चुनावी राजनीति की ‘खीझ’ या विकास से ‘चिढ़’? भेड़िया पंचायत में ‘फेसबुकिया शूरवीरों’ के प्रोपेगेंडा पर भारी पड़े प्रधान के प्रमाण!*

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रिपोर्ट:हेमंत कुमार दुबे।

निचलौल/महाराजगंज।कहते हैं कि ‘काम बोलता है’, लेकिन महराजगंज की ग्राम पंचायत भेड़िया में काम के साथ-साथ अब विरोधियों का ‘कलाम’ (दुष्प्रचार) भी बोल रहा है। विकास कार्यों से चर्चा में रहने वाली इस पंचायत में आजकल विकास की गति से ज्यादा विरोधियों की ‘डिजिटल छटपटाहट’ सुर्खियां बटोर रही है। मनरेगा पार्क के मिट्टी भराई कार्य को लेकर विभाग द्वारा मांगे गए एक सामान्य स्पष्टीकरण को विरोधियों ने ऐसे पेश किया मानो कोई बहुत बड़ा ‘पहाड़’ टूट पड़ा हो। लेकिन ग्राम प्रधान और सचिव ने मौके के साक्ष्य सार्वजनिक कर इन ‘फेसबुकिया प्रपंचियों’ के दावों की हवा निकाल दी है।

*विरोधियों का ‘डिजिटल रायता’ और साक्ष्यों का प्रहार।*
पिछले कुछ दिनों से फेसबुक और व्हाट्सएप की ‘यूनिवर्सिटी’ में कुछ स्वघोषित समाज सुधारक ग्राम प्रधान अखिलेश प्रकाश यादव की छवि धूमिल करने के लिए फर्जी दावों की फसल उगाने में जुटे थे। इन ‘डिजिटल योद्धाओं’ का तर्क था कि विभाग ने नोटिस दिया है, तो जरूर कुछ गड़बड़ होगी।इस पर पलटवार करते हुए प्रधान पक्ष ने ‘दूध का दूध और पानी का पानी’ कर दिया है। प्रधान ने स्पष्ट किया कि सरकारी प्रक्रिया में नोटिस और स्पष्टीकरण एक सामान्य कार्यप्रणाली है, जिसे चुनावी हार के मारे लोग’महाघोटाला’ साबित करने पर तुले हैं।

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*क्या है वायरल तस्वीरों का सच?*
विरोधियों के गुब्बारों की हवा निकालने के लिए प्रधान पक्ष ने जो तस्वीरें जारी की हैं, वे पूरी कहानी खुद बयां कर रही हैं। तस्वीरों में खंड विकास अधिकारी (BDO) शमा सिंह और सचिव राजीव रामचंद्रन स्वयं मौके पर खड़े होकर गुणवत्ता की जांच करते दिख रहे हैं।जब कार्य की निगरानी खुद जिले के जिम्मेदार अधिकारी कर रहे हों, तो उसे ‘अनियमितता’ बताना विरोधियों की बौद्धिक कंगाली ही दर्शाता है।ग्राम पंचायत अधिकारी के अनुसार, बजट का एक-एक पैसा धरातल पर पार्क के रूप में दिखाई दे रहा है।

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*चुनावी रंजिश: ‘मुंगेरीलाल’ के हसीन सपने।*
जानकारों का मानना है कि यह सारा प्रपंच चुनावी खुन्नस का नतीजा है। जो लोग चुनाव में जनता का दिल नहीं जीत पाए, वे अब ‘लाइक’ और ‘शेयर’ के जरिए अपनी राजनीति चमकाने की नाकाम कोशिश कर रहे हैं।
> “विपक्षियों की स्थिति उस छात्र की तरह हो गई है जो खुद तो फेल हो गया, लेकिन टॉपर की लिखावट में गलती निकाल रहा है। जिस कार्य का निरीक्षण स्वयं बीडीओ साहिबा ने किया, उसमें भ्रष्टाचार ढूंढना ‘दीये की रोशनी में सूरज’ ढूंढने जैसा है। हम अफवाह फैलाने वालों पर कानूनी कार्रवाई पर विचार कर रहे हैं।” > — अखिलेश प्रकाश यादव, ग्राम प्रधान (भेड़िया)
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ग्राम प्रधान ने जनता से अपील की है कि वे ‘फेसबुकिया प्रपंच’ से दूर रहें। नोटिस का जवाब समय पर विभाग को साक्ष्यों सहित दे दिया जाएगा। गांव की गलियों में चर्चा है कि विकास करने वाले के पास काम है, और विरोध करने वालों के पास सिर्फ ‘डाटा पैक’ और ‘खाली दिमाग’।

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