3 नवंबर 2025 ग्रहों का महासंगम वृश्चिक में सूर्य बुध कर्क में गुरु मंगल दुनिया और 12 राशियों का लेखा-जोखा

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ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, 3 नवंबर 2025 का दिन ब्रह्मांडीय ऊर्जा के एक महत्वपूर्ण संगम को चिह्नित कर रहा है, जब आकाश में ग्रहों की चाल एक विशेष गोचर (Transit) का निर्माण कर रही है, जिसका प्रभाव व्यक्तिगत जीवन से लेकर वैश्विक घटनाओं तक महसूस किया जा सकता है। यह महागोचर पश्चिमी ज्योतिष और भारतीय वैदिक ज्योतिष, दोनों ही प्रणालियों के लिए गहन विश्लेषण का विषय है, क्योंकि इस दिन कई प्रमुख ग्रह अपनी विशेष स्थितियों में हैं, जो आने वाले दिनों के लिए सामाजिक, आर्थिक और भावनात्मक प्रवृत्तियों की नींव रखेंगे। इस गोचर का सबसे महत्वपूर्ण केंद्र बिंदु वृश्चिक (Scorpio) राशि है, जहाँ संचार के कारक ग्रह बुध (Mercury) के साथ आत्मा और शक्ति के प्रतीक सूर्य (Sun) का गोचर हो रहा है। वृश्चिक जल तत्व की राशि है और इसका स्वभाव गहरा, खोजी और परिवर्तनकारी होता है, जिससे यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि नवंबर की शुरुआत में दुनिया भर में चर्चाएँ और निर्णय सतही न होकर गहन और गुप्त जानकारी पर आधारित होंगे; मीडिया और जासूसी (Intelligence) क्षेत्रों में बड़ी खबरें सामने आ सकती हैं, जो पुरानी सच्चाइयों को उजागर करेंगी और बड़े बदलावों को प्रेरित करेंगी।

इस महागोचर में तीन सबसे शक्तिशाली ग्रहों—गुरु (Jupiter), शनि (Saturn) और मंगल (Mars)—की स्थिति विशेष रूप से देखने योग्य है, जो एक अजीबोगरीब द्वंद्व और विरोधाभासी ऊर्जा का निर्माण कर रही है। एक ओर, देवगुरु बृहस्पति (Jupiter) अपनी उच्च राशि कर्क (Cancer) में विराजमान हैं, जो करुणा, पालन-पोषण, शिक्षा और घरेलू सुख के मामलों में अत्यधिक वृद्धि और सकारात्मकता का संकेत है। यह स्थिति सामाजिक स्तर पर परिवारों, बच्चों के कल्याण और शैक्षणिक संस्थाओं में बड़े सकारात्मक सुधारों को बल देगी, जहाँ परोपकार और धार्मिकता की भावना प्रबल होगी। दूसरी ओर, ऊर्जा और पराक्रम के ग्रह मंगल (Mars) भी इसी कर्क राशि में गोचर कर रहे हैं, जो ज्योतिषीय रूप से उनकी नीच (Debilitated) स्थिति मानी जाती है। मंगल का नीच होना अक्सर यह दर्शाता है कि ऊर्जा या तो अत्यधिक दमित (Suppressed) है या भावनात्मक रूप से अप्रभावी है; यह व्यक्तिगत स्तर पर संघर्षों को शांत करने में असमर्थता या आक्रामकता को सीधे टकराव के बजाय निष्क्रिय-आक्रामक तरीके से व्यक्त करने की प्रवृत्ति को दर्शाता है। वैश्विक स्तर पर, यह स्थिति सैन्य या राजनीतिक टकरावों में निर्णय लेने में भ्रम या भावनात्मकता को प्राथमिकता देने की ओर इशारा करती है। इन दोनों ग्रहों (मंगल और गुरु) का कर्क में साथ होना, जहाँ गुरु उच्च के हैं और मंगल नीच के, यह दर्शाता है कि एक तरफ जहाँ दया और ज्ञान का विस्तार होगा, वहीं दूसरी तरफ भावनात्मक अस्थिरता और संघर्ष की आंतरिक भावना भी प्रबल रहेगी, जिससे समाज में एक अजीब-सा ‘पुश-पुल’ माहौल बना रहेगा।

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तीसरा प्रमुख स्तंभ शनि (Saturn) है, जो अपनी मूलत्रिकोण राशि कुंभ (Aquarius) में गोचर कर रहे हैं। यह स्थिति शनि को अत्यंत मजबूत बनाती है और संरचनात्मक बदलावों, सामाजिक न्याय, दीर्घकालिक नियोजन और सामूहिक कल्याण से जुड़े मामलों पर उनका ध्यान केंद्रित करती है। कुंभ राशि में शनि तकनीकी प्रगति, सामाजिक नेटवर्किंग, और बड़े समूहों के बीच न्याय और समानता की माँगों को तेज़ करेगा। यह समय उन सभी संस्थाओं के लिए परीक्षा का होगा जो समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को ईमानदारी से नहीं निभा रही हैं, और उन्हें संरचनागत बदलावों के लिए मजबूर होना पड़ेगा। इसके अतिरिक्त, प्रेम और कला के कारक शुक्र (Venus) का गोचर धनु (Sagittarius) राशि में हो रहा है, जो संबंधों में उच्च आदर्शों, दर्शन और यात्रा के प्रति आकर्षण को बढ़ाता है। संबंध अब केवल शारीरिक या भावनात्मक न रहकर वैचारिक और आध्यात्मिक ऊँचाई की तलाश करेंगे, जिससे दूर-दराज के स्थानों पर रोमांटिक जुड़ाव या बौद्धिक साझेदारी संभव होगी। चंद्रमा मिथुन (Gemini) राशि में गोचर कर रहे हैं, जिससे संचार, यात्रा और जिज्ञासा की ऊर्जा वातावरण में छाई रहेगी, लेकिन यह अस्थिरता और विचारों की अधिकता भी ला सकता है।

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अब यदि इस सामूहिक ऊर्जा के प्रभाव को बारह राशियों (Rashi) पर अलग-अलग देखा जाए, तो यह गोचर सभी के लिए जीवन के विशिष्ट क्षेत्रों में उथल-पुथल या उन्नति लेकर आ रहा है। मेष (Aries) राशि वालों के लिए यह परिवर्तन अचानक लाभ या पैतृक मामलों में बदलाव ला सकता है, जहाँ उन्हें गहरी वित्तीय योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करना होगा, जबकि वृषभ (Taurus) राशि के जातकों के लिए साझेदारी और सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि के योग बनेंगे, लेकिन उन्हें अपनी वाणी पर नियंत्रण रखना होगा। मिथुन (Gemini) राशि के लिए स्वास्थ्य और दैनिक कार्यों में सुधार का समय है, हालांकि अत्यधिक बातचीत से बचना आवश्यक है। कर्क (Cancer) राशि, जहाँ गुरु उच्च के और मंगल नीच के हैं, उनके लिए यह व्यक्तिगत विकास, प्रसिद्धि और परिवार के मामलों में जबरदस्त वृद्धि का समय है, लेकिन उन्हें अपने क्रोध और बेचैनी पर ध्यान देना होगा, क्योंकि व्यक्तिगत पहचान और भावनाएँ चरम पर होंगी।

सिंह (Leo) राशि के लोगों को खर्चों और दूर की यात्राओं पर विशेष ध्यान देना होगा, जहाँ उन्हें आध्यात्मिकता या एकांत में समय बिताने से लाभ होगा। कन्या (Virgo) राशि के लिए यह आय में वृद्धि, सामाजिक नेटवर्क में विस्तार और इच्छाओं की पूर्ति का समय है, लेकिन उन्हें स्वास्थ्य संबंधी मामलों में अधिक व्यवस्थित होने की आवश्यकता होगी। तुला (Libra) राशि के जातकों के लिए करियर और सार्वजनिक जीवन पर वृश्चिक का प्रभाव गहन ध्यान केंद्रित करवाएगा; उन्हें सत्ता या नेतृत्व के साथ संवाद में सावधानी बरतनी होगी। वृश्चिक (Scorpio) राशि के लिए यह स्वयं को बदलने का, गहन चिंतन करने का और व्यक्तित्व को फिर से परिभाषित करने का समय है, जहाँ सूर्य और बुध उन्हें नई ऊर्जा और अभिव्यक्ति की शक्ति देंगे।

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आगे बढ़ते हुए, धनु (Sagittarius) राशि के लिए यह समय अध्यात्म, विदेशी संबंधों और छिपी हुई सच्चाइयों को समझने का है, वहीं प्रेम (शुक्र के प्रभाव से) उन्हें उच्च नैतिक मूल्यों की ओर ले जाएगा। मकर (Capricorn) राशि वालों के लिए यह आय और सामाजिक प्रतिष्ठा में स्थिरता लाने का समय है, लेकिन शनि की दृष्टि के कारण उन्हें अपनी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए धैर्य रखना होगा और बड़े समूहों में काम करना पड़ सकता है। कुंभ (Aquarius) राशि, जो शनि के घर में है, उन्हें व्यक्तिगत जिम्मेदारी, स्वास्थ्य और सार्वजनिक छवि पर अत्यधिक ध्यान देने की आवश्यकता होगी; यह उनकी क्षमताओं की कठोर परीक्षा का समय है जो दीर्घकालिक सफलता की नींव रखेगा। अंत में, मीन (Pisces) राशि के जातकों के लिए यह भाग्य, उच्च शिक्षा और धार्मिक यात्राओं के लिए एक उत्कृष्ट समय है, जहाँ गुरु की शक्ति उनके नवें भाव में शुभ परिणाम ला सकती है, हालांकि उन्हें भावनात्मक संघर्षों से बचने की सलाह दी जाती है। कुल मिलाकर, 3 नवंबर 2025 का यह गोचर हमें सिखाता है कि जीवन में उन्नति (बृहस्पति) और संघर्ष (मंगल) दोनों एक साथ चलते हैं, और स्थायी सफलता के लिए सामाजिक संरचनाओं (शनि) में धीमे और न्यायपूर्ण बदलाव आवश्यक हैं। यह समय आत्म-निरीक्षण, भावनात्मक प्रबंधन और समाज के प्रति जिम्मेदारी निभाने का है।

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