जाए।
जिलाधिकारी ने महिला अस्पताल का आकस्मिक निरीक्षण किया: मरीजों से बात कर ठंड में बेहतर सुविधाओं के निर्देश दिए – Nichlaul News
जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा ने सोमवार को जिला महिला अस्पताल का आकस्मिक निरीक्षण किया। उन्होंने अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का गहनता से जायजा लिया, जिसमें ओपीडी, जनरल वार्ड, इमरजेंसी वार्ड और अन्य कक्ष शामिल थे। इस दौरान साफ-सफाई, दवाओं की उपलब्धता और मरीजों को दी जा रही सुविधाओं का अवलोकन किया गया। जिलाधिकारी ने अस्पताल में भर्ती मरीजों और उनके परिजनों से सीधा संवाद किया। उन्होंने उपचार की गुणवत्ता, चिकित्सकों व स्टाफ के व्यवहार तथा उपलब्ध सुविधाओं पर प्रतिक्रिया ली। जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि मरीजों को समयबद्ध, संवेदनशील और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है, इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही स्वीकार्य नहीं होगी। ठंड के मौसम को देखते हुए जिलाधिकारी ने गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं की देखभाल पर विशेष जोर दिया। उन्होंने वार्डों में पर्याप्त कंबल, हीटर और अन्य आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए, ताकि माताओं और नवजातों को कोई असुविधा न हो। अस्पताल परिसर में बेहतर सफाई व्यवस्था बनाए रखने पर भी बल दिया गया। ओपीडी के निरीक्षण में कुल 82 मरीजों का उपचार होते पाया गया। डॉ. रूपाली, डॉ. अरुण, डॉ. ज्योत्सना और डॉ. शालिनी मरीजों का इलाज कर रही थीं। जिलाधिकारी ने चिकित्सकों को मरीजों के साथ सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार करने और समुचित परामर्श देने का निर्देश दिया। उन्होंने सख्त चेतावनी दी कि किसी भी मरीज पर बाहर से दवा या जांच कराने का दबाव न बनाया जाए, अन्यथा कठोर कार्रवाई की जाएगी। इसके उपरांत, जिलाधिकारी ने अस्पताल के पांचवें तल पर निर्माणाधीन आईपीएचएल लैब का भी निरीक्षण किया। उन्होंने यूपीसीएलडीएफ को निर्देश दिए कि 99.99 लाख रुपये की लागत से बन रही इस लैब का निर्माण कार्य निर्धारित समय-सीमा और गुणवत्ता मानकों के अनुरूप पूरा किया जाए।









































