नगर पंचायत भारत भारी और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में रबी सीजन की गेहूं बुआई तेजी से जारी है। हालांकि, खाद और पानी की कमी के कारण किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं। स्थानीय किसानों हिदायतुल्लाह, मो. उमर, हरीश प्रसाद और लक्ष्मी नारायण ने बताया कि गेहूं की बुआई समय पर पूरी करना आवश्यक है, क्योंकि इसमें देरी से उत्पादन प्रभावित होता है। उन्होंने कहा कि सिंचाई के लिए पानी और खाद की उपलब्धता लगभग न के बराबर है। क्षेत्र में कई सरकारी नलकूप खराब पड़े हैं, और नहरों में भी पानी नहीं पहुंच पा रहा है। इस कारण खेतों की सिंचाई समय पर नहीं हो पा रही है, जिससे फसलों को नुकसान होने का खतरा मंडरा रहा है। किसानों के मुताबिक, खाद की दुकानों पर यूरिया और डीएपी की भारी कमी है। इस कमी के चलते किसानों को बाजार से महंगे दामों पर खाद खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है, जिससे उनकी खेती की लागत लगातार बढ़ रही है। किसानों ने आरोप लगाया कि खाद और पानी की इस गंभीर समस्या पर सरकारी अधिकारी और कर्मचारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। उनका कहना है कि कई बार शिकायत करने के बावजूद न तो खाद वितरण व्यवस्था में सुधार हुआ और न ही नहरों में पानी छोड़ा गया। किसानों का कहना है कि यदि इस समस्या का जल्द समाधान नहीं हुआ, तो फसलों की उत्पादकता पर गंभीर असर पड़ेगा और उनकी सालभर की मेहनत बेकार हो सकती है। इस संबंध में उपजिलाधिकारी डुमरियागंज राजेश कुमार ने बताया कि उक्त मामले की जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
खाद और पानी की कमी के बीच गेहूं बुआई जारी:सिद्धार्थनगर में खाद-पानी की कमी से किसान चिंतित, उत्पादन पर संकट
नगर पंचायत भारत भारी और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में रबी सीजन की गेहूं बुआई तेजी से जारी है। हालांकि, खाद और पानी की कमी के कारण किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं। स्थानीय किसानों हिदायतुल्लाह, मो. उमर, हरीश प्रसाद और लक्ष्मी नारायण ने बताया कि गेहूं की बुआई समय पर पूरी करना आवश्यक है, क्योंकि इसमें देरी से उत्पादन प्रभावित होता है। उन्होंने कहा कि सिंचाई के लिए पानी और खाद की उपलब्धता लगभग न के बराबर है। क्षेत्र में कई सरकारी नलकूप खराब पड़े हैं, और नहरों में भी पानी नहीं पहुंच पा रहा है। इस कारण खेतों की सिंचाई समय पर नहीं हो पा रही है, जिससे फसलों को नुकसान होने का खतरा मंडरा रहा है। किसानों के मुताबिक, खाद की दुकानों पर यूरिया और डीएपी की भारी कमी है। इस कमी के चलते किसानों को बाजार से महंगे दामों पर खाद खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है, जिससे उनकी खेती की लागत लगातार बढ़ रही है। किसानों ने आरोप लगाया कि खाद और पानी की इस गंभीर समस्या पर सरकारी अधिकारी और कर्मचारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। उनका कहना है कि कई बार शिकायत करने के बावजूद न तो खाद वितरण व्यवस्था में सुधार हुआ और न ही नहरों में पानी छोड़ा गया। किसानों का कहना है कि यदि इस समस्या का जल्द समाधान नहीं हुआ, तो फसलों की उत्पादकता पर गंभीर असर पड़ेगा और उनकी सालभर की मेहनत बेकार हो सकती है। इस संबंध में उपजिलाधिकारी डुमरियागंज राजेश कुमार ने बताया कि उक्त मामले की जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।









































