सुरक्षा से सतर्कता तक” – मिशन शक्ति 5.0 के तहत श्रावस्ती पुलिस ने 17 स्थानों पर लगभग 2100 महिलाओं/ बालिकाओं को किया जागरूक, आत्मरक्षा व अधिकारों के प्रति बढ़ाया आत्मविश्वास

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श्रावस्ती।जनपद पुलिस मिशन शक्ति 5.0 के अंतर्गत महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान, आत्मनिर्भरता एवं सशक्तिकरण* के उद्देश्य से निरंतर जनजागरूकता अभियान चला रही है। पुलिस अधीक्षक राहुल भाटी* के नेतृत्व में, अपर पुलिस अधीक्षक मुकेश चन्द्र उत्तम* एवं क्षेत्राधिकारीगणों* के पर्यवेक्षण में यह विशेष अभियान पूरे जनपद में प्रभावी रूप से संचालित किया जा रहा है।
इस अभियान के अंतर्गत जनपद के विभिन्न थाना क्षेत्रों — थाना को0 भिनगा, इकौना, गिलौला, सिरसिया, गिरंट, मल्हीपुर, सोनवा, महिला थाना एवं नवीन मॉडर्न थाना — के साथ-साथ शक्ति मोबाइल टीम* द्वारा *ग्रामों, विद्यालयों और कस्बों में कुल 17 स्थानों पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए*, जिनमें लगभग 2100 महिलाओं, बालिकाओं एवं छात्राओं* ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
इन कार्यक्रमों में प्रतिभागियों को महिला सुरक्षा के कानूनी अधिकारों, आत्मरक्षा के व्यवहारिक उपायों, साइबर सुरक्षा, ऑनलाइन लेन-देन में सतर्कता, सोशल मीडिया का सुरक्षित उपयोग, घरेलू हिंसा से निपटने के तरीके* एवं महिला सशक्तिकरण से संबंधित सरकारी योजनाओं* की विस्तृत जानकारी दी गई।
मिशन शक्ति टीमों ने *साइबर सुरक्षा* के संदर्भ में महिलाओं और छात्राओं को बताया कि अज्ञात लिंक पर क्लिक न करें, OTP या बैंक संबंधी जानकारी किसी से साझा न करें, संदिग्ध कॉल्स से सतर्क रहें* और *साइबर फ्रॉड की स्थिति में तत्काल 1930 या 112 नंबर पर संपर्क करें*।
इसके साथ ही *महिला बीट अधिकारियों* द्वारा आत्मरक्षा का व्यवहारिक प्रशिक्षण* भी दिया गया, जिसमें प्रतिभागियों को यह सिखाया गया कि संकट की स्थिति में *आसपास की वस्तुओं का उपयोग करके स्वयं की सुरक्षा कैसे की जा सकती है।प्रशिक्षण के दौरान छात्राओं एवं बालिकाओं ने *स्वयं रक्षा के गुर* सीखे और यह वादा किया कि वे *अन्य महिलाओं को भी इन तकनीकों से अवगत कराएंगी।कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, नारी शक्ति वंदन अधिनियम* एवं *रानी लक्ष्मीबाई बाल एवं महिला सम्मान कोष* जैसी *महिला कल्याणकारी योजनाओं* के विषय में भी विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई।
इन योजनाओं के माध्यम से सरकार द्वारा *महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और आर्थिक सशक्तिकरण* के लिए किए जा रहे प्रयासों पर भी प्रकाश डाला गया। अभियान के दौरान मिशन शक्ति टीमों ने महिलाओं और छात्राओं से संवाद स्थापित करते हुए उनकी *समस्याएं व सुझाव सीधे सुने* और जहां संभव था, मौके पर ही समाधान सुनिश्चित* किया गया। जो समस्याएं तत्काल हल नहीं हो सकीं, उन्हें *मिशन शक्ति केंद्र में दर्ज कर प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण हेतु अग्रेषित* किया गया।
ग्राम स्तर पर आयोजित बहू-बेटी सम्मेलन* में महिलाओं और बालिकाओं को यह भी बताया गया कि *किसी भी प्रकार की उत्पीड़न या हिंसा की स्थिति में वे बिना झिझक 1090, 181, 112, 108, 1098 या 1076* जैसी सरकारी हेल्पलाइन सेवाओं* का लाभ उठा सकती हैं। इसके अतिरिक्त उन्हें यह भी बताया गया कि *साइबर अपराध की शिकायतें साइबर थाने या साइबर हेल्पलाइन पर तत्काल दर्ज कराई जाएं।*
विद्यालयों में आयोजित कार्यक्रमों में छात्राओं को *नारी सशक्तिकरण, लैंगिक समानता, आत्मनिर्भरता और सम्मान के महत्व* पर चर्चा की गई। छात्राओं ने मिशन शक्ति टीमों से प्रश्न पूछे और *अपने अनुभव साझा किए*, जिससे वातावरण संवादात्मक और प्रेरणादायक बन गया।
मिशन शक्ति टीमों द्वारा यह संदेश भी दिया गया कि “हर महिला और बालिका का जागरूक, शिक्षित और आत्मनिर्भर होना ही समाज की सबसे बड़ी शक्ति है।”*
यह अभियान न केवल महिलाओं को सुरक्षा के प्रति सजग बना रहा है, बल्कि उनमें स्वाभिमान, आत्मविश्वास और नेतृत्व की भावना* भी विकसित कर रहा है। श्रावस्ती पुलिस* का यह सतत प्रयास “हर बहू-बेटी को सुरक्षित, सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने” के उद्देश्य की ओर एक ठोस कदम है। पुलिस प्रशासन यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि *जनपद श्रावस्ती की हर महिला और बालिका बिना भय के अपने सपनों को साकार कर सके।*

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