कुर्ला बेस्ट बस हादसे में इलेक्ट्रिक बसों के साथ ड्राइवर की अनुभवहीनता जिम्मेदार

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कुर्ला बेस्ट बस दुर्घटना की चल रही जांच में पुलिस ने खुलासा किया है कि बस चालक संजय मोरे ने इस साल 1 दिसंबर को ही इलेक्ट्रिक बस चलाना शुरू किया था, जिससे यह उसके लिए एक नया अनुभव बन गया. हालांकि, मोरे 1991 से भारी वाहन चला रहे हैं और उनके पास बसों सहित ऐसे वाहनों के संचालन के लिए वैध लाइसेंस है. घाटकोपर के असलफा गांव के निवासी मोरे को दुखद दुर्घटना के बाद कुर्ला पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.




अधिकारियों ने पुष्टि की है कि इलेक्ट्रिक बसों के साथ अपने हालिया अनुभव के बावजूद, मोरे के पास भारी वाहनों को संभालने में 33 साल का अनुभव है. पुलिस सूत्रों ने मिडडे को बताया, “बस चालक संजय मोरे ने पहले बेस्ट मिनी बसों और अन्य नियमित बसों का संचालन किया था. हालांकि, उन्हें इलेक्ट्रिक बसों के संचालन का ज्यादा अनुभव नहीं था. उन्होंने 1 दिसंबर को इलेक्ट्रिक बस चलाना शुरू किया और कुर्ला-अंधेरी मार्ग पर केवल नौ दिनों तक इलेक्ट्रिक बसें चलाईं. इससे पहले, मोरे ने मातेश्वरी ट्रांसपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड और हंसा ट्रैवल्स के साथ भी काम किया था.”

चल रही जांच में आगे बताते हुए, BEST के सूत्रों ने बताया, “हमें संदेह है कि बस में कोई तकनीकी खराबी थी या फिर इलेक्ट्रिक बस के कारण ड्राइवर ने गति पर नियंत्रण खो दिया था. इस घटना में लगभग 49 लोग घायल हुए हैं और अब तक सात लोगों की मौत हो चुकी है. बस ड्राइवर मोरे को भारी वाहन चलाने का 33 साल का अनुभव है.” BEST के सूत्रों ने आगे स्पष्ट किया कि क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) की टीम घटना के सभी संभावित कारणों की पहचान करने के लिए बस का गहन निरीक्षण करेगी.



उन्होंने कहा, “वास्तविक कारण RTO द्वारा निरीक्षण के बाद ही निर्धारित किया जाएगा.” इस घटना ने ड्राइवर के इलेक्ट्रिक बसों के सीमित संपर्क और वाहन में तकनीकी खराबी की संभावना पर ध्यान केंद्रित किया है. जांचकर्ता इस दुखद घटना के मूल कारण का पता लगाने के अपने प्रयासों के तहत यांत्रिक मुद्दों और मानवीय भूल सहित सभी पहलुओं की जांच करना जारी रखते हैं.

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