धान कटने के बाद खेत में बोएं लहसुन : जानें, बुवाई का सही समय, खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी और तैयारी

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लहसुन की खेती के लिए दोमट और चिकनी दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त है। खेत में जल निकासी की व्यवस्था जरूरी है, क्योंकि पानी रुकने से कंद सड़ सकते हैं।

धान की कटाई के बाद किसानों के लिए सबसे लाभदायक विकल्पों में से एक लहसुन की खेती है। यह मसाले की प्रमुख फसल है, जिसका उपयोग हर घर की रसोई में स्वाद और औषधीय गुणों के लिए किया जाता है। लहसुन में सल्फर यौगिक, प्रोटीन, कैल्शियम, फॉस्फोरस और विटामिन प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। सही समय और तकनीक से की गई खेती किसानों को अच्छा उत्पादन और बाजार में ऊंची कीमत दिला सकती है।

कब करें बुवाई

एग्रीकल्चर एक्सपर्ट कहते हैं कि लहसुन ठंडी जलवायु की फसल है। इसकी बुवाई का सबसे उपयुक्त समय अक्टूबर से नवंबर है। हालांकि कुछ क्षेत्रों में किसान दिसंबर तक भी बो सकते हैं, लेकिन जल्दी बोई गई फसल अधिक उपज देती है और बाजार में बेहतर दाम मिलते हैं।

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जुताई कर मिट्टी को बनाएं भुरभुरी

लहसुन की खेती के लिए दोमट और चिकनी दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त है। खेत में जल निकासी की व्यवस्था जरूरी है, क्योंकि पानी रुकने से कंद सड़ सकते हैं। बुवाई से पहले खेत की 3-4 बार गहरी जुताई करके मिट्टी को भुरभुरी बनाना चाहिए। इसके बाद गोबर की सड़ी हुई खाद या कम्पोस्ट डालकर मिट्टी में अच्छी तरह मिला देना लाभकारी होता है।

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कैसे बनाएं क्यारी

खेती शुरू करने से पहले खेत में छोटी-छोटी क्यारियां बनानी चाहिए। क्यारी की चौड़ाई 1 से 1.2 मीटर और लंबाई जमीन की स्थिति के अनुसार रखी जा सकती है। क्यारियों के बीच 30-40 सेंटीमीटर की नालियां छोड़ी जानी चाहिए, ताकि सिंचाई और जल निकासी में आसानी हो।

लहसुन की बुवाई कलियों (पोतियों) से की जाती है। बीज के लिए स्वस्थ, मोटी और बिना रोग वाली कलियां चुननी चाहिए। प्रत्येक कली को 5-6 सेंटीमीटर गहराई पर मिट्टी में दबाकर बोया जाता है। कतार से कतार की दूरी 15 सेंटीमीटर और पौधे से पौधे की दूरी 7-8 सेंटीमीटर रखनी चाहिए। कलियों को सीधा और नुकीला हिस्सा ऊपर की ओर रखते हुए बोना आवश्यक है।

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सिंचाई और देखभाल

बुवाई के तुरंत बाद हल्की सिंचाई करनी चाहिए। इसके बाद हर 10-12 दिन पर सिंचाई करने से पौधों की बढ़वार अच्छी होती है। खरपतवार से बचाव के लिए समय-समय पर निराई-गुड़ाई करना जरूरी है। साथ ही जैविक खाद और उचित मात्रा में रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग उत्पादन बढ़ाने में मदद करता है। लहसुन की खेती में अगर किसान कलियों का चयन सावधानी से करें और खेत की देखभाल नियमित रूप से करें, तो उन्हें उच्च गुणवत्ता वाली उपज मिल सकती है। बेहतर गुणवत्ता का लहसुन बाजार में ऊंचे दाम पर बिकता है, जिससे किसानों की आय में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होती है।

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