भारतीयों की सामूहिक स्मृति में जब भी टमाटर राइस का ज़िक्र आता है, तो सबसे पहले दक्षिण भारतीय स्वाद याद आता है—जहाँ तमिल, कन्नड़ और तेलुगु घरानों में यह व्यंजन करी पत्ते, राई, मेथी, हरी और सूखी लाल मिर्च के तड़के के साथ शुद्ध शाकाहारी रूप में परोसा जाता है। लंबे समय तक यह मान्यता रही कि टमाटर राइस यानी हल्के मसालों के साथ एक झटपट बनने वाला साउथ इंडियन कम्फर्ट फूड।तामेटा ना चावल” का सीधा अर्थ होता है टमाटर वाला चावल (Tomato Rice)
लेकिन हाल ही में पारसी व्यंजनों को समझने की कोशिश में हमें एक ऐसी दिलचस्प जानकारी मिली, जिसने इस परंपरागत सोच को बदल कर रख दिया। ईरान और भारत में जब टमाटर पहली बार पहुँचे तो उन्हें गोझे फरंगी यानी “विदेशी फल” कहा गया। आज भी बंगाल में टमाटर को “बिलायती बैंगन” कहा जाता है। इसी पृष्ठभूमि से आया दामी-ए-गोझे फरंगी, एक पारंपरिक ईरानी टमाटर–चावल व्यंजन, और इसके भारतीय रूपांतरों में शामिल है तामेटा ना चावल, जिसे पारसी घरानों में बेहद पसंद किया जाता है।
लेखिका और फूड हिस्टोरियन नीलूफर मावलवाला की किताब The Route to Parsi Cooking: From Pars to India and Beyond में वर्णित यह रेसिपी इस बात का प्रमाण है कि भारत की पाक विरासत को समृद्ध करने में पारसी समुदाय का कितना बड़ा योगदान है। यह समुदाय सैकड़ों वर्ष पहले अत्याचार से बचने के लिए भारत आया और आज भारतीय भोजन को कई अनमोल व्यंजन दे चुका है—उनमें से एक है यह सुगंधित टमाटर राइस।
पुस्तक में इसका मूल रूप चिकन के साथ दिया गया है, लेकिन बदलते समय और बढ़ती शाकाहारी मांग को देखते हुए इसका एक ऐसा शुद्ध शाकाहारी संस्करण तैयार किया जा सकता है, जिसमें स्वाद, सुगंध और पारसी व्यंजनों का मूल भाव पूरी तरह सुरक्षित रहे। यहाँ चिकन की जगह सब्जियों का गाढ़ा स्टॉक, पनीर या टोफू का उपयोग किया जाता है। सलाह यह भी दी जाती है कि इस नाजुक, हल्की सुगंध वाली पारसी रेसिपी में “मखनी पनीर” जैसे भारी व्यंजन का संयोजन नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह मूल स्वाद को ढँक देता है।
आवश्यक सामग्री
1. वेज ब्रॉथ (सब्जी का शोरबा)
गाजर – 1
प्याज – 1 (स्लाइस)
लहसुन – 4 कलियाँ
अदरक – 1 इंच
तेजपत्ता – 1
काली मिर्च साबुत – 8–10
सूखी लाल मिर्च – 2
नमक – 1 चम्मच
पानी – 4 कप
तेल – 3 बड़े चम्मच
2. टमाटर ग्रेवी
ताज़े टमाटर – 3 कप (कटा या प्यूरी)
चीनी – 2 चम्मच
लहसुन – 4 कलियाँ
अदरक – 1 चम्मच
दालचीनी – 1 छोटा टुकड़ा
काली मिर्च – 8–10
आटा (थिकनेस के लिए) – 2 बड़े चम्मच
ताज़ा पुदीना – ½ कप
पनीर/टोफू क्यूब्स – 150 ग्राम
3. चावल के लिए
चावल – 2½ कप
टमाटर ग्रेवी – 1½ कप
वेज ब्रॉथ – 2 कप
दालचीनी – 1 टुकड़ा
नमक – ½ चम्मच
लाल मिर्च पाउडर – ½ चम्मच
तेल – 4 बड़े चम्मच
विधि
1. वेज ब्रॉथ तैयार करना
एक भारी तले की कड़ाही में तेल गरम करें। प्याज को सुनहरा रंग आने तक भूनें।
अब गाजर, अदरक, लहसुन, सूखी लाल मिर्च, काली मिर्च और तेजपत्ता डालें।
हल्का भूनने के बाद पानी डालें और 20–25 मिनट धीमी आंच पर पकाएँ।
ब्रॉथ को छानकर दो हिस्सों में बाँट लें—एक चावल के लिए और एक ग्रेवी के लिए।
2. टमाटर ग्रेवी बनाना
एक बर्तन में टमाटर, लहसुन, अदरक, दालचीनी, काली मिर्च और चीनी डालकर ढककर 15 मिनट पकाएँ।
इस बीच, आटे को तवे पर सूखा भून लें।
अब इसे ग्रेवी में मिलाएं, जिससे उसे हल्की क्रीमी गाढ़ापन मिल सके।
पनीर या टोफू के टुकड़े इसमें डालें और 10–12 मिनट धीमी आंच पर पकाएँ।
ग्रेवी के स्वाद में पुदीना डालने से तुरंत एक पारसी–स्टाइल ताज़गी जुड़ जाती है।
3. चावल पकाना
चावल को नमकीन पानी में आधा उबालकर छान लें।
एक कड़ाही में तेल गरम करें, उसमें दालचीनी, लाल मिर्च पाउडर और नमक डालें।
अब आधा उबला चावल मिलाएँ और तुरंत टमाटर ग्रेवी व वेज ब्रॉथ डालें।
मिश्रण उबलने लगे तो आंच धीमी कर दें और ऊपर से एक हल्का गीला कपड़ा डालकर ढक दें (दम वाली प्रक्रिया)।
लगभग 20 मिनट तक धीमी आंच पर पकने दें।
चावल जब फूलकर सुगंधित हो जाए तो उसे ढीले हाथ से चलाएँ।
परोसने का तरीका
पारसी अंदाज़ में plating की खासियत उसके सौंदर्य में होती है।
आप चाहे तो—
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छोटे कटोरे की सहायता से चावल को mound के रूप में परोसें
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ऊपर से थोड़ी ग्रेवी डालें
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पनीर/टोफू के टुकड़े एक तरफ सजाएं
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पुदीना या धनिया से गार्निश करें
इस रेसिपी की खूबी यह है कि यह पारसी पाक शैली की उस प्राचीन विरासत को आगे बढ़ाती है जो इस समुदाय ने अपने साथ ईरान से भारत लाई थी—एक बेहद छोटा समुदाय, पर भारतीय व्यंजनों को अविस्मरणीय सुगंध और तकनीक देने वाला।चाहे “धनसाक” हो, “साली बोटी” हो, या यह सुगंधित “तामेटा ना चावल”—पारसी भोजन ने भारतीय खान–पान को विविधता देने में एक अनोखी भूमिका निभाई है।




















