सरकार ने इंडिगो संकट के बीच तय किया एयर टिकटों का अधिकतम किराया अब 500KM की दूरी के लिए 7500 रुपये

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नई दिल्ली. देश के सबसे बड़े निजी एयरलाइन इंडिगो के हालिया संकट और उड़ानों की लगातार रद्द होने की घटनाओं के बीच केंद्र सरकार ने शुक्रवार को यात्रियों के हित में बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने घरेलू उड़ानों के लिए एयर टिकटों पर अधिकतम किराया तय कर दिया है. अब 500 किलोमीटर तक की दूरी के लिए टिकट की सीमा 7,500 रुपये तय की गई है. वहीं 500 से 1,000 किलोमीटर के लिए 12,000 रुपये, 1,000 से 1,500 किलोमीटर के लिए 15,000 रुपये और 1,500 किलोमीटर से अधिक की दूरी के लिए 18,000 रुपये से अधिक टिकट नहीं वसूले जा सकेंगे.

इस आदेश का उद्देश्य स्पष्ट है. पिछले सप्ताह इंडिगो एयरलाइन ने एक नवंबर से लागू हुई नई फ़्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) के बाद क्रू रोस्टर की गलत प्लानिंग के चलते लगभग 1,600 से अधिक उड़ानें रद्द कर दी थीं. इसके चलते यात्रियों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ा. उड़ानों की संख्या में अचानक कमी और मांग में बढ़ोतरी के कारण टिकटों की कीमतें कई गुना बढ़ गईं. दिल्ली–मुंबई राउंड-ट्रिप टिकट की कीमत ₹93,000 तक पहुंच गई, बेंगलुरु के लिए ₹92,000, कोलकाता के लिए ₹94,000 और चेन्नई के लिए लगभग ₹80,000 तक चली गई. आम तौर पर इन रूट्स पर राउंड-ट्रिप की कीमत ₹20,000 से ₹25,000 होती है.

सिविल एविएशन मंत्रालय ने इस आदेश में कहा है कि यह निर्णय पूरी तरह “जनहित में” लिया गया है. मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि एयरलाइंस अब तय की गई अधिकतम सीमा से अधिक किराया नहीं वसूल सकेंगी. यह नियम सभी बुकिंग पर लागू होगा, चाहे टिकट एयरलाइन की वेबसाइट से खरीदा गया हो या किसी ऑनलाइन ट्रैवल पोर्टल से. निर्देश में यह भी कहा गया है कि एयरलाइंस को अपनी सभी उड़ानों में टिकट की उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी और मांग वाले रूट्स पर क्षमता बढ़ाने पर विचार करना होगा.

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सरकार ने यह कदम इसलिए भी उठाया क्योंकि हाल के दिनों में इंडिगो के ऑपरेशनल संकट से न केवल यात्रियों की परेशानी बढ़ी, बल्कि पूरे हवाई परिवहन क्षेत्र में अस्थिरता देखने को मिली. कई रूट्स पर टिकटों की कीमतें आम दर से पांच से दस गुना तक बढ़ गईं. घरेलू उड़ानों की कमी और अचानक बढ़े किराए ने यात्रियों के लिए आर्थिक और समय संबंधी समस्याएं पैदा कर दी थीं. मंत्रालय ने कहा कि यह अस्थायी सीमा तब तक लागू रहेगी जब तक किराए सामान्य नहीं हो जाते या इसका पुनरावलोकन नहीं किया जाता.

मंत्रालय ने निर्देश दिया है कि प्रभावित यात्रियों को अधिकतम सहायता प्रदान की जाए, जिसमें रीबुकिंग विकल्प भी शामिल है. इसके साथ ही, एयरलाइंस को हवाई किराए में “असामान्य वृद्धि” से बचने का निर्देश दिया गया है. अधिकारियों ने कहा कि मौजूदा संकट के दौरान एयरलाइंस को अपनी नियामक जिम्मेदारी निभानी होगी और यात्रियों के हित को सर्वोपरि रखना होगा.

सरकार की ओर से जारी आदेश में स्पष्ट किया गया कि निर्धारित किराया सीमा अलग-अलग दूरी के लिए तय की गई है. 500 किलोमीटर तक के रूट पर 7,500 रुपये, 500–1,000 किलोमीटर पर 12,000 रुपये, 1,000–1,500 किलोमीटर पर 15,000 रुपये और 1,500 किलोमीटर से अधिक दूरी के लिए 18,000 रुपये से अधिक शुल्क नहीं लिया जाएगा. आदेश बिज़नेस क्लास और RCS-UDAN उड़ानों पर लागू नहीं होगा.

DGCA (डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) को निर्देश दिए गए हैं कि वह तय किए गए रूट्स पर किराए को मॉनिटर और नियंत्रित करे. मंत्रालय ने यह भी कहा कि एयरलाइंस को मांग अधिक होने पर अपनी क्षमता बढ़ाने पर विचार करना चाहिए ताकि यात्रियों को सुविधा मिल सके और उन्हें अत्यधिक कीमत का सामना न करना पड़े.

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सरकार का यह कदम यात्रियों के लिए राहत भरा है. पिछले कुछ हफ्तों में इंडिगो के ऑपरेशनल संकट के कारण घरेलू उड़ानों की संख्या में कमी आई और टिकटों के दाम अचानक बढ़ गए. मंत्रालय ने कहा कि एयरलाइंस को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे मौजूदा संकट का फायदा उठाकर अतिरिक्त किराया न वसूलें. यात्रियों को अब तय सीमा के भीतर टिकट खरीदने की सुविधा मिलेगी और यह स्थिति यात्रियों के हित में बनी रहेगी.

सिविल एविएशन मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह निर्णय अस्थायी है, और स्थिति सामान्य होने पर इसका पुनरावलोकन किया जाएगा. अधिकारी ने यह भी बताया कि सरकार का ध्यान हमेशा यात्रियों के हित और हवाई परिवहन की सुचारु कार्यप्रणाली बनाए रखने पर रहेगा.

सरकार की सख्ती से अब यात्रियों को अत्यधिक किराए और उड़ानों की अचानक रद्द होने से राहत मिलेगी. यह कदम इस बात का संकेत भी है कि सरकार घरेलू हवाई यात्रा को नियंत्रित और सुरक्षित बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए तैयार है.

इस बीच इंडिगो ने दावा किया है कि कंपनी का नेटवर्क लगभग 95% बहाल हो चुका है और उड़ानों की संख्या बढ़ाने का काम जारी है. मंत्रालय ने एयरलाइंस को निर्देश दिया है कि वे यात्रियों की शिकायतों और कठिनाइयों का समाधान करें और रीबुकिंग व अन्य सुविधाएं प्रदान करें.

इस पूरे घटनाक्रम के बाद यह स्पष्ट है कि सरकार ने यात्रियों के हित में समय रहते कदम उठाए हैं. घरेलू उड़ानों में अचानक बढ़े किराए और रद्द उड़ानों की समस्या के बीच एयर टिकटों की अधिकतम सीमा तय करना यात्रियों के लिए राहत की खबर है. अब यात्रियों को तय सीमा के भीतर टिकट खरीदने में आसानी होगी और उड़ानों की उपलब्धता भी बेहतर होगी.

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500 किलोमीटर तक के रूट के लिए 7,500 रुपये, 500–1,000 किलोमीटर के लिए 12,000 रुपये, 1,000–1,500 किलोमीटर के लिए 15,000 रुपये और 1,500 किलोमीटर से अधिक की दूरी के लिए 18,000 रुपये तय कर सरकार ने यात्रियों की जेब पर पड़ने वाले दबाव को कम किया है. यह निर्णय न केवल यात्रियों के लिए राहत भरा है बल्कि एयरलाइंस के संचालन में भी संतुलन बनाए रखने में मदद करेगा.

सरकार ने स्पष्ट किया कि यह आदेश तुरंत प्रभाव से लागू होगा और सभी एयरलाइंस को इसका पालन करना अनिवार्य होगा. तय सीमा के भीतर टिकट उपलब्ध कराना अब एयरलाइंस की जिम्मेदारी होगी, और किसी भी तरह की अतिरिक्त वसूली पर रोक रहेगी. यह कदम देश के हवाई परिवहन क्षेत्र में संतुलन बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण और समय पर लिया गया फैसला माना जा रहा है.

यात्रियों के लिए राहत और एयरलाइंस के संचालन में स्थिरता बनाए रखने के लिहाज से यह निर्णय बेहद अहम है. अब जबकि इंडिगो अपने ऑपरेशनल संकट से उबर रही है, सरकार की यह पहल यात्रियों और एयरलाइंस दोनों के लिए संतुलन बनाए रखने में सहायक साबित होगी.

इस आदेश से यह स्पष्ट होता है कि सरकार यात्रियों की सुरक्षा और हित के लिए सक्रिय है और किसी भी संकट के दौरान उचित कदम उठाने से पीछे नहीं हटती. घरेलू उड़ानों में स्थिरता और टिकटों की उचित कीमत सुनिश्चित करने के लिए यह निर्णय आने वाले समय में भी मार्गदर्शक साबित होगा.

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