पनियरा विकास खंड की ग्राम पंचायत मोहद्दीनपुर में मंगलवार को हिंदू सम्मेलन आयोजित किया गया। सकल हिंदू समाज आयोजन समिति – मुजरी के तत्वावधान में हुए इस सम्मेलन में हजारों सनातन धर्मावलंबियों ने भाग लिया। इस दौरान सनातन संस्कृति के संरक्षण, संवर्धन और संगठन का संकल्प लिया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य वक्ता मनोज (क्षेत्र संपर्क प्रमुख) ने भारत माता के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन और पुष्प अर्पण कर किया। इसके बाद भारत माता की आरती हुई, जिसमें उपस्थित जनसमूह ने सहभागिता की। मुख्य वक्ता मनोज ने अपने उद्बोधन में कहा कि “हिन्दू केवल एक धर्म नहीं, बल्कि जीवन-पद्धति, संस्कृति और भारत की आत्मा है।” उन्होंने आगे कहा कि इतिहास गवाह है कि जब-जब हिंदू समाज संगठित हुआ है, तब-तब राष्ट्र ने स्वाभिमान, शक्ति और सांस्कृतिक उत्कर्ष का अनुभव किया है। उन्होंने युवाओं से सनातन मूल्यों को आत्मसात कर राष्ट्र निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाने का आह्वान किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री राम ने की। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में उन्होंने समाज को विभाजित करने वाली शक्तियों के विरुद्ध एकजुट होने की आवश्यकता पर बल दिया। कार्यक्रम का संचालन जीवेश मिश्रा ने किया। सम्मेलन में वक्ताओं ने धर्मांतरण, सामाजिक समरसता, सांस्कृतिक संरक्षण और राष्ट्रहित जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर अपने विचार रखे। मंच से यह संदेश दिया गया कि हिंदू समाज को जाति, वर्ग और क्षेत्रीय भेदभाव से ऊपर उठकर एक सूत्र में बंधना होगा। सम्मेलन स्थल पर जयघोष, धर्मध्वज और राष्ट्रभक्ति के नारों से वातावरण गूंज उठा। भारत माता की जय के उद्घोष भी सुनाई दिए। मातृशक्ति, युवावर्ग और वरिष्ठ नागरिकों की उल्लेखनीय सहभागिता रही। कार्यक्रम में विशाल, अमन, अभिनव, अमित, शिवचरण, रामचंद्र, दीपक, योगेन्द्र, अरविंद, संदीप, अशोक, हेमंत, निर्भय, मनोहर, सुनील सहित बड़ी संख्या में क्षेत्रीय गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
मोहद्दीनपुर में हिंदू सम्मेलन संपन्न: राष्ट्रभक्ति के नारों से गूंजा वातावरण, सनातन संस्कृति के संरक्षण और संगठन पर जोर – Paniyara(Maharajganj) News
पनियरा विकास खंड की ग्राम पंचायत मोहद्दीनपुर में मंगलवार को हिंदू सम्मेलन आयोजित किया गया। सकल हिंदू समाज आयोजन समिति – मुजरी के तत्वावधान में हुए इस सम्मेलन में हजारों सनातन धर्मावलंबियों ने भाग लिया। इस दौरान सनातन संस्कृति के संरक्षण, संवर्धन और संगठन का संकल्प लिया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य वक्ता मनोज (क्षेत्र संपर्क प्रमुख) ने भारत माता के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन और पुष्प अर्पण कर किया। इसके बाद भारत माता की आरती हुई, जिसमें उपस्थित जनसमूह ने सहभागिता की। मुख्य वक्ता मनोज ने अपने उद्बोधन में कहा कि “हिन्दू केवल एक धर्म नहीं, बल्कि जीवन-पद्धति, संस्कृति और भारत की आत्मा है।” उन्होंने आगे कहा कि इतिहास गवाह है कि जब-जब हिंदू समाज संगठित हुआ है, तब-तब राष्ट्र ने स्वाभिमान, शक्ति और सांस्कृतिक उत्कर्ष का अनुभव किया है। उन्होंने युवाओं से सनातन मूल्यों को आत्मसात कर राष्ट्र निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाने का आह्वान किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री राम ने की। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में उन्होंने समाज को विभाजित करने वाली शक्तियों के विरुद्ध एकजुट होने की आवश्यकता पर बल दिया। कार्यक्रम का संचालन जीवेश मिश्रा ने किया। सम्मेलन में वक्ताओं ने धर्मांतरण, सामाजिक समरसता, सांस्कृतिक संरक्षण और राष्ट्रहित जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर अपने विचार रखे। मंच से यह संदेश दिया गया कि हिंदू समाज को जाति, वर्ग और क्षेत्रीय भेदभाव से ऊपर उठकर एक सूत्र में बंधना होगा। सम्मेलन स्थल पर जयघोष, धर्मध्वज और राष्ट्रभक्ति के नारों से वातावरण गूंज उठा। भारत माता की जय के उद्घोष भी सुनाई दिए। मातृशक्ति, युवावर्ग और वरिष्ठ नागरिकों की उल्लेखनीय सहभागिता रही। कार्यक्रम में विशाल, अमन, अभिनव, अमित, शिवचरण, रामचंद्र, दीपक, योगेन्द्र, अरविंद, संदीप, अशोक, हेमंत, निर्भय, मनोहर, सुनील सहित बड़ी संख्या में क्षेत्रीय गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।








































