सिद्धार्थनगर में नर्वदेश्वर महराज की प्राण प्रतिष्ठा: रुद्र महायज्ञ में जुटे श्रद्धालु, जगतगुरु ने कहा- शास्त्र और संत दिखाते हैं धर्म का मार्ग

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सिद्धार्थनगर के डुमरियागंज में स्थित सिद्धपीठ मां वटवासिनी गालापुर महाकाली मंदिर परिसर में एक महत्वपूर्ण आयोजन हुआ। नवनिर्मित शिव मंदिर में भगवान नर्वदेश्वर महराज की प्राण प्रतिष्ठा के लिए चल रहे रुद्र महायज्ञ के छठे दिन नगर भ्रमण और मूर्ति मिलाप का कार्यक्रम आयोजित किया गया।

विधिवत पूजन के बाद यात्रा शुरू हुई। यह यात्रा कटेश्वरनाथ प्राचीन शिव मंदिर तक पहुंची। वहां मूर्ति मिलाप हुआ। इसके बाद सभी गालापुर लौटे, जहां कथा और प्रसाद वितरण का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में कई प्रमुख हस्तियों ने शिरकत की।

इनमें भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह, जगतगुरू रामानंदाचार्य स्वामी रामदिनेशाचार्य, हेमंत दास महाराज और महामंडलेश्वर आशुतोष महाराज शामिल थे।

जगतगुरू रामानंदाचार्य ने अपने प्रवचन में कहा कि कथाओं का लाभ तभी मिलेगा जब हम उनका अनुसरण करें। उन्होंने रामायण और महाभारत का उदाहरण देते हुए भरत जैसा आचरण करने की सीख दी। बृजभूषण शरण सिंह ने राम राज्य की स्थापना के लिए समाज के हर वर्ग को साथ लेने की बात कही।

उन्होंने कहा कि यह मंदिर भगवान शिव की इच्छा से बना है और हम सब केवल माध्यम हैं। उन्होंने बताया कि रामदिनेशाचार्य जी ने अपने वक्तव्य में कहां कि शिव, शक्ति व अयोध्या तीनों का यहां संगम हो गया हैं, इस मंदिर से प्रेम व सौहार्द्र का वातावरण बनेगा।

अभी महराज जी ने जो अपनी कथा कही हैं कि हमारा जो पारिवारिक जीवन हैं वह राम के व्यवहार से सीखना चाहिए, राममय होना चाहिए कि एक गद्दी को छोड़ता हैं तो दूसरा गद्दी को लेने को तैयार नहीं हैं, और आज घर घर में महाभारत हो रहा हैं, बेटा बाप से साथ लड़ रहा है, बाप बेटे के साथ लड़ रहा हैं, भाई भाई के साथ लड़ रहा हैं, सगे भाई सगे भाई के साथ लड़ रहा हैं, तो यह चीजें समाप्त होनी चाहिए।

लोगों में रामात्व का भाव होना चाहिए, अयोध्या का प्रभाव होना चाहिए, हस्तिनापुर का प्रभाव नहीं होना चाहिए।

इस दौरान मुख्य यजमान कुंवर आनंद सिंह, राजा योगेंद्र प्रताप सिंह, राजा ऐश्वर्यराज, संजय सिंह, गोपेन्द्र सिंह, हरि सिंह, महेंद्र पाल सिंह, सौरभ पाल सिंह, अमरनाथ सिंह, शिवेंद्र सिंह, अमरेश सिंह, दिनेश सिंह, जयवर्धन तिवारी, मनोज मौर्या, राम मूरत यादव, विनोद मिश्र बाबा, बलराम दासजी महाराज, ठाकुर प्रसाद मिश्रा, मुकेश मिश्रा, सूर्य प्रकाश आदि सहित भारी संख्या में श्रद्धालुगण मौजूद रहें।