विशेश्वरगंज विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत कांधभारी में मंगलवार की रात में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के दौरान रुक्मिणी विवाह का भव्य प्रसंग प्रस्तुत किया गया। इस आयोजन को देखने और कथा श्रवण के लिए सैकड़ों श्रद्धालु कथा स्थल पर पहुंचे, जिससे देर शाम से ही पंडाल में भारी भीड़ उमड़ पड़ी। कथा स्थल पर पूरे समय भक्तिमय माहौल बना रहा। कथावाचक ने रुक्मिणी विवाह की कथा का भावपूर्ण और रोचक वर्णन किया। श्रीकृष्ण और रुक्मिणी के विवाह प्रसंग के दौरान पंडाल जयकारों से गूंज उठा और श्रद्धालु भावविभोर हो गए। इस धार्मिक आयोजन में महिलाओं, पुरुषों और बच्चों ने बढ़-चढ़कर भागीदारी की। ग्रामीणों के साथ-साथ आसपास के गांवों से भी बड़ी संख्या में लोग कथा सुनने पहुंचे और देर रात तक जमे रहे। श्रीमद्भागवत कथा रात करीब 11 बजे तक चली, जिसका श्रद्धालुओं ने पूरे मनोयोग से आनंद लिया। रुक्मिणी विवाह का मंचन कार्यक्रम का विशेष आकर्षण रहा। कलाकारों की प्रस्तुति की श्रद्धालुओं ने जमकर सराहना की। भजनों और मधुर संगीत ने वातावरण को और अधिक भक्तिमय बना दिया। आयोजन की व्यवस्थाएं भी सराहनीय रहीं। पंडाल, प्रकाश और ध्वनि व्यवस्था बेहतर रही, साथ ही सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए थे। कथावाचक ने कथा के माध्यम से धर्म, भक्ति, सत्य, प्रेम और करुणा का संदेश दिया। रुक्मिणी विवाह प्रसंग से आदर्श दांपत्य जीवन का संदेश भी मिला। कार्यक्रम के अंत में भगवान श्रीकृष्ण की आरती की गई, जिसमें श्रद्धालुओं ने सामूहिक रूप से भाग लिया। इसके बाद प्रसाद वितरण किया गया। ग्रामवासियों ने आयोजन की प्रशंसा करते हुए आयोजकों को धन्यवाद दिया। इस कार्यक्रम से गांव में धार्मिक उत्साह बढ़ा और सामाजिक एकता का संदेश मिला। पूरे गांव में उत्सव जैसा माहौल रहा। श्रद्धालुओं के चेहरों पर संतोष और आस्था झलकती रही। कार्यक्रम शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ और ऐसे आयोजनों को आगे भी जारी रखने की बात कही गई।
रुक्मिणी विवाह का प्रसंग सुनकर भावविभोर हुए श्रोता: कांधभारी में श्रीमद्भागवत कथा जारी, देर रात 11 बजे तक चला कार्यक्रम – Khanpur malloh(Payagpur) News
विशेश्वरगंज विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत कांधभारी में मंगलवार की रात में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के दौरान रुक्मिणी विवाह का भव्य प्रसंग प्रस्तुत किया गया। इस आयोजन को देखने और कथा श्रवण के लिए सैकड़ों श्रद्धालु कथा स्थल पर पहुंचे, जिससे देर शाम से ही पंडाल में भारी भीड़ उमड़ पड़ी। कथा स्थल पर पूरे समय भक्तिमय माहौल बना रहा। कथावाचक ने रुक्मिणी विवाह की कथा का भावपूर्ण और रोचक वर्णन किया। श्रीकृष्ण और रुक्मिणी के विवाह प्रसंग के दौरान पंडाल जयकारों से गूंज उठा और श्रद्धालु भावविभोर हो गए। इस धार्मिक आयोजन में महिलाओं, पुरुषों और बच्चों ने बढ़-चढ़कर भागीदारी की। ग्रामीणों के साथ-साथ आसपास के गांवों से भी बड़ी संख्या में लोग कथा सुनने पहुंचे और देर रात तक जमे रहे। श्रीमद्भागवत कथा रात करीब 11 बजे तक चली, जिसका श्रद्धालुओं ने पूरे मनोयोग से आनंद लिया। रुक्मिणी विवाह का मंचन कार्यक्रम का विशेष आकर्षण रहा। कलाकारों की प्रस्तुति की श्रद्धालुओं ने जमकर सराहना की। भजनों और मधुर संगीत ने वातावरण को और अधिक भक्तिमय बना दिया। आयोजन की व्यवस्थाएं भी सराहनीय रहीं। पंडाल, प्रकाश और ध्वनि व्यवस्था बेहतर रही, साथ ही सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए थे। कथावाचक ने कथा के माध्यम से धर्म, भक्ति, सत्य, प्रेम और करुणा का संदेश दिया। रुक्मिणी विवाह प्रसंग से आदर्श दांपत्य जीवन का संदेश भी मिला। कार्यक्रम के अंत में भगवान श्रीकृष्ण की आरती की गई, जिसमें श्रद्धालुओं ने सामूहिक रूप से भाग लिया। इसके बाद प्रसाद वितरण किया गया। ग्रामवासियों ने आयोजन की प्रशंसा करते हुए आयोजकों को धन्यवाद दिया। इस कार्यक्रम से गांव में धार्मिक उत्साह बढ़ा और सामाजिक एकता का संदेश मिला। पूरे गांव में उत्सव जैसा माहौल रहा। श्रद्धालुओं के चेहरों पर संतोष और आस्था झलकती रही। कार्यक्रम शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ और ऐसे आयोजनों को आगे भी जारी रखने की बात कही गई।









































