डुमरियागंज के राप्ती नदी तट पर स्थित परशुराम वाटिका में 17 और 18 जनवरी को मौनी अमावस्या के अवसर पर परंपरागत राम-राम कुश्ती दंगल का आयोजन किया जाएगा। यह ऐतिहासिक दंगल दो दिवसीय होगा। दंगल की तैयारियों का जायजा लेने के लिए हिन्दू युवा वाहिनी के प्रदेश प्रभारी राघवेंद्र प्रताप सिंह ने आज स्थल का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने आयोजन को सफल बनाने हेतु सहयोगियों को विभिन्न जिम्मेदारियां सौंपीं और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। राघवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि धर्म रक्षा मंच के तत्वावधान में आयोजित इस दंगल में देश-विदेश के नामचीन पहलवान अपने दांव-पेच का प्रदर्शन करेंगे। इसे देखने के लिए बड़ी संख्या में दर्शकों के उमड़ने की उम्मीद है। राम-राम दंगल की यह परंपरा कई वर्षों से चली आ रही है। हर साल हजारों की संख्या में श्रद्धालु और कुश्ती प्रेमी यहां पहुंचते हैं। इस बार भी रोमांचक मुकाबले होने की उम्मीद है, जिसमें विजेता पहलवान को ‘राम-राम केसरी’ की उपाधि से सम्मानित किया जाएगा।
डुमरियागंज में 17-18 जनवरी को राम-राम कुश्ती दंगल:परशुराम वाटिका में होगा भव्य आयोजन, देश-विदेश के पहलवान लेंगे हिस्सा
डुमरियागंज के राप्ती नदी तट पर स्थित परशुराम वाटिका में 17 और 18 जनवरी को मौनी अमावस्या के अवसर पर परंपरागत राम-राम कुश्ती दंगल का आयोजन किया जाएगा। यह ऐतिहासिक दंगल दो दिवसीय होगा। दंगल की तैयारियों का जायजा लेने के लिए हिन्दू युवा वाहिनी के प्रदेश प्रभारी राघवेंद्र प्रताप सिंह ने आज स्थल का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने आयोजन को सफल बनाने हेतु सहयोगियों को विभिन्न जिम्मेदारियां सौंपीं और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। राघवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि धर्म रक्षा मंच के तत्वावधान में आयोजित इस दंगल में देश-विदेश के नामचीन पहलवान अपने दांव-पेच का प्रदर्शन करेंगे। इसे देखने के लिए बड़ी संख्या में दर्शकों के उमड़ने की उम्मीद है। राम-राम दंगल की यह परंपरा कई वर्षों से चली आ रही है। हर साल हजारों की संख्या में श्रद्धालु और कुश्ती प्रेमी यहां पहुंचते हैं। इस बार भी रोमांचक मुकाबले होने की उम्मीद है, जिसमें विजेता पहलवान को ‘राम-राम केसरी’ की उपाधि से सम्मानित किया जाएगा।









































