महराजगंज में नए साल के जश्न के मद्देनजर वन विभाग ने सख्त निर्देश जारी किए हैं। जिले के वन क्षेत्रों में बिना वैध अनुमति के प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। वन विभाग के अनुसार, नए साल पर बड़ी संख्या में लोग पिकनिक मनाने जंगलों में जाते हैं। इससे वन्यजीवों की सुरक्षा खतरे में पड़ जाती है और पर्यावरण को भी नुकसान होता है। पिकनिक के दौरान आग जलाने, तेज आवाज में संगीत बजाने, प्लास्टिक कचरा फैलाने और लापरवाही से घूमने जैसी गतिविधियां वन्यजीवों और वनस्पति के लिए हानिकारक होती हैं। इन चिंताओं को देखते हुए विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी है। जिले के सभी संवेदनशील वन क्षेत्रों में दिन-रात गश्त तेज कर दी गई है। अवैध गतिविधियों और वन्यजीवों को नुकसान पहुंचाने वाली घटनाओं को रोकने के लिए विशेष टीमों का गठन कर निगरानी की जा रही है। जंगल की सीमाओं पर बैरियर लगाकर आवाजाही पर भी नजर रखी जा रही है। इस संबंध में डीएफओ ने जानकारी दी कि 31 दिसंबर की शाम से लेकर 1 जनवरी की शाम तक अवैध शिकार और अवैध प्रवेश पर पूरी तरह से प्रतिबंध लागू रहेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि नियम तोड़ने वालों पर भारी जुर्माना लगाने के साथ-साथ वन अधिनियम के तहत मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा। विभागीय अधिकारियों ने आमजन से अपील की है कि वे नए साल का जश्न मनाते समय नियमों का पालन करें और बिना अनुमति जंगलों में प्रवेश न करें। वन विभाग ने दोहराया है कि वन्यजीवों और जंगलों की सुरक्षा सर्वोपरि है और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
महराजगंज में नए साल पर जंगल प्रवेश प्रतिबंधित: वन विभाग ने बिना अनुमति प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया – Nichlaul News
महराजगंज में नए साल के जश्न के मद्देनजर वन विभाग ने सख्त निर्देश जारी किए हैं। जिले के वन क्षेत्रों में बिना वैध अनुमति के प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। वन विभाग के अनुसार, नए साल पर बड़ी संख्या में लोग पिकनिक मनाने जंगलों में जाते हैं। इससे वन्यजीवों की सुरक्षा खतरे में पड़ जाती है और पर्यावरण को भी नुकसान होता है। पिकनिक के दौरान आग जलाने, तेज आवाज में संगीत बजाने, प्लास्टिक कचरा फैलाने और लापरवाही से घूमने जैसी गतिविधियां वन्यजीवों और वनस्पति के लिए हानिकारक होती हैं। इन चिंताओं को देखते हुए विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी है। जिले के सभी संवेदनशील वन क्षेत्रों में दिन-रात गश्त तेज कर दी गई है। अवैध गतिविधियों और वन्यजीवों को नुकसान पहुंचाने वाली घटनाओं को रोकने के लिए विशेष टीमों का गठन कर निगरानी की जा रही है। जंगल की सीमाओं पर बैरियर लगाकर आवाजाही पर भी नजर रखी जा रही है। इस संबंध में डीएफओ ने जानकारी दी कि 31 दिसंबर की शाम से लेकर 1 जनवरी की शाम तक अवैध शिकार और अवैध प्रवेश पर पूरी तरह से प्रतिबंध लागू रहेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि नियम तोड़ने वालों पर भारी जुर्माना लगाने के साथ-साथ वन अधिनियम के तहत मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा। विभागीय अधिकारियों ने आमजन से अपील की है कि वे नए साल का जश्न मनाते समय नियमों का पालन करें और बिना अनुमति जंगलों में प्रवेश न करें। वन विभाग ने दोहराया है कि वन्यजीवों और जंगलों की सुरक्षा सर्वोपरि है और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।









































