मुंबई में पिछले साल की तुलना में 230% ज्यादा बढ़ा चिकनगुनिया, रोज दो मरीज, नागपुर और पुणे का हाल भी बेहाल

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मुंबई में डेंगू और मलेरिया के बाद अब चिकनगुनिया ने भी लोगों को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। इस साल चिकनगुनिया के मामले पिछले साल के मुकाबले काफी बढ़े हैं। मुंबई का हाल भी बहुत खराब है। चिकनगुनिया के सबसे ज्यादा केस मुंबई में ही आए हैं।मुंबई : इस वर्ष डेंगी और मलेरिया के साथ चिकनगुनिया ने भी मुंबईकरों की सेहत को क्षति पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। बीएमसी स्वास्थ्य विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार, 3 वर्षों में इस वर्ष चिकनगुनिया के सबसे अधिक मामले मिले हैं। इस वर्ष प्रतिदिन औसतन 2 लोग बीमारी से संक्रमित मिले हैं। बीएमसी स्वास्थ्य विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार, 2022 में चिकनगुनिया के मात्र 22 मामले मिले थे। वर्ष 2023 में 250 मुंबईकर इस बीमारी से संक्रमित हुए थे। वहीं इस वर्ष जनवरी से लेकर अक्टूबर तक 578 लोगों में चिकनगुनिया की पुष्टि हुई है। आंकड़े दर्शाते हैं कि गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष के दस महीनों में करीब 230% ज्यादा मामले मिले हैं।

पिछले वर्ष की तुलना में 230 गुना ज्यादा मिले चिकनगुनिया के मरीज
नागपुर और पुणे के बाद मुंबई में चिकनगुनिया के सबसे अधिक मामले
इस वर्ष प्रतिदिन औसतन 2 लोग इस बीमारी से हुए संक्रमित

मुंबई : इस वर्ष डेंगी और मलेरिया के साथ चिकनगुनिया ने भी मुंबईकरों की सेहत को क्षति पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। बीएमसी स्वास्थ्य विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार, 3 वर्षों में इस वर्ष चिकनगुनिया के सबसे अधिक मामले मिले हैं। इस वर्ष प्रतिदिन औसतन 2 लोग बीमारी से संक्रमित मिले हैं। बीएमसी स्वास्थ्य विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार, 2022 में चिकनगुनिया के मात्र 22 मामले मिले थे। वर्ष 2023 में 250 मुंबईकर इस बीमारी से संक्रमित हुए थे। वहीं इस वर्ष जनवरी से लेकर अक्टूबर तक 578 लोगों में चिकनगुनिया की पुष्टि हुई है। आंकड़े दर्शाते हैं कि गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष के दस महीनों में करीब 230% ज्यादा मामले मिले हैं।

स्वास्थ्य विभाग से जुड़े एक अधिकारी के अनुसार, मुंबई में इस वर्ष बारिश अधिक समय रही। रुक-रुक कर बारिश होने से ताड़पत्री, बाहर फेंकी गई बोतलों, भंगार आदि में जमा हो जाता है। इसके अलावा मुंबई में जहां देखो, वहां निर्माण कार्य जारी है। ऐसे में मच्छरों को पनपने के लिए साफ पानी मिल जाता है। यहां तक कि घरों में भी मच्छरों के ब्रीडिंग स्पॉट मिलते हैं। इससे डेंगी, मलेरिया और चिकनगुनिया के अधिक मामले देखे गए। चिकनगुनिया के मामलों में वृद्धि को लेकर बीएमसी की कार्यकारी स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दक्षा शाह से फोन और मैसेज के माध्यम से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब नहीं मिला।

ऐसे फैलता है चिकनगुनिया
चिकनगुनिया एक वायरल बीमारी है, जो मुख्यतः एडीज मच्छर द्वारा फैलती है। ये मच्छर खासकर दिन के समय सक्रिय होते हैं और संक्रमित व्यक्ति के खून को चूसने के बाद अन्य लोगों को संक्रमित कर सकते हैं। चिकनगुनिया वायरस के लक्षणों में बुखार, जोड़ों में तेज दर्द, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, त्वचा पर रैशेज और थकावट शामिल हो सकते हैं।

कितना खरतरनाक चिकनगुनिया
सेंट जॉर्ज अस्पताल के अधीक्षक और मेडिसिन विभाग के यूनिट हेड डॉ. विनायक सावर्डेकर ने बताया कि इस बार चिकनगुनिया के काफी मामले ओपीडी में आए हैं। अबतक आए कुल मरीजों में से लगभग 50 फीसदी को एडमिट भी करना पड़ा है। जोड़ों में दर्द के साथ वायरल फीवर के लक्षण भी देखने को मिले।

रिकवरी में लगता है समय
वॉकहार्ट अस्पताल के इंटरनल मेडिसिन विभाग के निदेशक डॉ. बेहराम पार्डीवाला ने बताया कि इस बार चिकनगुनिया से बहुत ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। युवाओं में कम से कम 10 से 12 दिन रिकवरी में लग जाते हैं। लेकिन वयस्क में कई बार डेढ़ से दो महीने तक सिर, कमर और जोड़ो में दर्द की शिकायत रहती है। बुर्जुगों में तो रिकवरी में काफी लंबा समय लग जाता है।

नागपुर और पुणे के बाद मुंबई में अधिक मामले
प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, नागपुर और पुणे के बाद मुंबई में चिकनगुनिया के सबसे अधिक मामले पाए गए हैं। इस वर्ष अक्टूबर तक नागपुर में सबसे अधिक 1199, पुणे में 705 और मुंबई में 578 मामले रिपोर्ट हुए हैं। चौथे स्थान पर कोल्हापुर है, जहां 484 और पांचवें स्थान पर अकोला में 373 मामले रिपोर्ट हुए हैं।

राज्य में भी इस वर्ष सबसे अधिक मामले
मुंबई के अलावा राज्य में भी इस वर्ष चिकनगुनिया के सबसे अधिक मामले मिले हैं। आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2022 में राज्य में 1087 लोग संक्रमित हुए थे। वहीं 2023 में 1702 लोग इस बीमारी की जद में आए थे, लेकिन 2023 में आंकड़ा 4792 तक पहुंच गया है।

बचाव के लिए यह करें
-अपने आसपास जलजमाव न होने दें
-परिसर को साफ रखें
-घर के बाहर रखे ड्रम और सोसाइटियों की टंकी को ढंककर रखें

पैटर्न बदलने से बढ़े मामले
बीएमसी के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, मुंबई ही नहीं बल्कि राज्य में चिकनगुनिया के इस वर्ष अधिक मामले रिपोर्ट हुए हैं। यह पैटर्न कुछ वर्षों के अंतराल पर देखने को मिलता है। इस बार मॉनसून भी लंबे समय तक था और रुक-रुक हुई बारिश मच्छरों की ब्रीडिंग के लिए अनुकूल वातावरण बन गया। इसके अलावा कई जगहों में निर्माण कार्य चल रहा है, जहां पानी स्टोर किया जाता है। इन जगहों पर ब्रीडिंग स्पॉट मिले हैं। बीएमसी के कीटनाशक विभाग ने वैसे भी इस वर्ष सबसे अधिक ब्रीडिंग स्पॉट की पहचान कर उन्हें नष्ट किया है।