क्षेत्र में लगातार पड़ रहे घने कोहरे और बढ़ती ठंड का असर अब आलू की फसल पर स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। खेतों में लंबे समय तक नमी बने रहने के कारण आलू की पत्तियों पर झुलसा रोग और फंगल बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, घने कोहरे के कारण पौधों को पर्याप्त सूरज की रोशनी नहीं मिल पा रही है, जिससे उनकी बढ़वार रुक गई है। इसका सीधा प्रभाव आलू के कंदों के आकार और वजन पर पड़ रहा है। कई स्थानों पर आलू की पत्तियां पीली पड़ने लगी हैं और फसल कमजोर होती जा रही है। किसानों का कहना है कि यदि मौसम जल्द साफ नहीं हुआ, तो आलू की पैदावार में 15 से 25 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है। इससे उनकी लागत बढ़ेगी और उचित मुनाफा मिलना मुश्किल हो जाएगा। विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि हल्का कोहरा नमी बनाए रखने में सहायक होता है, लेकिन लगातार कई दिनों तक घना कोहरा आलू की फसल के लिए हानिकारक है। कृषि विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि वे खेतों में जल निकास की उचित व्यवस्था सुनिश्चित करें और रोग के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत दवाओं का छिड़काव करें। अब किसानों की उम्मीदें मौसम के बदलने पर टिकी हैं। यदि आने वाले दिनों में धूप निकलती है, तो आलू की फसल को इस संकट से कुछ राहत मिल सकती है।









































