बेगानी शादी में अब्दुला बनने से बाज नहीं आ रहे ट्रंप, फिर दोहराया भारत-पाक में सीजफायर कराने का दावा

India-Pakistan ceasefire: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बेगानी शादी में अब्दुला बनने से बाज नहीं आ रहे। उन्होंने एक बार फिर से कहा है।

India-Pakistan ceasefire: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बेगानी शादी में अब्दुला बनने से बाज नहीं आ रहे। उन्होंने एक बार फिर से कहा है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच में सीजफायर कराया है। सऊदी अरब के रियाद में यूएस-सऊदी निवेश फोरम में ट्रंप ने कहा कि मैंने उन दोनों से कहा कि चलो कुछ सौदे करते हैं, व्यापार करते हैं। दोनों सीजफायर करने के लिए मान गए वरना लाखों की लाशें बिछ जाती।

भारत ने खारिज किया दावा
हालांकि इससे पहले भारत सरकार ने ट्रंप के इस दावे को खारिज कर दिया था कि अमेरिका ने व्यापार रोकने की धमकी देकर भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम कराने में मदद की है। विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा था कि पाकिस्तान के साथ चल रहे सीमा तनाव के दौरान वह अमेरिकी नेतृत्व के संपर्क में थे, लेकिन व्यापार पर कोई चर्चा नहीं हुई। भारत सरकार की ओर से यह स्पष्ट किया गया था कि संघर्ष विराम पर समझौता द्विपक्षीय था और इसमें किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं थी।

पहले क्या बोले थे ट्रंप
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि मैंने अपने शपथ ग्रहण के दौरान कहा था कि मुझे युद्ध पसंद नहीं है। मेरा सबसे बड़ा सपना दुनिया में शांति स्थापित करना है। हमारे पास दुनिया की सबसे शक्तिशाली सैन्य शक्ति है। ट्रंप के संघर्ष विराम के दावे का वहां मौजूद अरबपति एलन मस्क समेत कई उच्चस्तरीय अधिकारियों ने ताली बजाकर समर्थन किया। सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने भी इसकी तारीफ की।

सीजफायर पर क्या बोले मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा था कि आतंक और बातचीत एक साथ संभव नहीं है और पाकिस्तान को आतंकवाद रोकना होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि सैन्य अभियान स्थगित किया गया है, समाप्त नहीं हुआ है, और परमाणु ब्लैकमेलिंग बर्दाश्त नहीं की जाएगी। ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने पाकिस्तानी आतंकवादी शिविरों को नष्ट कर दिया, लगभग 100 आतंकवादियों को मार गिराया और उनके अंतिम संस्कार में पाक सेना के अधिकारी शामिल हुए। पाकिस्तान ने भारत पर हमला करके जवाबी कार्रवाई की, लेकिन भारी सैन्य और बुनियादी ढाँचे के नुकसान के बाद, 10 मई को युद्धविराम पर बातचीत की