चरणबद्ध आंदोलन की घोषणा, 10 दिसंबर से निजी वाहनों का उपयोग बंद
*15 दिसंबर से इंटरनेट डोंगल जमा करने का फैसला।*
रिपोर्ट:हेमन्त कुमार दुबे।
निचलौल/महराजगंज।
ग्राम पंचायत व ग्राम विकास अधिकारी समन्वय समिति, विकास खंड निचलौल के सदस्यों ने शुक्रवार को खंड विकास अधिकारी (BDO) कार्यालय के सामने शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन किया। अधिकारियों ने यह विरोध ऑनलाइन उपस्थिति व्यवस्था थोपे जाने और सचिवों से लगातार गैर-विभागीय कार्य कराए जाने के विरोध में किया।धरना स्थल पर समिति ने खंड विकास अधिकारी शमा सिंह को अपनी मांगों से संबंधित एक विस्तृत ज्ञापन भी सौंपा।
*अनावश्यक दबाव से कार्यकुशलता प्रभावित।*
इस संबंध में ग्राम विकास अधिकारी राजीव रामचंद्रन ने बताया कि प्रशासन द्वारा अधिकारियों पर अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें विभागीय दायरे से बाहर के कार्यों में लगाया जा रहा है, जिससे उनकी कार्यकुशलता और मुख्य विभागीय कार्यों का निर्वहन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।
*चरणबद्ध आंदोलन की रणनीति।*
समिति ने अपनी मांगों के लिए चरणबद्ध आंदोलन की घोषणा की है, जिसकी शुरुआत हो चुकी है:
*विरोध का तरीका।*
शुक्रवार से सभी ग्राम पंचायत अधिकारी एवं ग्राम विकास अधिकारी काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज करा रहे हैं, हालांकि वे नियमित शासकीय कार्यों का निर्वहन जारी रखे हुए हैं।
*ऑनलाइन कार्यों से दूरी।*
आज ही सभी सचिवों ने सरकारी व्हाट्सएप ग्रुपों से स्वयं को अलग कर लिया है, ताकि उन पर थोपे जा रहे अनावश्यक ऑनलाइन दबाव से मुक्त रहा जा सके।
*विरोध आंदोलन का अगला कदम।*
सचिवों ने निर्णय लिया है कि वे 10 दिसंबर से शासकीय कार्यों में अपने निजी वाहनों का उपयोग पूरी तरह बंद कर देंगे,तो वही 15 दिसंबर से विरोध को और प्रभावी बनाने के लिए सभी सचिव अपने इंटरनेट डोंगल को ब्लॉक कार्यालय में जमा कर देंगे। समिति ने स्पष्ट किया है कि उनका यह आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक है, जिसका मुख्य उद्देश्य उनके अधिकारों और गरिमा की रक्षा करना है। उन्होंने जिला प्रशासन से मांगों के शीघ्र समाधान की अपील की है और चेतावनी दी है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन को और तीव्र किया जाएगा।
इस विरोध-प्रदर्शन में ग्राम विकास अधिकारी राजीव रामचंद्रन, अब्दुल्ला अंसारी, रजनीश, पिंटू रौनियार, अवधेश पटेल, मोहम्मद अलहाक और वेंकटेश्वर पटेल सहित दर्जनों अधिकारी उपस्थित रहे।






























