साल भर में तीन से चार व्रत ऐसे होते हैं जब मॉ अपनी संतान की लम्बी उम्र के लिए या संतान सुख की प्राप्ति के लिए व्रत रखती हैं. उसी में से एक है अहोई अष्टमी का व्रत. इस दिन सभी मां अपने पुत्र की लंबी उम्र की कामना के लिए या संतान इच्छुक महिलाएं को संतान प्राप्ति के लिए व्रत अवश्य रखना चाहिए. इस दिन अहोई माता की भक्ति और तारों को अर्घ्य देने की परंपरा घर में खुशियों का संदेश देती है. अहोई अष्टमी का व्रत करवा चौथ के चार दिन बाद मनाया जाता है. इस दिन माताएं अपने बच्चों की लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य और खुशहाल जीवन की कामना करती हैं.
अहोई अष्टमी का व्रत कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखते हैं. इस साल अहोई अष्टमी का व्रत 13 अक्टूबर को रखा जाएगा. इस दिन संतान की सुरक्षा के लिए व्रत रखकर अहोई माता की पूजा की जाती है. इस व्रत में तारों को देखकर पारण करते हैं, वहीं कुछ स्थानों पर चंद्रोदय के बाद पारण का विधान है. इसमें मातांए अन्न और जल का सेवन नहीं करती हैं.