सरयू नहर खण्ड बांसी के अधिकारियों की उदासीनता के चलते माइनर में पानी न आने के कारण क्षेत्रीय किसानों को अपने खेतों की सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल पा रहा है। कूड़ी रजवाहा से निकली बसडीलिया और खोरिया माइनर में टेल तक पानी नहीं पहुंचने से किसान बहुत परेशान हैं। कूड़ी से असनहरा पिपरा माइनर भी निकली है, जो कूड़ी, गौरा ही बुजुर्ग, मल्हवार, रसूलपुर, असनहरा पिपरा, चकमझारी और चौरामाफी तक जाती है। इसी प्रकार, उपधी खुर्द बुजुर्ग से निकलकर भलुवाही, कैथवलिया रेहरा, चौखड़ा होते हुए अमौना तिवारी तक जाने वाली उपधी माइनर में भी किसानों को पानी नहीं मिला है। जबकि अन्य क्षेत्रों में किसान भरपूर पानी का लाभ ले रहे हैं। इस बार नहरों में समय से पानी आ गया था, जिससे किसान खुश थे। हालांकि, जब माइनर में आज तक पानी नहीं पहुंचा तो किसानों की उम्मीदों पर पानी फिर गया। वे अब निराश दिख रहे हैं। किसानों का आरोप है कि अवर अभियंता को भी इन नहरों से कोई सरोकार नहीं है। वे कभी-कभी लग्जरी गाड़ी से आते हैं और पुलिया पर खड़े होकर देखकर चले जाते हैं, पूरे माइनर का निरीक्षण नहीं करते। इसी उदासीनता के कारण नहरों की स्थिति बिगड़ती जा रही है। विभाग की उदासीनता के कारण आज तक टेल तक पानी नहीं पहुंचा है। किसानों की लाखों शिकायतों के बावजूद विभाग खामोश है। यही वजह है कि 5.5 किलोमीटर लंबी माइनर में से सिर्फ 2 किलोमीटर तक ही सही ढंग से पानी पहुंच पाता है। अधिशाषी अभियंता से बात करने पर उन्होंने समस्या का समाधान कर किसानों को समय पर पानी उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है।
बसडीलिया-खोरिया माइनर में टेल तक नहीं पहुंचा पानी:लाखों खर्च के बावजूद सिंचाई के लिए जूझ रहे किसान
सरयू नहर खण्ड बांसी के अधिकारियों की उदासीनता के चलते माइनर में पानी न आने के कारण क्षेत्रीय किसानों को अपने खेतों की सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल पा रहा है। कूड़ी रजवाहा से निकली बसडीलिया और खोरिया माइनर में टेल तक पानी नहीं पहुंचने से किसान बहुत परेशान हैं। कूड़ी से असनहरा पिपरा माइनर भी निकली है, जो कूड़ी, गौरा ही बुजुर्ग, मल्हवार, रसूलपुर, असनहरा पिपरा, चकमझारी और चौरामाफी तक जाती है। इसी प्रकार, उपधी खुर्द बुजुर्ग से निकलकर भलुवाही, कैथवलिया रेहरा, चौखड़ा होते हुए अमौना तिवारी तक जाने वाली उपधी माइनर में भी किसानों को पानी नहीं मिला है। जबकि अन्य क्षेत्रों में किसान भरपूर पानी का लाभ ले रहे हैं। इस बार नहरों में समय से पानी आ गया था, जिससे किसान खुश थे। हालांकि, जब माइनर में आज तक पानी नहीं पहुंचा तो किसानों की उम्मीदों पर पानी फिर गया। वे अब निराश दिख रहे हैं। किसानों का आरोप है कि अवर अभियंता को भी इन नहरों से कोई सरोकार नहीं है। वे कभी-कभी लग्जरी गाड़ी से आते हैं और पुलिया पर खड़े होकर देखकर चले जाते हैं, पूरे माइनर का निरीक्षण नहीं करते। इसी उदासीनता के कारण नहरों की स्थिति बिगड़ती जा रही है। विभाग की उदासीनता के कारण आज तक टेल तक पानी नहीं पहुंचा है। किसानों की लाखों शिकायतों के बावजूद विभाग खामोश है। यही वजह है कि 5.5 किलोमीटर लंबी माइनर में से सिर्फ 2 किलोमीटर तक ही सही ढंग से पानी पहुंच पाता है। अधिशाषी अभियंता से बात करने पर उन्होंने समस्या का समाधान कर किसानों को समय पर पानी उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है।








































