बलरामपुर के सेखुइया गांव में हुई हिंसक घटना के बाद स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। करणी सेना के कार्यकर्ताओं के गांव पहुंचने की तैयारी के मद्देनजर जिला प्रशासन ने एहतियाती कदम उठाते हुए कई पदाधिकारियों को उनके घरों में नजरबंद कर दिया है। पूरे इलाके में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। यह कार्रवाई करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष की उस घोषणा के बाद की गई है,जिसमें उन्होंने 31 अक्टूबर को सेखुइया पहुंचकर क्षत्रिय परिवार से मुलाकात करने और घटना की जानकारी लेने की बात कही थी। इस घोषणा के बाद से ही जिला प्रशासन किसी भी संभावित विवाद या तनाव से निपटने के लिए सतर्क था। शुक्रवार को करणी सेना के पदाधिकारियों के साथ-साथ क्षत्रिय समाज के जितेंद्र सिंह, राकेश सिंह, शुभम सिंह रूद्र और दिव्यांशु सिंह को भी हाउस अरेस्ट किया गया। बाहरी जिलों में भी करणी सेना के कई पदाधिकारियों को नजरबंद किया गया। प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार, क्षेत्र में शांति और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह कदम आवश्यक था। वहीं, करणी सेना के स्थानीय पदाधिकारियों ने प्रशासन पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि यदि दोषियों के खिलाफ निष्पक्ष कार्रवाई नहीं हुई, तो संगठन आंदोलन करने को मजबूर होगा। ग्राम सेखुइया में हालिया विवाद को लेकर पहले से ही राजनीतिक और सामाजिक संगठनों के बीच बयानबाजी जारी है। करणी सेना के सक्रिय होने से यह मामला और अधिक संवेदनशील हो गया है। प्रशासन का कहना है कि स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पर्याप्त बल तैनात किया गया है।
बलरामपुर में करणी सेना के पदाधिकारी हाउस अरेस्ट:सेखुइया विवाद को लेकर प्रशासन ने बढ़ाई सुरक्षा व्यवस्था
बलरामपुर के सेखुइया गांव में हुई हिंसक घटना के बाद स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। करणी सेना के कार्यकर्ताओं के गांव पहुंचने की तैयारी के मद्देनजर जिला प्रशासन ने एहतियाती कदम उठाते हुए कई पदाधिकारियों को उनके घरों में नजरबंद कर दिया है। पूरे इलाके में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। यह कार्रवाई करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष की उस घोषणा के बाद की गई है,जिसमें उन्होंने 31 अक्टूबर को सेखुइया पहुंचकर क्षत्रिय परिवार से मुलाकात करने और घटना की जानकारी लेने की बात कही थी। इस घोषणा के बाद से ही जिला प्रशासन किसी भी संभावित विवाद या तनाव से निपटने के लिए सतर्क था। शुक्रवार को करणी सेना के पदाधिकारियों के साथ-साथ क्षत्रिय समाज के जितेंद्र सिंह, राकेश सिंह, शुभम सिंह रूद्र और दिव्यांशु सिंह को भी हाउस अरेस्ट किया गया। बाहरी जिलों में भी करणी सेना के कई पदाधिकारियों को नजरबंद किया गया। प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार, क्षेत्र में शांति और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह कदम आवश्यक था। वहीं, करणी सेना के स्थानीय पदाधिकारियों ने प्रशासन पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि यदि दोषियों के खिलाफ निष्पक्ष कार्रवाई नहीं हुई, तो संगठन आंदोलन करने को मजबूर होगा। ग्राम सेखुइया में हालिया विवाद को लेकर पहले से ही राजनीतिक और सामाजिक संगठनों के बीच बयानबाजी जारी है। करणी सेना के सक्रिय होने से यह मामला और अधिक संवेदनशील हो गया है। प्रशासन का कहना है कि स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पर्याप्त बल तैनात किया गया है।












































