धारा-116 के वादों के निस्तारण में जनपद को प्रदेश में मिला प्रथम स्थान

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श्रावस्ती,। जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी ने बताया है कि राजस्व वादों का समयबद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण निस्तारण शासन की शीर्ष प्राथमिकता है। इस सम्बन्ध में शासन द्वारा राजस्व वादों के समयबद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण निस्तारण की निरन्तर समीक्षा की जा रही है। राजस्व न्यायालय कम्प्यूटरीकृत प्रबन्धन प्रणाली (RCCMS) पोर्टल पर मासान्त नवम्बर, 2024 की रिपोर्ट की समीक्षा के उपरान्त मा0 मुख्यमंत्री कार्यालय, उ0प्र0 शासन द्वारा 09-12-2024 को विभिन्न धारावार टॉप-10 जनपदों की प्रदेश स्तरीय रैंक जारी की गयी है।उन्होने बताया कि मा0 मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी प्रदेश स्तरीय रैंक के अनुसार धारा-116 उ0प्र0 राजस्व संहिता के वादों (निजी भूमियों के आपसी बंटवारे का वाद) में माहः नवम्बर, 2024 में कुल लम्बित विचाराधीन वादों की संख्या के सापेक्ष कम वाद लम्बित होने के कारण टॉप-10 जनपदों की सूची में जनपद श्रावस्ती को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है एवं 05 वर्ष से अधिक अवधि के कोई वाद लम्बित न होने के कारण जनपद श्रावस्ती को छठा स्थान प्राप्त हुआ है।
इसी प्रकार धारा-34 उ0प्र0 राजस्व संहिता के वादों (खारिज-दाखिल के वाद) में माह नवम्बर 2024 में कुल लम्बित विचाराधीन वादों की संख्या के सापेक्ष कम वाद लम्बित होने के कारण टॉप-10 जनपदों की सूची में जनपद श्रावस्ती को सातवां स्थान प्राप्त हुआ है एवं 05 वर्ष से अधिक अवधि के कोई वाद लम्बित न होने के कारण जनपद श्रावस्ती को सातवां स्थान प्राप्त हुआ है।इसी प्रकार धारा-67 उ0प्र0 राजस्व संहिता के वादों (सार्वजनिक/ग्राम समाज भूमि से बेदखली के वाद) में माह नवम्बर 2024 में कुल लम्बित विचाराधीन वादों की संख्या के सापेक्ष कम वाद लम्बित होने के कारण टॉप-10 जनपदों की सूची में जनपद श्रावस्ती को द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ है।
जिलाधिकारी एवं अपर जिलाधिकारी(वि0/रा0) द्वारा राजस्व वादों के निस्तारण की प्रतिदिन समीक्षा करते हुए समस्त राजस्व पीठासीन अधिकारीगण को शासन के निर्देशानुसार अभियान चलाकर गुणदोष के आधार पर वादों का समयबद्ध रूप से निस्तारण करने के निर्देश दिए गए हैं एवं समस्त राजस्व पीठासीन अधिकारीगण द्वारा निर्देशानुसार नियमित रूप से वादों का गुणदोष के आधार पर त्वरित निस्तारण सुनिश्चित किया जा रहा है, जिसके कारण राजस्व वादों के निस्तारण में प्रगति परिलक्षित हुई है।