महराजगंज में 22वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) सीमावर्ती क्षेत्रों के युवाओं को आत्मनिर्भर और डिजिटल रूप से सक्षम बनाने के लिए एक पहल कर रही है। नागरिक कल्याण कार्यक्रम के तहत समवाय ठूठीबारी के वाइब्रेंट विलेज में 21 दिवसीय बेसिक कंप्यूटर प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है, जो 29 दिसंबर 2025 को शुरू हुआ था। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभागियों को कंप्यूटर की मूलभूत जानकारी के साथ-साथ एमएस वर्ड, एमएस एक्सेल और एमएस पावरपॉइंट का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, उन्हें इंटरनेट और ई-मेल के सुरक्षित व प्रभावी उपयोग, डिजिटल साक्षरता से जुड़ी आवश्यक जानकारियों तथा ऑनलाइन सेवाओं के प्रति जागरूक किया जा रहा है। इसका उद्देश्य युवाओं को आधुनिक तकनीक से जोड़कर उनके भविष्य को सुदृढ़ बनाना है। एसएसबी के उप कमांडेंट महावीर भामू ने बताया कि इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य सीमावर्ती क्षेत्र के युवाओं और युवतियों को डिजिटल रूप से सशक्त बनाना है। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम उन्हें रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसरों से जोड़ेगा और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की संकल्पना को साकार करने में मदद करेगा। स्थानीय नागरिकों ने एसएसबी की इस पहल की सराहना की है। प्रशिक्षणार्थी युवक-युवतियाँ पूरे उत्साह और अनुशासन के साथ कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं। सीमांत अंचल में इस तरह के प्रयासों को भविष्य के लिए एक सकारात्मक और दूरगामी कदम माना जा रहा है, जिससे युवाओं में आत्मविश्वास बढ़ रहा है और वे तकनीकी कौशल के प्रति रुचि ले रहे हैं।
एसएसबी ने सीमांत युवाओं के लिए शुरू किया कंप्यूटर प्रशिक्षण: ठूठीबारी में 21 दिवसीय कार्यक्रम का 16वां दिन, डिजिटल साक्षरता पर जोर – Laxmipur Khurd(Nichlaul) News
महराजगंज में 22वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) सीमावर्ती क्षेत्रों के युवाओं को आत्मनिर्भर और डिजिटल रूप से सक्षम बनाने के लिए एक पहल कर रही है। नागरिक कल्याण कार्यक्रम के तहत समवाय ठूठीबारी के वाइब्रेंट विलेज में 21 दिवसीय बेसिक कंप्यूटर प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है, जो 29 दिसंबर 2025 को शुरू हुआ था। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभागियों को कंप्यूटर की मूलभूत जानकारी के साथ-साथ एमएस वर्ड, एमएस एक्सेल और एमएस पावरपॉइंट का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, उन्हें इंटरनेट और ई-मेल के सुरक्षित व प्रभावी उपयोग, डिजिटल साक्षरता से जुड़ी आवश्यक जानकारियों तथा ऑनलाइन सेवाओं के प्रति जागरूक किया जा रहा है। इसका उद्देश्य युवाओं को आधुनिक तकनीक से जोड़कर उनके भविष्य को सुदृढ़ बनाना है। एसएसबी के उप कमांडेंट महावीर भामू ने बताया कि इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य सीमावर्ती क्षेत्र के युवाओं और युवतियों को डिजिटल रूप से सशक्त बनाना है। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम उन्हें रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसरों से जोड़ेगा और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की संकल्पना को साकार करने में मदद करेगा। स्थानीय नागरिकों ने एसएसबी की इस पहल की सराहना की है। प्रशिक्षणार्थी युवक-युवतियाँ पूरे उत्साह और अनुशासन के साथ कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं। सीमांत अंचल में इस तरह के प्रयासों को भविष्य के लिए एक सकारात्मक और दूरगामी कदम माना जा रहा है, जिससे युवाओं में आत्मविश्वास बढ़ रहा है और वे तकनीकी कौशल के प्रति रुचि ले रहे हैं।









































