आखिरी दिन मुंबई में इतने हजार मूर्तियों का विसर्जन, सुरक्षा का रहा ऐसा इंतजाम

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Ganpati Visarjan 2024: मुंबई में 7500 से ज़्यादा गणेश-गौरी मूर्तियां विसर्जित की गईं. बृहन्मुंबई महानगरपालिका के मुताबिक किसी भी तरह की कोई अप्रिय घटना नहीं हुई.

Mumbai Ganpati Visarjan 2024: मुंबई में भगवान गणेश और देवी गौरी की 7,500 से अधिक मूर्तियों का मंगलवार शाम तक विसर्जन किया गया. शहर और महाराष्ट्र के बाकी हिस्सों में भक्तों ने अपने गजानंद देवता को विदाई दी. बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के अधिकारियों ने बताया कि विसर्जन के दौरान कहीं भी किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं है.

शाम छह बजे तक शहर में समुद्र, झीलों और कृत्रिम तालाबों में विसर्जित की गई मूर्तियों में से 7,227 घरेलू गणपति, 300 सार्वजनिक मंडलों की और लगभग 50 देवी गौरी की मूर्तियां थीं. इनमें से 2,880 मूर्तियों को कृत्रिम तालाबों में विसर्जित किया गया.

मध्य मुंबई के प्रसिद्ध सार्वजनिक गणेश प्रतिमा ‘लालबागचा राजा’ का विसर्जन जुलूस गिरगांव चौपाटी या समुद्र तट की ओर जाते हुए शाम करीब 6.30 बजे चिंचपोकली पहुंचा. बस सेवा बेस्ट ने विसर्जन जुलूस के कारण कई मार्गों पर बसों का मार्ग परिवर्तित किया है.

24,000 से अधिक पुलिस कर्मियों को किया गया है तैनात
अधिकारियों ने बताया कि पश्चिम रेलवे और मध्य रेलवे श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए देर रात विशेष ट्रेनें चलाएंगे. सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के लिए सड़कों पर 24,000 से अधिक पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है. हजारों घरेलू और सार्वजनिक गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन शहर भर में 204 कृत्रिम तालाबों के साथ-साथ गिरगांव, दादर, जुहू, मार्वे और अक्सा समुद्र तटों जैसे 69 प्राकृतिक जलाशयों में किया जाएगा.


बनाए गए 71 कंट्रोल रूम स्थापित
बीएमसी ने कहा कि उसने शोभा यात्रा प्रबंधन के लिए 12 हजार से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों को तैनात किया है और 71 कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं. इसने सुरक्षा उपाय के तौर पर शहर के समुद्र तटों पर 761 ‘लाइफगार्ड’ और 48 ‘स्पीड बोट’ तैनात की हैं. इस दौरान नागरिकों को गहरे समुद्र में जाने से बचने की सलाह दी गई है. सरकार ने समुद्र में मूर्ति विसर्जन करते समय नागरिकों को ब्लू बटन जेलीफिश और स्टिंगरेज़ के बारे में भी आगाह किया है.

निगरानी के लिए ड्रोन का भी कर रही है इस्तेमाल
पुलिस गिरगांव, दादर, बांद्रा, जुहू वर्सोवा और मध द्वीप के समुद्र तटों और पवई झील जैसे प्रमुख विसर्जन स्थलों पर निगरानी के लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल कर रही है. वे 8,000 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की भी निगरानी करेंगे. अधिकारियों ने बताया कि राज्य रिजर्व पुलिस बल, त्वरित प्रतिक्रिया दल, दंगा नियंत्रण पुलिस, होमगार्ड और महाराष्ट्र सुरक्षा बल को भी इसमें शामिल किया गया है.

उनके मुताबिक, 2,500 से अधिक यातायात पुलिसकर्मी शहर भर में वाहनों की सुचारू आवाजाही सुनिश्चित कर रहे हैं. कुछ सड़कें यातायात के लिए बंद कर दी गई हैं. कुशल समन्वय के लिए, विभिन्न प्रशासनिक प्रभागों में 192 .कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं तथा प्रमुख क्षेत्रों की निगरानी के लिए 66 अवलोकन टावर स्थापित किए गए हैं.

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