बहराइच में विक्रमशिला एजुकेशन रिसोर्स सोसायटी ने पांच विकास खंडों— बलहा, महसी, शिवपुर, नवाबगंज एवं मिहीपुरवा — की आंगनवाड़ी सुपरवाइजरों के लिए एक एक्सपोज़र विज़िट का आयोजन किया। यह कार्यक्रम आंगनवाड़ी केंद्र शिवपुर (द्वितीय) में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ, जिसका मुख्य उद्देश्य केंद्र के बेहतर संचालन की प्रक्रियाओं को प्रत्यक्ष रूप से समझना और सीखना था। विज़िट के दौरान, आंगनवाड़ी कार्यकत्री सुनीता जायसवाल ने केंद्र का सुव्यवस्थित संचालन प्रदर्शित किया। उन्होंने सुपरवाइजरों को केंद्र पर संचालित विभिन्न गतिविधियों के साथ-साथ ईसीसीई (प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा) के चारों कोनों—कला, किताब, खेल एवं ब्लॉक—की अवधारणा और उनके प्रभावी उपयोग की विस्तृत जानकारी दी। केंद्र संचालन के बाद ‘खुशी की चौपाल’ या पीटीएम (अभिभावक-शिक्षक बैठक) का आयोजन किया गया। इसमें 3 से 6 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के अभिभावकों को आमंत्रित किया गया था। चौपाल का विषय ‘बाल हिंसा एवं सुरक्षा’ रखा गया। बैठक में आंगनवाड़ी कार्यकत्री ने अभिभावकों का स्वागत करते हुए बच्चों की सुरक्षा, सकारात्मक पालन-पोषण और बाल अधिकारों से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां साझा कीं। जिला समन्वयक नेहा शर्मा और विजय मिश्रा ने अभिभावकों को यौन हिंसा से बचाव और सुरक्षा उपायों के बारे में विस्तार से बताया। यह एक्सपोज़र विज़िट सुपरवाइजरों के लिए एक महत्वपूर्ण सीखने का अवसर साबित हुआ। इससे वे अपने-अपने क्षेत्रों में आंगनवाड़ी केंद्रों के संचालन को अधिक प्रभावी और गुणवत्तापूर्ण बना सकेंगी।
बहराइच में आंगनवाड़ी सुपरवाइजरों का एक्सपोजर विजिट आयोजित: विक्रमशिला एजुकेशन रिसोर्स सोसायटी ने केंद्र संचालन सुधारने की पहल – Shivpur(Bahraich) News
बहराइच में विक्रमशिला एजुकेशन रिसोर्स सोसायटी ने पांच विकास खंडों— बलहा, महसी, शिवपुर, नवाबगंज एवं मिहीपुरवा — की आंगनवाड़ी सुपरवाइजरों के लिए एक एक्सपोज़र विज़िट का आयोजन किया। यह कार्यक्रम आंगनवाड़ी केंद्र शिवपुर (द्वितीय) में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ, जिसका मुख्य उद्देश्य केंद्र के बेहतर संचालन की प्रक्रियाओं को प्रत्यक्ष रूप से समझना और सीखना था। विज़िट के दौरान, आंगनवाड़ी कार्यकत्री सुनीता जायसवाल ने केंद्र का सुव्यवस्थित संचालन प्रदर्शित किया। उन्होंने सुपरवाइजरों को केंद्र पर संचालित विभिन्न गतिविधियों के साथ-साथ ईसीसीई (प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा) के चारों कोनों—कला, किताब, खेल एवं ब्लॉक—की अवधारणा और उनके प्रभावी उपयोग की विस्तृत जानकारी दी। केंद्र संचालन के बाद ‘खुशी की चौपाल’ या पीटीएम (अभिभावक-शिक्षक बैठक) का आयोजन किया गया। इसमें 3 से 6 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के अभिभावकों को आमंत्रित किया गया था। चौपाल का विषय ‘बाल हिंसा एवं सुरक्षा’ रखा गया। बैठक में आंगनवाड़ी कार्यकत्री ने अभिभावकों का स्वागत करते हुए बच्चों की सुरक्षा, सकारात्मक पालन-पोषण और बाल अधिकारों से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां साझा कीं। जिला समन्वयक नेहा शर्मा और विजय मिश्रा ने अभिभावकों को यौन हिंसा से बचाव और सुरक्षा उपायों के बारे में विस्तार से बताया। यह एक्सपोज़र विज़िट सुपरवाइजरों के लिए एक महत्वपूर्ण सीखने का अवसर साबित हुआ। इससे वे अपने-अपने क्षेत्रों में आंगनवाड़ी केंद्रों के संचालन को अधिक प्रभावी और गुणवत्तापूर्ण बना सकेंगी।








































